Category: श्री बाबा गंगाराम की परम आराधिका

महेश नवमी उत्सव

महेश नवमी उत्सव

ुंबई: ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाई जाने वाली ‘महेश नवमी’ उत्सव की शुरुआत शिवोपासना के साथ की गई। मुंबई में रहने वाले माहेश्वरी समाज की विभिन्न संस्थाओं द्वारा ‘महेश नवमी’ के अवसर पर जगह जगह दो दिवसीय आयोजन किए गए, पहले दिन शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना के बाद बाबा भोलेनाथ का विभिन्न तरल पदार्थों से सामूहिक अभिषेक किया गया। उपनगरों में कई जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, भगवान शिव को समर्पित ‘महेश नवमी’ पर्व माहेश्वरी समाज के उत्पत्ति का पर्व होता है, इसमें भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है।...

राजस्थान से केंद्रीय मंत्री

राजस्थान से केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली: १८वीं लोकसभा के गठन के बाद नई दिल्ली में मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों ने अपने-अपने मंत्रालयों में पदभार ग्रहण किये। केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल राजस्थान के चारों सांसदों ने भी संबंधित मंत्रालयों में पदभार ग्रहण किया। जोधपुर से नवनिर्वाचित सांसद श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय में पदभार ग्रहण किया। पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा कि देश में संस्कृति के क्षेत्र में पिछले दस वर्ष अभूतपूर्व रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन अनुसार नए सोपान तय करने के लिए हमारी टीम शानदार काम करती रहेगी। केन्द्रीय मंत्री श्री शेखावत...

लाडनूं मारवाड़ का गौरव

लाडनूं मारवाड़ का गौरव

मारवाड़ के नागौर क्षेत्र की भूमि जो देश प्रेम, त्याग, शौर्य और बलिदान की अमर गाथाओं की वजह से दुनिया भर में मशहूर है, वहीं लोक कला, साहित्य, संस्कृति और स्थापत्य के क्षेत्र में भी सदा जानी जाती रही है, इसी ज़िले का ‘लाडनूं’ शहर अपनी नैतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक और सामाजिक चेतना तथा आध्यात्मिक दृष्टि से भी काफ़ी समृद्ध रहा है। विश्व चर्चित सभी राजस्थानी परिवार की पत्रिका ‘मेरा राजस्थान’ के प्रबुद्ध पाठकों को प्रस्तुत विशेषांक में ‘लाडनूं’ की ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि से रूबरू करवाते हैं: ‘लाडनूं’ ज़िला मुख्यालय नागौर से १००, जोधपुर से २५० और जयपुर से २१० किमी...

धर्म की ऐतिहासिक नगरी ‘लाडनूँ’

धर्म की ऐतिहासिक नगरी ‘लाडनूँ’

राजस्थान के नागौर जिले का प्रसिद्ध नगर है `लाडनूँ’, जो राजस्थान के नागौर जिले के उत्तरी-पूर्वी छोर पर बसा हुआ है, इतिहास कहता है कि प्राचीन काल में यह गंधर्व वन कहलाता था, क्योंकि गांधार लोग यहां क्रीड़ा करने के लिए आते रहते थे। महाभारत काल में यह एक विशिष्ट सामरिक सुरक्षा स्थल माना जाता था, जिससे इसे महाभारत कालीन में ‘नागरी’ भी माना जाता है। थली प्रदेश, नौवंâूटी मारवाड़ एवम् शेखावाटी का संगम-स्थल यह कस्बा जोधपुर-दिल्ली रेलवे मार्ग पर स्थित है, समुद्र तल से यह ३२९ मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। ‘लाडनूँ’ का प्राचीन नाम ‘चंदेरी’ भी रहा, इसके...

लजीज व्यंजनों के लिए मशहूर है लाडनूँ

लजीज व्यंजनों के लिए मशहूर है लाडनूँ

नागौर जिले का ‘लाडनूं’ कस्बा यूं तो अपनी विभिन्न विशेषताओं से देश प्रदेश में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। खान पान के मामले में भी यहां के व्यंजनों का स्वाद मुंह में पानी ला देता है। मिठाई की बात करें या फिर नमकीन की, चाहे बात हो सौंफ की, यहां के व्यंजनों की सुगंध दूर बसे प्रवासी भी नहीं भूल पाते, इस विशेषता के पीछे यहां के कुछ प्रसिद्ध हलवाई जुड़े हैं, जिनके नाम से ही नगर की पहचान भी जुड़ी हुई है। रामेश्वर के रसगुल्ले स्टेशन रोड पर स्थित एक दुकान पर दिनभर रसगुल्ले लेने वालों की कतार लगी रहती...

