जनवरी-२०१९
रणजीत टिबडेवाला
सी.ए. व समाजसेवी
झुंझुनूं निवासी-हरिद्वार प्रवासी
भ्रमणध्वनि: ९३५८२२०७५८
लगभग ११ वर्षों से हरिद्वार के प्रवासी रणजीत टिबडेवाला मूलत: राजस्थान स्थित झुंझुनूं के निवासी है, पर आपका जन्म व प्रारंभिक शिक्षा बिहार में सम्पन्न हुई है व उच्च शिक्षा दिल्ली से ग्रहण की, आपने सी.ए. की शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात इसे ही अपने रोजगार के रूप में प्रारंभ किया। आप एक सफल सी.ए. के रूप में कार्यरत हैं, साथ ही आप पैकेजिंग व ऑटोमोबाईल के कारोबार भी से जुड़े हैं। व्यवसाय के साथसाथ सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं से भी जुड़े, उत्तराखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन, हरिद्वार में जनरल सचिव के रूप में कार्यरत हैं, हरिद्वार स्थित अग्रवाल समाज में कार्यकारी सदस्य के रूप में भी सेवारत हैं। नव वर्ष के उपलब्ध में सम्पूर्ण राजस्थानि समाज को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ, समाज के सभी वर्गों का उत्थान व विकास हो, इसके लिए हमें एक दूसरे की सहायता करनी होगी।
अग्रवाल समाज सभी क्षेत्रों में अग्रणी है। सम्पन्न समाज का यह कर्तव्य है कि असहाय व जरूरतमंदों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहेें, तभी हमारे समाज का प्रत्येक घर सुखी व समृद्ध रहेगा। ‘मेरा राजस्थान’ एक उत्तम पत्रिका है, पत्रिका हम प्रवासी राजस्थानीयों को राजस्थान से जुड़े रहने का अहसास दिलाती है, जिसके लिए ‘मेरा राजस्थान’ परिवार धन्यवाद के पात्र है। सम्पादक बिजय कुमार जैन द्वारा ‘हिंदी बने राष्ट्रभाषा अभियान’ को सफलता अवश्य प्राप्त होगी, यह देश हित का कार्य है। ‘हिंदी’ से देश का प्रत्येक नागरिक जुड़ा हुआ है अत: ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक सम्मान अवश्य मिलना चाहिए।
राजस्थान का बीकानेर शहर मेरा जन्म स्थान है, मेरी शिक्षा भी बीकानेर में सम्पन्न हुई है, पिछले ४० वर्षों से कोलकाता में सहपरिवार प्रवासी हूँ, यहां टेक्साइटल के कारोबार से जुड़ा हूँ अपनी व्यस्तताओं के कारण सामाजिक संस्थाओं से जुड़ना संभव नहीं हो पाता, इसके बावजुद व्यक्तिगत रूप से सामाजिक कार्य करता रहता हूँ। नव वर्ष में सभी राजस्थानीयों व ‘मेरा राजस्थान’ के प्रबुद्ध पाठकों से यहीं कहूंगा कि नव वर्ष सभी के लिए मंगलमय हो, सभी समाज के जरूरतमंद लोगों की सहायता करें, तभी सभी ओर खुशियों का वातावरण निर्माण होगा। ‘मेरा राजस्थान’ बहुत अच्छी पत्रिका है, इस पत्रिका के माध्यम से विभिन्न प्रांतों में बसे राजस्थानियों से जुड़ने का अवसर प्राप्त होता है व राजस्थान के विभिन्न गांवों के रहन-सहन, खान-पान, संस्कृति-सभ्यता, धरोहर, इतिहास आदि की उत्तम जानकारी प्राप्त होती है जिसके लिए पत्रिका परिवार धन्यवाद का पात्र है।
रमेश कुमार लढ्ढा
व्यवसायी व समाजसेवी
बीकानेर निवासी-कोलकाता प्रवासी
