सम्पादकीय
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सम्पादकीय ….
बिजय कुमार जैन
वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक
हिंदी सेवी-पर्यावरण प्रेमी
भारत को भारत कहा जाए का आव्हान करने वाला एक भारतीय
भारत का एक राज्य राजस्थान का एक जिला
बीकानेर का एक धार्मिक कस्बा नापासर
‘मेरा राजस्थान’ परिवार ने राजस्थान के कई कस्बे-गांव-नगर-शहर के इतिहास का प्रकाशन कर अपना कर्तव्य ही
नहीं निभाया, देश-दुनिया को यह बताया है कि ‘राजस्थान’ वीर और वीरांगनाओं के साथ धर्मपरायण भीरू ‘भारत’
का एक राज्य है।
हम विश्व में फैले राजस्थानी वर्ष २०२० में महामारी कोरोना की वजह से त्रस्त रहे, उससे हम अपनी कर्मठता से बहुत जल्दी ऊबर भी जाएंगे, लेकिन अपनी पावन मातृभूमि को ना भूलेंगे ना भूल पाएंगे। ‘नापासर’ राजस्थान का एक वह भूभाग है जिसे धर्म की नगरी कहा जाता है और सच्चाई भी यह है कि जब मैंने ‘नापासर’ की धरती का इतिहास संकलन करने का प्रयास किया तो सच कहता हूँ यहां के भामाशाहों द्वारा की गई धर्म सेवा व प्राणी मात्र की सेवा को प्रणम्य करने का ही मन बना और मन में एक ही भाव आया कि हम राजस्थानी चाहे कहीं पर भी रहें अपनी मातृभूमि को नहीं भूल पाते हैं और यह सच्चाई ‘नापासर’ के प्रवासियों के साथ रहवासियों के कार्यों से शत प्रतिशत प्रतीत भी हुई।
‘नापासर’ का प्रस्तुत विशेषांक आप सभी को कैसा लगा, जरूर मेरा मार्गदर्शन करें ताकि आगामी आने वाले गांव व शहरों के इतिहास को प्रकाशन करने में मुझे प्रोत्साहन मिले और मेरा ज्ञानवर्धन भी हो।
‘मेरा राजस्थान’ परिवार द्वारा एक आह्वान किया गया है कि हमारे देश का नाम अब केवल ‘भारत’ ही रहे। आज विदेशों में हमारे देश को ‘इंडिया’ के नाम से जाना जाता है जबकि हमारे देश में जाना जाता है २ नामों से ‘भारत और इंडिया’?
मित्रों! मैं पहले भी लिख चुका हूँ कि जब हम एक इंसान के नाम दो नहीं हो सकते तो फिर मेरे और आपके देश का नाम दो क्यों
मैं अपने देश के सभी भारतीय भाइयों से नम्र निवेदन करता हूँ कि वह अपने इर्द-गिर्द मित्रों, सहयोगीयों, संबंधियों को जागरूक करें कि ‘भारत को केवल भारत ही बोला जाए’ अभियान को सफल बनाने में अपने जीवन के अमूल्य समय की आहुति दें, ताकि भारत का नाम गौरवान्वित हो और विश्व में भारत को इंडिया के साथ नहीं केवल ‘भारत’ के नाम से ही पहचाना जाए, यह मेरी आप सभी से अपील है और मुझे पूरा विश्वास है कि भारत माँ के सम्मान के लिए हम सभी मिलकर कार्य करेंगे और विश्व में ‘भारत’ को गौरवान्वित करवाएंगे।
जय जय राजस्थान!
जय जय राजस्थानी!
मुंबई: संगीत की सुरमई शाम में अग्रवाल समाज ने संगठित होकर विकास की मंजिल को तय करने का संकल्प लिया है। अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन, मुंबई की ओर से वरली स्थित नेहरू सेंटर ऑडिटोरियम में गीत-संगीत व नृत्य के रंगारंग समारोह ‘चोरी-चोरी नजरें मिली’ में जब पाश्र्वगायिका संजीवनी भेलांडे व गायक शिवप्रसाद माल्या ने पुरानी फिल्मों के गीत प्रस्तुत किए तो उपस्थित अग्रवाल समाज झूम उठा।
सहकारिता क्षेत्र में दक्षिण भारत की बहुराज्यीय अनुसूचित बैंक ‘महेश बैंक’ को भारतीय बैंक संघ द्वारा मुंबई में वर्ष की टेक्नोलॉजी बैंक के रूप में पुरस्कृत किया गया। सहकारी क्षेत्र की बैंकों में मानव संसाधन के साथ तकनीकी संसाधनों का सर्वश्रेष्ठ उपयोग तथा पारदर्शी कार्यप्रणाली की अनुपालना के लिए भारतीय बैंक संघ द्वारा बैंकिंग क्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए दिए जाने पुरस्कारों से सम्मानित होने की हर बैंक की चाहत रहती है,