

होलिका दहन
बैकुण्ठ लोक के द्वार खोलता है होलिका दहन वैदिक काल से ही ‘होलिकोत्सव’ को नवत्रिष्टि यज्ञ कहते आए हैं, कालान्तर में प्रहलाद को मारने का प्रयास जब उसके पिता राक्षस सम्राट हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका के द्वारा किया तो ‘होलिका’ तो भस्म हो गयी, परन्तु प्रहलाद बच गये, तभी से प्रहलाद के बचने की स्मृति और होलिका (बुराई) के दहन की याद में इसे पर्व के रुप में मनाया जाता है। मनाने की विधि:- ‘होली’ पर्व पूर्णिमा के दिन पड़ता है, अत: नर-नारी सत्यनारायण का व्रत रख कर सूर्यास्त से पूर्व पूजा करके ‘होलिका’ दहन की तैयारी आरम्भ करनी चाहिए,......
पीपाड़ शहर
जोधपुर जिले में एक शहर और नगर पालिका है ‘पीपाड़’ जो जोजरी नदी के किनारे बसा हुआ है, इसका नाम संत पीपा जी महाराज के जन्मस्थली होने से इसका नाम ‘पीपाड़’ पड़ा, कुछ लोग यह भी कहते हैं कि इसे पालीवाल ब्राह्मण, जो कि पीपा नाम से मशहूर थे उनके नाम से भी जाना जाता है। जनसंख्या इस शहर की आबादी लगभग ५०००० है, जिसमें ५२³ पुरुष ४८³ महिलाएं हैं, साक्षरता का दर लगभग ५२³ है। शिक्षा शिक्षा के क्षेत्र में ‘पीपाड़’ का नाम सर्वोच्च श्रेणी में आता है, यहां से हर वर्ष चार्टड अकाउंटेंट बनते हैं, जो यहां की जनसंख्या......
मातृभाषा का महत्त्व
इतिहास के प्रकाण्ड पण्डित डॉ. रघुबीर प्रायः फ्रांस जाया करते थे, वे सदा फ्रांस राजवंश के एक परिवार के यहाँ ठहरा करते थे, उस परिवार में एक ग्यारह साल की सुन्दर लड़की भी थी, वह भी डॉ. रघुबीर की खूब सेवा करती थी। एक बार डॉ. रघुबीर को भारत से एक लिफाफा प्राप्त हुआ, बच्ची को उत्सुकता हुई, देखें तो भारत की भाषा व लिपि कैसी है? उसने कहा-‘अंकल! लिफाफा खोलकर पत्र दिखायें। डॉ. रघुबीर ने टालना चाहा, पर बच्ची जिद पर अड़ गयी। डॉ. रघुबीर को पत्र दिखाना पड़ा। पत्र देखते ही बच्ची का मुँह लटक गया। अरे! यह तो......
महेश नवमी उत्सव
ुंबई: ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाई जाने वाली ‘महेश नवमी’ उत्सव की शुरुआत शिवोपासना के साथ की गई। मुंबई में रहने वाले माहेश्वरी समाज की विभिन्न संस्थाओं द्वारा ‘महेश नवमी’ के अवसर पर जगह जगह दो दिवसीय आयोजन किए गए, पहले दिन शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना के बाद बाबा भोलेनाथ का विभिन्न तरल पदार्थों से सामूहिक अभिषेक किया गया। उपनगरों में कई जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, भगवान शिव को समर्पित ‘महेश नवमी’ पर्व माहेश्वरी समाज के उत्पत्ति का पर्व होता है, इसमें भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है।......
राजस्थान से केंद्रीय मंत्री
नई दिल्ली: १८वीं लोकसभा के गठन के बाद नई दिल्ली में मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों ने अपने-अपने मंत्रालयों में पदभार ग्रहण किये। केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल राजस्थान के चारों सांसदों ने भी संबंधित मंत्रालयों में पदभार ग्रहण किया। जोधपुर से नवनिर्वाचित सांसद श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय में पदभार ग्रहण किया। पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा कि देश में संस्कृति के क्षेत्र में पिछले दस वर्ष अभूतपूर्व रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन अनुसार नए सोपान तय करने के लिए हमारी टीम शानदार काम करती रहेगी। केन्द्रीय मंत्री श्री शेखावत......