भ्रमणध्वनि: ९४३३१२७२१५
‘हिंदी’ हम से जुड़ी है और हम हिंदी से, आज ‘हिंदी’ के बगैर किसी से सम्पर्क स्थापित नहीं किया सकता, इससे सरल व आसान भाषा अन्य कोई नहीं है, हिंदी के माध्यम से हम सभी के कार्य और आसान हो जाते हैं, अत: ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक अधिकार अवश्य प्राप्त होना चाहिए।
रवि मोदी
व्यवसायी व समाजसेवी
भागलपुर निवासी, मुंबई प्रवासी
भ्रमणध्वनि: ९३२१६०११९६
मुलत: बिहार स्थित भागलपुर के निवासी रवि मोदी व्यवसायिक तौर पर इंटिरियर कारोबार से जुड़े है। आपका जन्म व शिक्षा बिहार में ही सम्पन्न हुयी है, पिछले २२ वर्षों से सहपरिवार मुंबई के प्रवासी हैं, मुंबई स्थित कई सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं में विशिष्ट पदों पर कार्यरत है। मुंबई के चौरसिया, अग्रवाल व सुथार समाज के साथ अन्य संस्थाओं से भी जुड़े हैं। नव वर्ष के अवसर पर शुभकामना देते हुए कहते है कि हमें हमेशा सकारात्मक सोच अपनानी चाहिए, सकारात्मक सोच ही हमें सफलता की मंजिल तक पहुँचाएगी, साथ ही ‘मेरा राजस्थान’ पत्रिका व सभी राजस्थानी भाई -बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं। ‘मेरा राजस्थान’ में प्रकाशित संकलन काफी रोचक व ज्ञानवर्धक होता है, विशेष कर गांव पर प्रकाशित लेख काफी मनमोहक होते हैं, जिससे हमें राजस्थान के विभिन्न गांव की उत्तम जानकारी मिलती है। ‘हिंदी’ राष्ट्रभाषा नहीं बन पाई, यह एक विडंबना है। हिंदुस्तान के किसी भी क्षेत्र में चले जाएं बिना ‘हिंदी’ के बिना हमारा कार्य संभव नहीं होगा, ‘हिंदी’ है तो हम हैं, ‘हिंदी’ से देश का प्रत्येक नागरिक जुड़ा है, अत: ‘हिंदी’ राष्ट्र बनें, हम सभी को आशा है।
नव वर्ष राजस्थानी समाज व ‘मेरा राजस्थान’ पत्रिका के सभी पाठकों का मंगलमय हो, यही कामना करता हूँ, यह वर्ष सभी समाज के लोगों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आये, समाज के सभी वर्ग एक दूसरे की सहायता कर अपने समाज का नाम देश-दुनिया में रौशन करे, सभी अपनी मेहनत व लगन से उच्च मुकाम हासिल करे, क्योंकि शोहरत पाने का कोई आसान रास्ता नहीं है, ये कहना है, एम. के. साबू कॉलेज ऑफ कॉमर्स पिलानी के प्राचार्य डॉ सुखबीर जी का, जो पिछले ८ वर्षों से प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं। आप मूलत: पिलानी के पास स्थित चिड़ावा के कंवरपुरा के निवासी है जहां आपका जन्म व प्रारंभिक शिक्षा सम्पन्न हुयी, तत्पश्चात उच्च शिक्षा बगड़ में सम्पन्न की व
राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से आपने एम.फिल, पीएचडी की उपाधी प्राप्त की, पश्चात एम. के. साबू कॉलेज ऑफ कॉमर्स पिलानी में १९९० में व्याख्यता के पद पर कार्यरत हुए, आपका मुख्य विषय इतिहास रहा है।
डॉ. सुखवीर सिंह कटेवा
प्राचार्य, एम. के साबू कॉलेज,
पिलानी निवासी
भ्रमणध्वनि: ९४६०५८०८८५
