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जन आस्था का केन्द्र: श्री पंचदेव मन्दिर- झुंझुनूं कलियुग के चमत्कारी देव : झुंझुनूंवाले बाबा गंगाराम

जन आस्था का केन्द्र: श्री पंचदेव मन्दिर- झुंझुनूं कलियुग के चमत्कारी देव : झुंझुनूंवाले बाबा गंगाराम

राजस्थान के झुंझुनूं स्थित श्री पंचदेव मन्दिर के विष्णुअवतारी बाबा गंगाराम के प्रति लोगों की आस्था दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कलियुग में भक्तों के कल्याण के लिए प्रगट हुये बाबा गंगाराम प्रत्यक्ष देव हैं, इनके चमत्कारों को गिनना पृथ्वी के रज-कणों को गिनने के सामान है, अपने परम आराधक ‘भक्त शिरोमणि श्री देवकीनन्दन एवं शक्ति स्वरूपा देवी गायत्री’ के माध्यम से बाबा ने संसार को भक्ति और त्याग का जो दिव्य सन्देश दिया, वह अविस्मरणीय है। बाबा गंगाराम जी का अवतरण और लीलाएं: भारत भूमि का कोना-कोना परम पवित्र एवं आध्यात्मिकता के तेज से परिपूर्ण है। समय-समय पर इस पावन... ...
अपनी संस्कृति, मातृभाषा से जुड़े रहने के संदेश के साथ  सुरंगो राजस्थान कार्यक्रम संपन्न

अपनी संस्कृति, मातृभाषा से जुड़े रहने के संदेश के साथ सुरंगो राजस्थान कार्यक्रम संपन्न

कोलकाता: महानगर का एक हिस्सा पूरी तरह से राजस्थान के रंगों में डूब गया, जब राजस्थान की संस्कृति झलकाने वाले कार्यक्रम ‘सुरंगों राजस्थान’ का आयोजन हुआ। सीकर नागरिक परिषद, कोलकाता एवं सीकर जिला वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा सावन के महीने में ‘सुरंगों राजस्थान’ का द्वितीय संस्करण धूमधाम से संपन्न हुआ। कोलकाता के गोलाघाटा में द डिविनिटी पैवेलियन में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को अपनी मातृभाषा के प्रति जागरुक करना है ताकि आधुनिक दौर में भी सभी अपनी मातृभाषा, संस्कृति और संस्कारों से जुड़े रहें। इस आयोजन में विभिन्न तरह के पारंपरिक रंगारग कार्यक्रम, लोक-नृत्य, संगीत आदि पेश किए गए। इस... ...
स्वतंत्रता दिवस     १५ अगस्त १९४७

स्वतंत्रता दिवस १५ अगस्त १९४७

स्वतंत्रता दिवस भारतीयों के लिये एक बहुत ही खास दिन है क्योंकि, इसी दिन वर्षों की गुलामी के बाद ब्रिटिश शासन से भारत को आजादी मिली थी। भारतीय स्वतंत्रता दिवस के इस ऐतिहासिक और महत्वपर्ू्ण दिन के बारे में अपनी वर्तमान और आने वाली पीढियों को निबंध लेखन, भाषण व्याख्यान और चर्चा के द्वारा प्रस्तुत करते हैं। १५ अगस्त १९४७, भारतीय इतिहास का सर्वाधिक भाग्यशाली और महत्वपर्ू्णं दिन था, जब हमारे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सब कुछ न्योछावर कर भारत देश के लिये आजादी हासिल की। भारत की आजादी के साथ ही भारतीयों ने अपने पहले प्रधानमंत्री का चुनाव पंडित... ...
कैलाश धाम ( बिशनगढ़ गांव,जालोर)

कैलाश धाम ( बिशनगढ़ गांव,जालोर)

बिशनगढ़ गांव में मुख्य नाकोडा रोड पर स्थित विशालकाय शिव प्रतिमा एवं ३५ बीघा में फैला हुआ मंदिर परिसर कैलाशधाम ‘जालोर’ की विशेष पहचान बन गया हैं जो कि है राजस्थान का कैलाश धाम। ‘जालोर’ से सिर्फ ५ किलोमीटर दूर, बारिश में शिव प्रतिमा का स्वरूप और भी निखर जाता है। यहां का नजारा देखते ही बनता है। माहौल ऐसा कि ‘सत्य ही शिव हैं, शिव ही सुंदर हैं।’ विदित हो कि ७२ फीट ऊंची शिव की प्रतिमा एक किलोमीटर दूर से ही नजर आने लगती है। बिशनगढ़ गांव में बने शिव धाम में भक्तों का तांता लगा रहता था। सावन... ...
जालोर जिले की विशेषताएं

जालोर जिले की विशेषताएं

जालोर ग्रेनाइट उद्योग पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, जालोर, बाडमेर, पाली तथा सिरोही जिलों में ग्रेनाइट उद्योग अत्यन्त विकसित अवस्था में है, जिनमें ‘जालोर’ जिला सबसे आगे है, इस पत्थर की आयल्स बनाने का काम सबसे पहले यहीं आरम्भ हुआ। भारत सरकार के भू सर्वेक्षण विभाग की एक रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद राजस्थान सरकार का ध्यान इस ओर गया, इस रिपोर्ट में ग्रेनाइट पत्थर के क्षेत्रों को दर्शाया गया था। वर्ष १९६५ में राजस्थान सरकार ने खान एवं भू विभाग के माध्यम से एक ग्रेनाइट इकाई ‘जालोर’ में स्थापित की, जिसमें समस्त काम हाथ से होता था। वर्ष १९७१ में इसे... ...