अनूठे प्रेम का उदाहरण श्री माहेश्वरी स्पोर्ट्र्स क्लब
by admin · Published · Updated
चेन्नई

चेन्नई: ५० वर्ष के इस लम्बे सफर में श्री माहेश्वरी स्पोर्ट्स क्लब ने अनेक मोड़ देखे हैं, जहाँ एक दिन में होने वाली इक्की-दुक्की प्रतियोगिताओं हेतु १-२ महीने भी कम पड़ने लगे, वहीं गिनती के कार्यकर्ताओं की जगह समाज के अनगिनत कार्यकर्ताओं की सेवाएँ मिलने लगी। सच मानो तो, हमारी संस्था की तर्ज पर अन्यत्र भी ऐसी संस्थाएँ कार्यरत हुई, विशेषकर वहाँ पर जहाँ हमारे कार्यकत्र्ता बसने लगे। चेन्नई नगर में भी दूसरी सामाजिक संस्थाएँ हमारा अनुसरण करने लगी, अनुशासन व समय की पाबंदी की सर्वत्र सराहना होने लगी।हमारी संस्था ने मंचीय कार्यक्रमों में भी अपनी महारत हासिल की। धन एकत्रित करने हेतु हमने धन्ना जाट, पत्थर बोल उठे, गोपाल भैया, झंकार, आ लौट के आजा मेरे मीत, नर तन है बड़ा अनमोल…इत्यादि अविस्मरणीय मंच कार्यक्रम समाज को दिये। आपके पुनश्च:स्मरण हेतु यह लिखना भी आवश्यक है कि हमारी संस्था ने चेन्नई नगर की नामी-गिरामी पितामह संस्था राजस्थानी एसोसिएशन तमिलनाडु के साथ कोष एकत्रित करके राजस्थानी ग्राउण्ड के लिए एक बहुत बड़ी राशि उस समय (१९७८- ८०) योगदान में दी थी। अपने रजत-जयंति वर्ष में जहाँ हमारी संस्था ने अखिल भारतवर्षीय ट्रेक खेल प्रतियोगिताएँ आयोजित की थी वहीं पर गत वर्ष अपने स्वर्ण जयंती वर्ष में अखिल भारतीय खेलखुद , क्रिकेट, शतरंज, वॉलीबॉल, बेडमिंटन, टेबल टेनिस का आयोजन करके पूरे राष्ट्रीय स्तर पर युवावर्ग को जोड़ने की सशक्त पहल की एवं पूरे देश में अपना नाम रोशन किया। बेंगलोर माहेश्वरी समाज के साथ अनेक क्रिकेट मैचों के आयोजन का श्रेय भी इसी संस्था को ही जाता है। खेलों के विकास की इस कड़ी में संस्था के निहित, एक कोष (स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड) का प्रावधान किया गया, जिसमें राजस्थान समाज द्वारा संचालित अनेक स्कूलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकारी को प्रतिवर्ष ट्रॉफियाँ दी जाने लगी जो आज तक अनवरत चालू है।
माहेश्वरी समाज के होनहार खेलखुद के छात्रों को भी, जो स्कूलों व कॉलेजों में समाज का नाम रोशन करते हैं, होली गोठ के अवसर पर सम्मानित करने का सौभाग्य भी हमें मिलता आ रहा है। परिवर्तन संस्कार का नियम है-सिद्धांत पर अमल करते हुए समयानुसार खेलकुदों में परिवर्तन अनवरत जारी है जो समय की माँग है। अपने वार्षिक व अन्य खेलों के दौरान पूरे समाज को अपने आगोश में लेनेवाली एवं बांधकर रखने वाली, अपने समाज की इस संस्था को एकमात्र संस्था कहने में किसी को भी संकोच व संशय नहीं होना चाहिए, जहाँ नवजात शिशु से लेकर बुजुर्गगण तक पुरूष-महिलाएँ अपना जौहर दिखाते हैं। संस्था में अगर किसी का सबसे बड़ा योगदान है तो नि:संकोच पूरे समाज के भाई बहनों का, जिनका अपार स्नेह, सहयोग व प्रेम श्री माहेश्वरी स्पोर्ट्सक्लब पर अनवरत बरसता रहा है, हमारे समाज की अन्य शाखाएँ भी इस पर हमेशा स्नेह बनाए रखते हुए अपने कार्यक्रमों के समय का सामंजस्य रखती है जो कि एक अनूठा व प्रेरणादायक उदाहरण है।
नारी जागृति व नारी शक्ति की पहचान श्री माहेश्वरी महिला मंडल
