सम्पादकीय
भारत की आजादी का श्रेय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ बिड़ला व बजाज परिवार को भी जाता है, मात्र आजादी ही नहीं भारतीय भाषायी संस्कृति संवर्धन के इतिहास में भी माहेश्वरीयों की कर्मठता का उल्लेख मिलता है।
जग जाहिर है कि ब्रह्माण्ड के रक्षक भोलेनाथ जिन्हें कई-कई नामों से हम पुकारते हैं जिनमें ‘महेश’ भी उल्लेखनीय है, भगवान महेश जी से जेष्ठ शुक्ला नवमी के दिन माँ पार्वती के आशीर्वाद से एक समाज की उत्पत्ति हुयी, आशीर्वाद यह मिला था कि भगवान शिव से प्राप्त वरदान प्रेमी कर्मठता, सुशीलता, संपन्नता, धैर्यता, मृदुलता आदि-आदि खिताबों से नवाजे जायेंगे, तभी तो करीब पॉच हजार सालों से अपने कार्यों की वरीयता ‘माहेश्वरी’ वंश बनाए हुए हैं।
वैसे ७२ गोत्रों से हुयी शुरुआत समयकालीन घट-बढ़ जरुर हुयी है पर आज भी भगवान महेश के ये भक्त एकता के सूत्र में बंधे हुए हैं, कई-कई बार कुछ विवादित घटनाएं सुनने या पढ़ने को मिल जाती हैं पर कार्य विशेष कर्मठ समाज पर किसी भी प्रकार का प्रश्नचिन्ह लगाया नहीं जा सकता।
पूर्णरुपेण माहेश्वरी अपने आपको राजस्थानी कहलाने में भी गर्वित महसूस करते हैं भले ही आज विश्व के हर कोने में प्रवासित हैं, भारत के साथ विदेशों की धरती पर कहीं भी रह रहे माहेश्वरी अपनी संस्कृति को नहीं भूलते और अपने वंशोत्पत्ति पर्व ‘महेश नवमी’ पर्व को आनंदपूर्वक सहपरिवार मिलकर मनाते हैं, भारत के हर कोने में निवासित नगर-शहर में झूमते गाते हैं, मिलकर कहते हैं कि हम हैं भगवान महेश के वंश ‘माहेश्वरी’!
‘मेरा राजस्थान’ जून महिने का अंक समस्त राजस्थानी परिवार के घरों की ११ जून ‘महेश नवमी’ पर्व के पूर्व शोभा बढायेगी और सम्मान प्राप्त करेगी, ऐसा मुझे विश्वास है।
एक बार पुनश्च: महेश नवमी पर्व पर हार्दिक शुभकामनायें।
जय भारत!
जय भारतीय संस्कृति!
मुंबई: संगीत की सुरमई शाम में अग्रवाल समाज ने संगठित होकर विकास की मंजिल को तय करने का संकल्प लिया है। अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन, मुंबई की ओर से वरली स्थित नेहरू सेंटर ऑडिटोरियम में गीत-संगीत व नृत्य के रंगारंग समारोह ‘चोरी-चोरी नजरें मिली’ में जब पाश्र्वगायिका संजीवनी भेलांडे व गायक शिवप्रसाद माल्या ने पुरानी फिल्मों के गीत प्रस्तुत किए तो उपस्थित अग्रवाल समाज झूम उठा।
सहकारिता क्षेत्र में दक्षिण भारत की बहुराज्यीय अनुसूचित बैंक ‘महेश बैंक’ को भारतीय बैंक संघ द्वारा मुंबई में वर्ष की टेक्नोलॉजी बैंक के रूप में पुरस्कृत किया गया। सहकारी क्षेत्र की बैंकों में मानव संसाधन के साथ तकनीकी संसाधनों का सर्वश्रेष्ठ उपयोग तथा पारदर्शी कार्यप्रणाली की अनुपालना के लिए भारतीय बैंक संघ द्वारा बैंकिंग क्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए दिए जाने पुरस्कारों से सम्मानित होने की हर बैंक की चाहत रहती है,