Category: श्री बाबा गंगाराम की परम आराधिका

मनोरंजन जगत

मनोरंजन जगत

फिल्में सदा से किसी भी संस्कृति के फैलाव का महत्वपूर्ण माध्यम रही है, लेकिन इस पैमाने पर यदि हम राजस्थानी फिल्मों का मूल्यांकन करें, तो परिणाम चिंताजनक दिखाई देता है। पूरी दुनिया में वीरता, त्याग और बलिदान की धरती के रूप में पहचाने जाने वाले राजस्थान की संस्कृति के फैलाव में राजस्थानी भाषा की फिल्में जो भूमिका अदा कर सकती थी, वो अब तक नहीं कर पायी है। सभी राजस्थानियों के लिए यह गर्व की बात है कि उनके पास विश्व की सबसे गौरवशाली ऐतिहासिक विरासते हैं। स्वर्णाक्षरों में अंकित राजस्थान के लोकेशन और सिचुएशन आज की पीढ़ी के लिए भी...

श्री आदर्श

श्री आदर्श

मुंबई: श्री आदर्श रामलीला समिति मुम्बई का ५५ वाँ रामलीला महोत्सव का शुभारंभ मुकेश शेट्टी ने सपत्नीक श्री गणेश पूजन कर किया। महोत्सव दिनांक ०९ अक्टूबर २०१८ से लेकर १८ अक्टूबर २०१८ तक गिरगाँव चौपाटी मुम्बई सागर तट पर संस्थाध्यक्ष शरण पी. खन्ना की अध्यक्षता, मानदमंत्री राजेन्द्र अग्रवाल के निर्देशन तथा बैजनाथ चतुर्वेदी (श्री अनंत रामलीला मंडल मथुरा) के संचालन में ४० कलाकारों द्वारा सम्पन्न किया गया। प्रतिदिन १० दिनों तक भगवान श्रीराम के विभिन्न चरित्रों के माध्यम से भक्तिमय व शिक्षाप्रद आयोजन का उपस्थित जन समूह ने लाभ उठाया। कार्यक्रम के अंतिम दिन १८ अक्टूबर २०१८ को राम-रावण युद्ध के...

मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के चौथे चरण का शुभारंभ

मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के चौथे चरण का शुभारंभ

दूसरे राज्य भी अपनाएं यह अभियान : मुख्यमंत्री ने कहा कि जल स्वावलम्बन अभियान को अन्य प्रदेशों में लागू करने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सिफारिश की है। नीति आयोग की नेशनल वाटर इंडेक्स रिपोर्ट में भी इस अभियान का विशेष उल्लेख किया गया है, केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने इस अभियान के प्रजेंटेशन के लिए हमें आमंत्रण दिया है ताकि अन्य राज्य भी इसे अपना सकें। ४.६६ फीट बढ़ा भूजल स्तर : श्रीमती राजे ने कहा कि इस अभियान में शामिल गांवों में औसतन ४.६६ फीट भूजल स्तर बढ़ गया है, ६३ प्रतिशत हैंडपम्प में दोबारा पानी आ गया है,...

सुजानगढ़ में  लगा

सुजानगढ़ में लगा

भामाशाहों की नगरी के नाम से विख्यात ‘सुजानगढ’ में दो दिवसीय सुजानगढ महोत्सव के दौरान गीतकार और संगीतकारों के बेटों ने भी मंच पर संगत कर महोत्सव में शिरकत कर रहे लोगों के रोमांच को दोगुना कर दिया। महोत्सव के दौरान सांस्कृतिक संध्या का आगाज सुजानगढ नागरिक परिषद समिति के अध्यक्ष के. सी. मालू ने गीतकारों और संगीतकारों का परिचय व सम्मान किया, इसके बाद पंडित भवदीप जयपुरवाले द्वारा गणपति जगवदंन भजन ने सुजानगढ के हजारों श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पंडित सुदीप जयपुरवाले ने मोहम्मद रफी का फिल्मी गीत …तुम जो मिल गए हो पेश किया, इस मौके पर सुजानगढ...

साहित्य कला मंच मुम्बई का

साहित्य कला मंच मुम्बई का

की प्रतिष्ठित धार्मिक सामाजिक संस्था ‘साहित्य कला मंच’ मुम्बई का ११ दिवसीय श्री रामलीला महोत्सव २०१८का शुभारंभ भूमिपूजन दिनांक ०८ अक्टूबर २०१८ को एवं रामलीला का प्रारंभ दिनांक ०९ अक्टूबर को संस्था के चेअरमैन उदेश अग्रवाल के सानिध्य में, संस्थाध्यक्ष सुशील व्यास की अध्यक्षता, महामंत्री गोपीनाथ मिश्रा के निर्देशन, ट्रस्टी उद्योगपति समाजसेवी महेश वंशीधर अग्रवाल के संयोजन, कार्याध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल के मार्गदर्शन वृंदावन निवासी जगमोहन शर्मा व उनकी मंडली के संचालन में १८ अक्टूबर २०१८ को रावण के पुतले के दहन एवं रामराज्य की आकर्षक झांकी के साथ सम्पन्न हुआ, ३९ वाँ महोत्सव सी.एस.टी. स्टेशन के सामने आजाद मैदान में दर्शकों...