चेन्नई श्री माहेश्वरी महिला मंडल का गठन दि. २३.०६.१९७६ को श्रीमती ज्ञानकुमारीजी हेड़ा की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। मंडल की शुरूआत २४ सदस्यों से हुई। मंडल की पहली अध्यक्षा श्रीमती रतनदेवी तोषनीवाल १९७७ में बनी। महिला मंडल का छोटा-सा पौधा जो श्रीमती हेड़ा ने रोपा था जो आज एक विशाल वट वृक्ष का रूप ले चुका है। मंडल की आजीवन सदस्यता जो आज बढ़कर १४८४ हो गई है, सभी बहनों के अथक प्रयास और सहयोग एवं बड़ों के मार्गदर्शन से मंडल आज बहुत प्रगति कर रहा है। श्री माहेश्वरी महिला मंडल ने श्री माहेश्वरी युवा मंडल के साथ ‘‘श्री माहेश्वरी फूड बैंक चेरिटेबल ट्रस्ट’’ की स्थापना १९९६ में की, जो सुचारू रूप से कार्यरत है। ८ अप्रैल २०१० में मंडल की एक और शाखा खोली गई, जिसका नाम ‘‘समन्वय’’ रखा गया। श्रीमती शकुंतला मोहता और श्रीमती विमला दम्मानी के अथक प्रयास के कारण ही यह पौधा आज बहुत ही सुचारू रूप से फल- फूल रहा है। मंडल की निम्नलिखित गतिविधियाँ इस प्रकार हैं बड़ी तीज के अवसर पर सातु-चून बड़े पैमाने पर मंडल की बहनों द्वारा तैयार करके वितरण किया जाता है, इस वर्ष हम बहनों ने मिलकर ३,००० किलो का सातु-चून बनाकर वितरण किया, यह कार्य अब इतना विशाल रूप ले चुका है कि भारत के अन्य देशों में तो जाता ही है अपितु विदेश भी जाने लगा है, तीज के अवसर पर धमोली का भी रंगा-रंग मनोरंजक कार्यक्रम आयोजन किया जाता है। छोटी तीज के अवसर पर सामुहिक उद्यापन मंडल की बहनों द्वारा श्री माहेश्वरी भवन में किया जाता है, हर वर्ष रामदेवजी के मेले के समय रामदेव मंदिर में बहनों द्वारा भगवान शिव का अभिषेक और भजनों का कार्यक्रम रखा जाता है।पिछले २-३ सालों से मंडल द्वारा डांडिया व गरबा के क्लास लगाये जाते हैं जिससे सभी बहनें बढ़-चढ़कर सीखने आती हैं।नवरात्रि के समय मंडल द्वारा हर वर्ष रास गरबा व डाण्डिया बड़े ही जोश और धुमधाम से मनाया जाता है।
दि. ३०.०६.१९९८ में मंडल ने ‘‘कण-कण का सहयोग जनहित में विनियोग’’ नामक कार्यक्रम का शुभारंभ किया था, इसमें १२ वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों को हुंडी दी जाती है और उनसे कहा जाता है कि प्रतिदिन एक रूपया इसमें डालें, सालभर बाद में हुंडी वापस लेकर जो राशि जमा जाती है उससे जरूरतमंद व असहाय बच्चों पर खर्च किया जाता है, इसमें हमारा उद्देश्य यह है कि हर बच्चों में नियमितता का ज्ञान हो एवं दूसरों की मदद करने जैसे अच्छे संस्कार विकसित हों। सन् १९९९ में मंडल ने बाल संस्कार शिविर का आयोजन किया गया जिसे आज हम क्रिसमस की छुट्टियों में ७ साल से १२ साल के बच्चों का ३-४ दिन का शिविर लगाते हैं, जिसमें बच्चों को प्रार्थना, व्यायाम, श्लोक, तरह-तरह की पुराने सामान से नई चीजें बनाना और स्वयं अपना काम करना ये सारे कार्य खेल ही खेल में सिखाते हैं।किशोरी विकास शिविर और महिला विकास शिविर का भी आयोजन चेन्नई या चेन्नई से बाहर किया जाता है, हर वर्ष संक्रांति के दिन महिला मंडल और युवा मंडल द्वारा फूड बैंक के तहत खान-पान की सामग्री गाँव में जाकर गरीबों और जरूरतमंदों में वितरण किया जाता है।
हर वर्ष होली पर विविध प्रकार की प्रतियोगिताएँ एवं मनोरंजन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जैसे नृत्य, गायन, पाक-कला इत्यादि माँ गवरा के उत्सव पर तीज वाले दिन सामुहिक उद्यापन का आयोजन श्री माहेश्वरी भवन में किया जाता है और चौथ वाले दिन माँ के पौराणिक गीतों द्वारा माँ की अर्चना, वन्दना की जाती है, इसमें सभी बहनें बड़े जोश और उत्साह से भाग लेती हैं। इस वर्ष से मंडल ने बछबारस के अवसर पर सामुहिक उद्यापन की शुरूआत की, जिसे सभी ने खूब सराहा और बाकी जो व्रत और त्यौहार में उद्यापन होते हैं उसे भी शुरू करने को कहा। संक्षेप में इस प्रकार श्री माहेश्वरी महिला मंडल चेन्नई श्री माहेश्वरी सभा की एक सशक्त ईकाई के रूप में अपने ४२ सालों की गतिविधियाँ सम्पादित करती हुई नारी जागृति एवं नारी शक्ति की पहचान बन गई है।
-शिवानी मूँधड़ा, मंत्राणी