मुख्यपृष्ठ

शिल्प ही जीवन का आधार, शिल्प बिना सूना संसार

शिल्प ही जीवन का आधार, शिल्प बिना सूना संसार

शिल्प और शिल्पियों का मानव जीवन में बहुत महत्व है, एक किसान से लेकर, वैज्ञानिक, इंजीनियर, मेवैâनिकल, ऋषिमुनि व साधु सन्तों के जीवन में भी शिल्पियों का आधार है, संसार का कोई भी निर्माण कार्य का आधार शिल्प ही है, इस संसार में मील, कारखाना, उद्योग, कम्प्यूटर, मशीन, अस्त्र-शस्त्र आदि सभी निर्माण में विश्वकर्मा वंशियों की ही देन है। विश्वकर्मा जी कला, विज्ञान एवं शिल्प की दृष्टि से अग्रणीय थे, उपलब्ध साहित्य में उनके विज्ञान एवं शिल्प चातुर्य को देखकर सब चकित हो जाते हैं, उस समय की कला व विज्ञान, अत्यधिक उन्नत अवस्था को प्राप्त थी। विश्वकर्मा ने देवों के... ...
अत्याधुनिक चिकित्सा यंत्रों से सुसज्जित भीनमाल का नाहर अस्पताल

अत्याधुनिक चिकित्सा यंत्रों से सुसज्जित भीनमाल का नाहर अस्पताल

भीनमालः दानदाता एस.बी. नाहर द्वारा क्षेत्रवासियों को रियायती दरों पर गुणवत्ता युक्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए अस्पताल में अत्याधुनिक चिकित्सा यंत्र, डिजीटल एक्स रे, सीटी स्कैन व एमआरआई सहित अन्य आवश्यक उपकरण स्थापित किए गए है। अल्ट्रा साउण्ड, इको कार्डीयोग्राफी व अत्याधानिक उपकरणों से युक्त लेबोरेटरी आदि की सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं। नाहर गु्रप के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक सुखराज नाहर, सोहिनीदेवी नाहर, वाइस चैयरमेन अजय नाहर व सुश्री मंजू याज्ञनिक के निर्देशन में निर्मित भव्य हॉस्पीटल में आपातकालीन सेवाएं व सभी प्रकार के आपरेशन की सुविधा के अलावा आईपीडी सेवाएँ व आईसीयू उपलब्ध है। नवीनतम चिकित्सा उपकरण व... ...
दीपावली पर लक्ष्मीपूजन व्रत

दीपावली पर लक्ष्मीपूजन व्रत

दीपावली अथवा लक्ष्मीपूजन का व्रत और महोत्सव आज लोकमानस में इस प्रकार रम गया है कि उसे उससे पृथक् करने की कल्पना नहीं की जा सकती, इस भारतीय महोत्सव पर यदि कार्तिक कृष्ण अमावस चित्रा और स्वातियोग में हो तो उसे उत्तम माना गया है, इसके पूजन और अनुष्ठान के सभी कार्य यदि उस योग में किया जाये तो वे अत्यन्त सुखदायी फल देने वाले समझे जाते हैं, यह एक प्रकार का लक्ष्मी-व्रत ही है क्योंकि भारत में महालक्ष्मी को केन्द्रवर्ती बनाकर ही इसके सभी आयोजन क्रियान्वित होते हैंं। विधि-विधान : प्रात:काल जल्दी उठकर तेल मालिश अथवा उबटन कर स्नानादि से... ...
दीपदान की महिमा निराली

दीपदान की महिमा निराली

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी ‘धनतेरस‘ कहलाती है, इस दिन चांदी का बर्तन खरीदना अत्यन्त शुभ माना गया है, वस्तुत: यह यमराज से संबंध रखने वाला व्रत है, इस दिन सायंकाल घर के बाहर मुख्य द्वार पर एक पात्र में अन्न रख कर उसके ऊपर यमराज के निमित्त दक्षिणाभिमुख दीपदान करना चाहिए तथा उसके गन्ध आदि से पूजन करना चाहिए, दीपदान करते समय निम्नलिखित प्रार्थना करनी चाहिए, इस प्रकार मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भार्भया सह त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यज: प्रीयतामिती यमुना जी यमराज की बहन हैं, इसलिए धनतेरस के दिन यमुना स्नान का भी विशेष महातम्य है, यदि पूरे दिन का व्रत... ...
दीपावली और लक्ष्मी पूजन का महत्व

दीपावली और लक्ष्मी पूजन का महत्व

भारत एक धर्मनिर्पेक्ष राष्ट्र है, यहां पर सभी धर्म के मानने वालों को रहने व अपने-अपने धर्म के अनुसार विभिन्न त्यौहारों को मनाने का संवैधानिक अधिकार है। सबके अपने अलग-अलग प्रिय पर्व हैं जैसे मुस्लिम धर्म के मानने वाले ईद, क्रिश्चिन-क्रिसमस, सिक्ख-गुरुनानक जयंती को अपना विशेष त्यौहार मानते हैं उसी प्रकार हिंदू धर्म में होली, दिवाली, दशहरा आदि पर्वों का विशेष महत्व है। भारतीय सभ्यता व संस्कृति के इतिहास में अनादिकाल से भारतवर्ष में दिवाली पर्व खूब धूमधाम से मनाया जाता है, इसके पीछे एक पौराणिक कथा चली आ रही है- रामायण हिन्दुओं का पवित्र महाग्रंथ है जिसे महाकवि महर्षि बाल्मिकि... ...