अग्रबंधू सेवा समिति मुम्बई द्वारा

अग्रबंधू सेवा समिति मुम्बई द्वारा

अग्रबंधू सेवा समिति मुम्बई द्वारा ५१४३ वाँ महाराज अग्रसेन जयंती महोत्सव भव्य व विशाल शोभा यात्रा, महाराज अग्रसेन जी, कुलदेवी मातामहालक्ष्मी जी के साथ विभिन्न झाँकियाँ का समावेश था, घोड़ों पर अग्रवाल परिवार के १८ राजकुमार, बैंड-बाजा आदि सुसज्जित मलाड कॉ.आ.हा. सोसायटी प्रांगण, पोद्दार पार्क, मलाड पूर्व से निकाली गई, इस अवसर पर संस्थाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण अग्रवाल (मन्नू सेठ) मानदमंत्री उदेश अग्रवाल, कोषाध्यक्ष गोपालदास गोयल, महोत्सव के संयोजक व ट्रस्टी अमरीशचंद अग्रवाल, मनमोहन गुप्ता, किशनचंद गुप्ता, शोभायात्रा संयोजकों में जगदीश गुप्ता (ट्रस्टी), अनिल पी. अग्रवाल (उपाध्यक्ष), रामप्रकाश मित्तल (संयुक्तमंत्री), सदस्य गणेश गुप्ता, राजेन्द्र आर. अग्रवाल, संदीप अग्रवाल, संजीव अग्रवाल, राकेश अग्रवाल आदि...

दीपावली प्रथा

दीपावली प्रथा

हम त्यौहार मनाते हैं परम्परा के अनुसार जो चले आ रहे रीति-रिवाजों के अनुसार, लेकिन क्या हमने यह कभी जानने की चेष्टा की है कि ये त्यौहार कब से मनाये जा रहे हैं अथवा इसके मनाने के पीछे कारण क्या है, आखिर क्यों दीपावली को ही लक्ष्मीपूजा की जाती है? माँ लक्ष्मी प्रत्येक व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन की आराध्य हैं, संसार का आधार है, माँ महालक्ष्मी के मात्र धन से ही सुख, शांति नहीं मिलती, धन से भोजन खरीदा जा सकता है, लेकिन भूख या स्वास्थ्य नहीं। रुपया-पैसा हजारोंलाखों के पास हो सकता है, लेकिन जरुरी नहीं कि रुप, यौवन, प्रभुता,...

महाराजा अग्रसेन

महाराजा अग्रसेन

अग्रवाल सेवा समाज, मुंबई द्वारा महाराजा अग्रसेन जी की ५१४३ वीं जयंती पर दिनांक १० अक्टूबर २०१८ को कुलदेवी महालक्ष्मी जी, महाराजा अग्रसेन जी, १८ राजकुमार, फलों से युक्त अनेक मनोहारी झॉ कियों एवं बैण्डबाजे से सुशोभित भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। शोभा यात्रा अग्रसेन भवन ठाकुरद्वार से प्रारम्भ होकर सी.पी. टेंक, भूलेश्वर, कॉटन एक्सचेंज होती हुई कालबादेवी स्थित जूनी हालाई भाटिया महाजनवाडी पर स्वागत समारोह पुरस्कार वितरण एवं सहभोज के साथ सम्पन्न हुआ। सम्माननीय उद्घाटक राज के पुरोहित मंत्री महाराष्ट्र सरकार, समारोह अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी-अध्यक्ष महाराष्ट्र राज्य अग्रवाल सम्मेलन, स्वागताध्यक्ष चन्दकिशोर पोद्दार अध्यक्ष-अ.भा.व.मा.अग्र.जा.कोश, आकाश राज के. पुरोहित-नगर...

तुलसी विवाह कर कन्यादान का

तुलसी विवाह कर कन्यादान का

तुलसी विवाह एक पूजोत्सव है जो तुलसी और विष्णु के विवाह का उत्सव है। कार्तिक शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक मनाया जाने वाला यह त्यौहार है, कहा जाता है कि भाद्रपद माह एकादशी को भगवान विष्णु ने शंखासुर राक्षस को मारा था और विपुल परिश्रम करने के कारण उसी दिन सो गए थे, अत: इसे देवशयनी एकादशी भी कहते हैं। भाद्रपद एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक कोई भी माँगलिक कार्य विवाह आदि नहीं हो सकते थे, तुलसी का विवाह सम्पन्न हो जाने के बाद ही सभी माँगलिक कार्य होने की सम्भावना बनती है। तुलसी एक पूजनीय वनस्पति...

‘लक्ष्मी’ के वास्तविक अर्थ को समझना

‘लक्ष्मी’ के वास्तविक अर्थ को समझना

दीपावली के रात को जो हम पूजा करते हैं, उसे साधारण शब्दों में ‘लक्ष्मी पूजन’ कहा जाता है, आज ज्यादातर लोग समझते हैं कि लक्ष्मी का अर्थ है धन की देवी या रुपया-पैसा, जो कि बहुत ही संकुचित अर्थ हो गया है। वास्तव में इस शब्द का अर्थ बहुत गहरा व विशाल है, जिसे समझना बहुत जरुरी है। लक्ष्मी शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के ‘लक्ष’ धातु से हुई है। लक्ष का शाब्दिक अर्थ है ‘लक्ष्य’, जीवन के लक्ष्य की ध्यान पूर्वक खोज इत्यादि, इसका अर्थ ये है कि जब हम मन कर्म वचन से एकाग्रचित्त होकर कोई कार्य करते हैं तो...

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