१९७९-८० को राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ के उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत रहे, लोगों की सहायता करना अपना प्रथम कर्तव्य मानते हैं, इसलिए आज भी समाज सेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। ‘हिंदी’ हमारे राष्ट्र की पहचान है। आज देश-विदेश के लोग भी हिंदी भाषा को जानने व समझने लगे हैं, पर हमारे भारत में ही हिंदी को अभी तक उसका वास्तविक सम्मान नहीं मिल पाया जो दु:ख का विषय है। ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक सम्मान अवश्य प्राप्त होना चाहिए।
विशंभरदयाल गाडिया
व्यवसायी व समाजसेवी
झुंझुनूं निवासी-मुंबई प्रवासी
भ्रमणध्वनि: ९८२०३४३८९८
नये साल में जीवन में परिवर्तन करने का एक अच्छा मौका होता है, कई लोग नए संकल्प करते हैं और उन्हें निभाने का पुरजोर प्रयत्न करते हैं। आनेवाला नया साल हम सभी के लिए शुभ व मंगलमय हो यही कामना करता हूँ, नए वर्ष के आगमन पर कहना है विशंभर जी का। आप मूलत: राजस्थान के झुंझुनूं के निवासी है। आप का जन्म झुंझुनूं में हुआ है व आपने बी.कॉम., एल. एल.बी. तक की शिक्षा मुंबई से प्राप्त की, यहां लगभग ६० वर्षों से प्रवासी है। अपना स्वयं का टेक्सटाइल कारोबार चलाते हैं। मुंबई स्थित कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हैं, अपने गांव के लिए कुछ अच्छा करने के उद्देश्य से मुंबई स्थित झुंझुनूं प्रगति संघ से भी जुड़े हैं। ‘मेरा राजस्थान’ बहुत ही रोचक व ज्ञानवर्धक पत्रिका है, पत्रिका में राजस्थानी समाज कला संस्कृति की उत्तम जानकारी प्राप्त होती हैं।
गांव के विशेषांक काफी महत्वपूर्ण व ज्ञानवर्धक होते हैं, उस गांव के प्रत्येक क्षेत्र व वहां की प्रत्येक चीजों की जानकारी प्राप्त करना काफी महत्वपूर्ण होता है जिसके लिए पत्रिका परिवार प्रशंसा के प्राप्त है, ये पत्रिका इसी तरह प्रगति करते रहे यही कामना करता हूँ। आज की युवा पीढ़ि काफी प्रगतिशील है और इसे बनाए रखने के लिए वे विदेशी भाषा के प्रति काफी आकर्षित हैं, उन्हें अपनी मातृभाषा व राष्ट्रभाषा से जोड़ने की आवश्यकता है तभी हमारी संस्कृति की रक्षा हो सकती है।
वर्ष २०१९ सभी का मंगलमय हो यही कामना करता हूँ। हम-सब नव वर्ष का स्वागत करने के लिए ढेरों तैयारी करते हैं। नए साल में जरूरतमंदों की अधिक से अधिक मदद करना चाहिए ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सके व जीवन को एक बेहतरीन तरिके से जी सके। मेरा राजस्थान के शेखावटी स्थित फतेहपुर मूल निवास स्थान है, मेरा जन्म सम्पूर्ण शिक्षा यहीं हुई व १९९४ में व्यवसाय के निमित्त मुंबई आना हुआ व अपने पिता के कुरियर व कारगो व्यवसाय से जुड़ा, जो मेरे पिताजी ने प्रारंभ किया था, आज ‘स्पाइडर मैन’ के रूप में जाना जाता है, अपनी व्यस्तताओं के कारण सामाजिक संस्थाओं से जुड़ना संभव नहीं हो पाता फिर भी व्यक्तिगत रूप से सामाजिक कार्यों में संलग्न रहता हूँ।
