वस्त्र नगरी बालोतरा (Textile City Balotra)
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शिक्षा :
एमबीआर कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड आर्ट्स, सरकार जैसे कई सरकारी कॉलेज हैं। आईटीआई और निजी पॉलिटेक्निक कॉलेज भी शहर के बाहरी इलाके में स्थित हैं। डीआरजे सरकार गर्ल्स पीजी कॉलेज ऑफ साइंस, आर्ट्स, कॉमर्स फॉर गर्ल्स हायर एजुकेशन, नवकार विद्या मंदिर आदि स्थापित है। बालोतरा राजस्थान बोर्ड सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी परीक्षा में भी आगे है। कई एनजीओ यहां चल रहे हैं जैसे रोटरी क्लब, लायंस क्लब, महावीर इंटरनेशनल और हेल्पिंग हैंड आदि।
परिवहन के साधन :
बालोतरा रेलवे स्टेशन में आज से पहले एक मीटर गेज लाइन ‘बालोतरा’ से होकर गुजरती थी जिसे ब्रॉड गेज में बदल दिया गया। ‘बालोतरा’ अन्य शहरों जैसे जोधपुर, जयपुर, चंडीगढ़ आदि से जुड़ा हुआ है।
बालोतरा को ‘वस्त्र नगरी; के नाम से भी जाना जाता है :
यह जोधपुर से लगभग १०५ किमी दूर है। यह शहर हाथ ब्लॉक प्रिंटिंग और कपड़ा उद्योग के लिए और तिलवाड़ा में एक वार्षिक रेगिस्तान और पशु मेले के लिए जाना जाता है। बदलते समय के साथ ऐतिहासिक शहर बालोतरा पश्चिमी राजस्थान में एक प्रमुख और विकासशील शहर के रूप में उभरा है। कई कॉलेज, आधुनिक कारखाने, उच्च जीवन स्तर, परिवहन व्यवस्था, वैश्विक संपर्क और ऊंची इमारतें आज व्यवस्थित हैं।
म्हारो बालोतारा
मेरा ‘बालोतारा’ मेरा राजस्थान है
राजस्थान ही नहीं मेरा भारत है
इस शहर का अपना अलग स्थान है
मेरा ‘बालोतरा’ मेरे ह्य्दय की जान है
‘बालोतरा’ नगरी ऋषी मुनियों से भरी रहती है
नगरी सारी भक्ति के लिए खड़ी रहती है
ऋषी मुनियों की, नगरी के ऊपर कृपा है
भक्तों के अंदर, भक्ति का रंग छीपा है
‘बालोतरा’ के सैकड़ों जैनों ने पकड़ा, अध्यात्म का रास्ता
तोड़ दिया जिन्होंने संसार से वासना का रास्ता
उनके प्रति आज भी है हमारी अटुट आस्था
ये है हमारे ‘बालोतरा’ की अनुशास्ता
‘बालोतरा’ के पास नाकोडा तीर्थ प्रख्यात है
जहाँ भेरू जी और विराजमान नाकोड़ा पार्श्वनाथ है
जहाँ भक्तों पर भगवान के दोनो हाथ है
जहाँ भक्तों की भीड़ रहती दिन और रात है
‘बालोतरा’ का कपड़ा उद्योग सबसे बड़ा है
पुरे भारत के सामने अपने नाम से खड़ा है
कपड़े का रिजल्ट आता है १००³ में
सात्विकता है ‘बालोतरा’ के व्यापर में
१७ जुलाई १९७९ में ‘बालोतरा’ में बाढ़ आई थी
‘बालोतरा’ वासीयों ने सैकड़ों की जान बचाई थी
हमारी लुणी नदी सब गांवों को आपस में मिलाती है
उस दिन की हमें आज भी याद दिलाती है
बालोतरा शहर शादीयों के लिए रिसॉर्ट का बाग है
उसमें सबसे प्रख्यात हमारा लालबाग है
पुरे भारतवासी शादीयों के लिए यहां आते हैं
आज भी नये-नये रिसॉर्ट बनते जाते हैं
सेलजा, वीमल, सेन्चुरी, राहुल, बी.आई, बी.डी.
नवकार ये सारे ‘बालोतरा’ के नामचीन गु्रप है
ये सारे गु्रप हमारे ‘बालोतरा’ के वाटर पु्रफ है
इन्होंने ‘बालोतारा’ की गुडवील सारे भारत में बनाई है
यहाँ अग्रिम भुगतान के बिना माल की मनाई है
‘बालोतरा’ जैन समाज के विचार बड़े नेक हैं
स्थानक, मंदिर, तेरा, दिगम्बर सभी एक हैं
आपस में प्रेम और प्यार के दीप जलते हैं
सभी एक दुसरे को लेकर चलते है
एक बार जरुर ‘बालोतरा’ होकर आना
मनमोहन की मीठाई और पुखजी की कचोरी खाकर जाना
कचोरी के लिए बाजार में लाईन लगती है
‘‘पुखजी’’ के सीम्बोल से कचोरी बीकती है
‘बालोतरा’ का बहुत बड़ा इतिहास रचा हुआ है
हमारा बचपन वहीं बीता हुआ है
बचपन से हम पच्चपन में आ सकते हैं
लेकिन ‘बालोतरा’ को ह्य्दय से नहीं निकाल सकते है
‘बालोतरा’ के लिए जितना लिखूं उतना कम है
ज्यादा नहीं लिख पाया उसका मुझे गम है
आज भी ‘बालोतरा’ का ह्य्दय के अंदर रखता हूँ
मेरी जन्मभुमि को तहेदिल से प्रणाम करता हूँ