प्राच्यविद्या सम्मेलन

प्राच्यविद्या सम्मेलन

अणुव्रत आन्दोलन के प्रवर्तक, मानवता के मसीहा, इन्दिरागांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार से पुरष्कृत आचार्य तुलसी ने एक स्वप्न देखा कि जैन धर्म का भी एक ऐसा विश्वविद्यालय होना चाहिए जो प्राच्यविद्याओं विशेषकर जैनविद्या एवं आगमविद्या को सुरक्षित, संरक्षित, पुष्पित एवं पल्लवित कर सके। यह स्वप्न साकार हुआ जब २० मार्च, १९९१ को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सिफारिश पर, मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार ने जैन विश्वभारती संस्थान, लाडनूँ को मान्य विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता प्रदान की और विश्वविद्यालय के मान्य संविधान के अनुसार आचार्य तुलसी इसके प्रथम अनुशास्ता बने। महान दार्शनिक विभूति, महान साहित्यकार, जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्म संघ के...

प्राच्यविद्या सम्मेलन

प्राच्यविद्या सम्मेलन

युगप्रधान आचार्य श्री तुलसी इस युग के क्रान्तिकारी आचार्यों में एक थे। जैन धर्म को जन धर्म के रूप में व्यापकता प्रदान करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। वे तेरापंथ धर्मसंघ के नौवें आचार्य हुए। आचार्य श्री तुलसी का जन्म वि.सं.१९७१ कार्तिक शुक्ला द्वितीया को लाडनूं (राजस्थान) में हुआ। उनके पिता का नाम झूमरमलजी खटेड़ एवं माता का नाम वदनां जी था। नौ भाई बहनों में उनका आठवां स्थान रहा। प्रारम्भ से ही वे एक होनहार व्यक्तित्व के धनी रहे थे। वि.स.१९८२ पौषकृष्णा पंचमी को लाडनूं में ग्यारह वर्ष की अवस्था में पूज्य कालूगणी के करकमलों से उनका दीक्षा-संस्कार सम्पन्न हुआ।...

ठाणे अग्रवाल चैरिटेबल ट्रस्ट

ठाणे अग्रवाल चैरिटेबल ट्रस्ट

अग्रवाल चैरिटेबल ट्रस्ट, ठाणे (R) के द्वारा २८ जून को राज दीदी (श्री राजेश्वरी मोदी) के मुखारविंद से अमृतवाणी (सदा खुश रहने का मंत्र) काशीनाथ घाणेकर नाट्यग्रह में संपन्न हुआ, जिसमें करीब १२०० भक्तों ने अमृतवाणी का लाभ लिया। ट्रस्ट के पदाधिकरी श्री कैलाश जी गोयल, श्री सांवरमल अग्रवाल, श्री विकास बंसल, श्री पवन अग्रवाल, श्री जितेंद्र अग्रवाल, श्री संजय अग्रवाल, श्री सुनील टिबड़ेवाल के अथक प्रयासों से कार्यक्रम बहुत सफल रहा। ठाणे में राज दीदी का यह पहला कार्यक्रम रहा, जिसको सभी लोगों ने बहुत सराहा। कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था के सभी पदाधिकारियों ने चार महीनों अथक परिश्रम...

शिल्प ही जीवन का आधार, शिल्प बिना सूना संसार

शिल्प ही जीवन का आधार, शिल्प बिना सूना संसार

शिल्प और शिल्पियों का मानव जीवन में बहुत महत्व है, एक किसान से लेकर, वैज्ञानिक, इंजीनियर, मेवैâनिकल, ऋषिमुनि व साधु सन्तों के जीवन में भी शिल्पियों का आधार है, संसार का कोई भी निर्माण कार्य का आधार शिल्प ही है, इस संसार में मील, कारखाना, उद्योग, कम्प्यूटर, मशीन, अस्त्र-शस्त्र आदि सभी निर्माण में विश्वकर्मा वंशियों की ही देन है। विश्वकर्मा जी कला, विज्ञान एवं शिल्प की दृष्टि से अग्रणीय थे, उपलब्ध साहित्य में उनके विज्ञान एवं शिल्प चातुर्य को देखकर सब चकित हो जाते हैं, उस समय की कला व विज्ञान, अत्यधिक उन्नत अवस्था को प्राप्त थी। विश्वकर्मा ने देवों के...

अत्याधुनिक चिकित्सा यंत्रों

अत्याधुनिक चिकित्सा यंत्रों

भीनमालः दानदाता एस.बी. नाहर द्वारा क्षेत्रवासियों को रियायती दरों पर गुणवत्ता युक्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए अस्पताल में अत्याधुनिक चिकित्सा यंत्र, डिजीटल एक्स रे, सीटी स्कैन व एमआरआई सहित अन्य आवश्यक उपकरण स्थापित किए गए है। अल्ट्रा साउण्ड, इको कार्डीयोग्राफी व अत्याधानिक उपकरणों से युक्त लेबोरेटरी आदि की सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं। नाहर गु्रप के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक सुखराज नाहर, सोहिनीदेवी नाहर, वाइस चैयरमेन अजय नाहर व सुश्री मंजू याज्ञनिक के निर्देशन में निर्मित भव्य हॉस्पीटल में आपातकालीन सेवाएं व सभी प्रकार के आपरेशन की सुविधा के अलावा आईपीडी सेवाएँ व आईसीयू उपलब्ध है। नवीनतम चिकित्सा उपकरण व...

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