विजय बरवारिया
व्यवसायिक व समाजसेवी
फतेहपुर निवासी-मुंबई प्रवासी
भ्रमणध्वनि: ९३२४२१३२१४
‘मेरा राजस्थान’ में प्रकाशित गांवों की विस्तृत जानकारी काफी रोचक होती है, जिनके बारे में हमने सुना भी नहीं होता समाज विषय की भी जानकारी उत्तम रहती है। ‘मेरा राजस्थान’ हम प्रवासी राजस्थानीयों को राजस्थान से जोड़ने वाली उत्तम पत्रिका है। सभी को अपनों से जुड़े रहना यानी मातृभाषा से जुड़ना, उसकी रक्षा करना व राष्ट्रभाषा के रूप में ‘हिंदी’ को सम्मान मिले तभी हमारे देश को पूर्ण गौरव प्राप्त होगा।
नवीन रूंगटा
पिलानी निवासी
विद्यार्थी-समाजसेवी
भ्रमणध्वनि: ८५०२०१६९६३
मूलत: हमारा परिवार राजस्थान के मंड्रेला का निवासी है जहां से लगभग ९० वर्ष पूर्व हम बगड़ आकर बस गये, यहां हमारा बुक सेल्स का व्यवसाय है। मेरा जन्म व शिक्षा बगड़ में ही सम्पन्न हुई है, पी. एच.डी. के शिक्षा प्राप्त कर रहा हूँ। यहां के सभी सामाजिक संस्थाओं से जुड़ा हुआ हूँ। लोक कल्याण संस्था के साथ होली मिलन समारोह, सामाजिक सुधार, रक्तदान शिविर, मतदान आदि कार्यों में संलग्न रहता हूँ, साथ ही भाजपा बगड़ के आय.टी. सेल प्रभारी के रूप में कार्यरत हूँ। ‘मेरा राजस्थान’ एक उत्कृष्ट पत्रिका है जिसमें राजस्थान व राजस्थानी संस्कृति व कला, यहां के गांवों के बारे में विभिन्न रोचक ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त होती है जो एक अच्छा संकलन है।
आज ‘हिंदी’ की अहमियत कम होती जा रही है इसका मुख्य कारण हमारी शिक्षा प्रणाली खत्म होना, हिंदी साहित्य का महत्व आज गुगल पर देखा जा सकता है। ‘हिंदी’ आम नागरिक से लेकर विशिष्ट पदों पर बैठे सभी से जुड़ी है यह सम्पर्क का मुख्य आधार है, अत: देश के सर्वांगीण विकास के लिए ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक सम्मान अवश्य प्राप्त होना चाहिए।
नव वर्ष पर समाज के सभी बंधुओं को हार्दिक शुभकामनाए देते हुए यह अपेक्षा रखता हूँ कि समाज का प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्तव्यों व जिम्मेदारियों को बड़ी ईमानदारी व लगन से निभाए, सामाजिक कार्यों के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों की सहायता की जाए और अपने जिम्मेदारी को निभाते हुए आयकर भरे व सोचे की हमारी आय ७०³ ही है जिससे समाज कल्याण का शुभ अवसर प्राप्त होता है। राजस्थान स्थित लाडनूं के मूल निवासी उमेदसिंह जी ३० वर्षों से चेन्नई के प्रवासी हैं आपका जन्म लाडनूं में हुआ व सम्पूर्ण शिक्षा बी.एस.सी., बी.टेक तक कोलकाता से प्राप्त की, गारमेंट एक्सोर्ट के कारोबार से जुड़े हैं सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़े है व व्यक्तिगत रूप से जरूरतमंदों की सहायता करते रहते हैं।
उमेदसिंह बोकडिया
व्यवसायी व समाजसेवी
लाडनूं निवासी-चेन्नई प्रवासी
भ्रमणध्वनि: ९८४१०२६८२०
