श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव सम्पूर्ण मण्डल में, घर-घर में, मन्दिर-मन्दिर में मनाया जाता है, अधिकतर लोग व्रत रखते हैं और रात को बारह बजे ही ‘पंचामृत या फलाहार’ ग्रहण करते हैं, फल, मिष्ठान,वस्त्र, बर्तन, खिलौने और रुपये लुटाए जाते हैं, जिन्हें प्राय: सभी श्रद्धालु लूटकर धन्य होते हैं। गोकुल, नन्दगाँव, वृन्दावन आदि में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बड़ी धूम मचती है। छबीले का छप्पन भोग श्रीकृष्ण आजीवन सुख तथा मानव सेवा में
रहे, इसलिए जन्माष्टमी को इतने शानदार ढंग से मनाया जाता है,इस दिन अनेक प्रकार के मिष्ठान्न, पकवान बनाए जाते हैं। जैसे लड्डू, चकली,……………