‘मेरा राजस्थान’ बेहतरीन पत्रिका है। पत्रिका के माध्यम से राजस्थानी संस्कृति व कला से प्रवासी राजस्थानीयों से जोड़ने का एक अच्छा प्रयास है, जिसके लिए पत्रिका परिवार को ढेरों शुभकामनाएं, पत्रिका दिन-दुगनी तरक्की करे, यह कामना करता हूँ। ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान उतना ही मुश्किल है जितना अकेला चना भाड फोड़ने जैसा, क्योंकि भारत में इतनी बोलीयां व भाषाएं है और सभी अपनी मातृभाषा को प्रधानता देते हैं, यह एक राजनीतिक मुद्दा है जिसका हल निकालना मुश्किल लगता है।
सुरेशचंद्र मेहता
व्यवसायी व समाजसेवी
आमेट निवासी-बैंगलोर प्रवासी
भ्रमणध्वनि: ९०१९८०६०८०
राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित आमेट मेरा जन्मस्थान है, मेरी सम्पूर्ण शिक्षा भी यहीं सम्पन्न हुई है, तत्पश्चात गुजरात के नौसारी में किराणा के व्यापार से जुड़ा। गत कुछ वर्षों से बैंगलोर में गारमेंट के कारोबार से जुड़ा हूँ। सामाजिक सेवाओं में भी सतत कार्यरत रहता हूँ। जरूरतमंदों को आर्थिक सहायता, गरिब बच्चों को स्कुलों में बीना फिस दाखला दिलाना, गौशालाओं में चारे-भुसे की व्यवस्था करना आदि कार्यों में संलग्न रहता हूँ, नव वर्ष के आगमन पर मेरा यही कहना है कि नया वर्ष जीवन परिवर्तन का एक अच्छा मौका है। नये वर्ष की शुरूआत पर हम कई सारे नए संकल्प करते हैं व उसे निभाने का पूर्ण प्रयत्न भी करते हैं, सभी संकल्प में अवश्य सफल हों यही कामना करता हूँ, साथ ही सभी राजस्थान समाज के लोगों को नव वर्ष की शुभकामनाएं। ‘मेरा राजस्थान पत्रिका बहुत बढ़िया पत्रिका है जिसके माध्यम से प्रवासी राजस्थानीयों को राजस्थान से जुड़े रहने का अवसर प्राप्त होता है। अपनी मातृभाषा सभी को प्यारी होती है पर राष्ट्रभाषा का मुद्दा है तो वह ‘हिंदी’ को ही प्राप्त हो सकता है ‘हिंदी’ सभी भाषाओं को आपस में जोड़ती है।
६८ वर्षीय चेन्नई के प्रवासी डॉ राजकिशोर मूलत: बीकानेर के निवासी है, आपकी सम्पूर्ण शिक्षा तमिलनाडू में सम्पन्न हुई और M.CH, PAED, SURGERY की उपाधि १९८० में प्राप्त की। तत्पश्चात एक बालरोग सर्जन के रूप में कार्यरत है, आपने देश ही नहीं विदेशों में प्रसिद्धी प्राप्त की है। आपने देश विदेश के कई नामांकित अस्पतालों को अपनी सेवाएं प्रदान की है। अपोलो चिल्ड्रन हॉस्पीटल ने २०१७ में आपको ‘लाइफ टाइम अचिवमेंट’ अवार्ड से सम्मानित किया। राजस्थानी एसोसियेशन ऑफ तमिलनाडु ने आपको ‘राजस्थान श्री’ से सम्मानित किया। IMA, ASI,IAPS जैसी भारत के चिकित्सा क्षेत्र में प्रसिद्ध संस्थाओं के कार्यकारिणी का हिस्सा भी रहे है। १९७७ में जनरल सर्जरी के लिए डॉ. पू मोहन राव गोल्ड मेडल प्रदान किया गया है। तमिलनाडु मेडिकल सर्विस कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के रूप में भी कार्यरत रहे। स्वयं का ‘बारबी हॉस्पीटल’ भी है।
डॉ. राजकिशोर बागड़ी
बाल रोग सर्जन
बीकानेर निवासी-चेन्नई प्रवासी
भ्रमणध्वनि: ९८४१०२८२५२
जेठमल चांडक
व्यवसायी व समाजसेवी
जैसलमेर निवासी-चेन्नई प्रवासी
भ्रमणध्वनि: ९३८२२६६३३०
राजस्थान का जैसलमेर मेरा मूल निवास स्थान है मेरा जन्म व सम्पूर्ण शिक्षा यही सम्पन्न हुई है व पिछले ४४ वर्षों से चेन्नई में सहपरिवार प्रवासी हूँ यहाँ टेक्स्टाइल के कारोबार से संलग्न हूँ साथ ही यहां स्थित कई सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं से जुड़े हूँ, राजस्थानी एसोसियेशन में कार्यकारिणी सदस्य माहेश्वरी फुड बैक चेरिटेबल ट्रस्ट व राधाकुंज अपार्टमेंट में चेयरमेन तथा माहेश्वरी भक्त निवास में ट्रस्टी के रूप कार्यरत हूँ। चेन्नई का माहेश्वरी काफी प्रगतिशील समाज है, इस समाज के लोगों सामाजिक के साथ धार्मिक कार्यों
में भी बढ़चढ़ कर भाग लेते है व समाज के उत्थान के लिए सतत प्रयत्नशील है, विशेष कर महिलाओं के उत्थान व विकास के लिए सतत कार्यरत रहते है। यहां के माहेश्वरी समाज में विशेषकर जैसलमेर, बीकानेर व फलोदी के निवासी शामिल है।
युवाओं में उत्साह व सक्रियता लाने के लिए स्पोर्ट क्लब की स्थापना की गई वर्ष में एक बार माहेश्वरी सत्संग कमिटी द्वारा भागवत कथा का आयोजन किया जाता है। अन्य कार्यक्रमों व कार्यों में भी माहेश्वरी समाज अग्रणी भूमिका निभाता है। नव वर्ष के उपलक्ष में कहना है कि समाज की उन्नति हो तो देश की उन्नति होगी, नारी के सशक्ति के लिए विशेष रूप से कार्य करना होगा। जरूरतमंद की सहायता करनी चाहिए नव वर्ष का मंगलमय हो। सभी को अपनी मातृभाषा में ही बात करनी चाहिए, अन्य भाषा हम सीख सकते है पर अपनी मातृभाषा घरों में ही सिखी व बोली जा सकती है। मातृभाषा के माध्यम से ही संस्कारों का निर्माण किया जा सकता है व राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी सभी को जोड़ती है अत: हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए।
मूलत: राजस्थान के जोधपुर स्थित फलोदी के निवासी कमल जी १९८३ से चेन्नई के प्रवासी है। आपका जन्म व शिक्षा फलोदी में ही हुआ है। चेन्नई में टेक्सटाइल के व्यवसाय से जुड़े है, चेन्नई की कई राजस्थानी
समाजिक व धार्मिक संस्थाओं में कार्यकारिणी सदस्य व विशेष पदों पर कार्यरत है। नया साल लोंगो में काफी उम्मीद व इच्छा लेकर आता है साथ यह जीवन मे परिवर्तन करने का एक अच्छा मौका होता है, नए साल की शुरुआत में कई सारे लोग नए संकल्प करते है और उन्हे निभाने का पुरजोर प्रयत्न करते है, जरूरत मंदो की सहायता कर उनके जीवन में खुशिया लाने का अवसर प्रदान कर सकते है। अपने जीवन को एक नई उंचाई पर पहुंचाए यह मेरी शुभकामनाएं है। समाज के सभी लोग आपस में मिलजुलकर रहे व आपस में प्रेमभाव बनाए रखे। हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए, हिंदी बहुभाषायी भारत को आपस में जोड़ती है यह भारत की पहचान है।
कमल किशोर भैया
व्यवसायी व समाजसेवी
फलोदी निवासी-चेन्नई प्रवासी
भ्रमणध्वनि: ९३८३४८१८५०