सम्पादकीय
सम्पादकीय ….
बिजय कुमार जैन
वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक
हिंदी सेवी-पर्यावरण प्रेमी
भारत को भारत कहा जाए का आव्हान करने वाला एक भारतीय
पवित्र व पूजनीय माटी उदासर को मेरा शत्-शत् नमन्
‘भारत’ का एक राज्य राजस्थान का एक जिला बीकानेर का एक भाग ‘उदासर’ की माटी का मुझे इतिहास लिखने
का मौका मिला, उसके लिए मैं उदासर वासियों, प्रवासियों व माटी के धन्य-धन्य प्रतापियों को प्रणम्य करता हूँ।
वैसे तो मैंने कई-कई राजस्थान के कस्बों, जिलों, नगरों के इतिहास का व्याख्यान किया है, लेकिन ‘उदासर’ की
माटी के बारे में जब मुझे लिखने का मौका मिला तो मैं धन्य-धन्य हो गया, कारण यह है कि ‘उदासर’ की माटी
धार्मिक तो है ही साथ में कर्मठ भी है। ‘उदासर’ की माटी में आर्मी केंट का बनना ‘उदासर’ को गौरवान्वित करता
है, जिसका विस्तृत उल्लेख भारतीय सुरक्षा के कारणों के कारण विधिवत ‘उल्लेख’ तो नहीं कर पाया, लेकिन
अपने आपको गौरवान्वित महसूस करता हूं कि ‘उदासर’ की माटी में भारतीय आर्मी का कैंट बना हुआ है।
‘उदासर’ में स्थित मंदिरों से श्रद्धा की गूंज हो रही है, शिक्षा के क्षेत्र में भी गतिशील है ‘उदासर’, स्वास्थ्य के क्षेत्र
में भी अपनी माटी को गौरवान्वित कर रहा है। आपको बता कर मुझे हर्ष भी हो रहा है और साथ ही निवेदन भी कर
रहा हूँ की कृपया प्रस्तुत ‘उदासर’ विशेषांक आपको कैसा लगा, जरूर बतायें?
२५ मार्च २०२१ को हम सभी ने विश्वकर्मा जयंती मनाई, दु:ख इस बात का भी है कि कोरोना काल में जिस प्रकार
हम सामूहिक रूप से गत वर्ष तक विश्वकर्मा जयंती मनाते रहे हैं, इस बार नहीं मना सके, कोरोना महामारी ने हम
सब को दु:खित किया है, भगवान विश्वकर्मा से विनती करता हूँ कि हमारे बीते दिन वापस लौटा दें, इस कोरोना
महामारी से हमें निजात दिलवाएं।
१० फरवरी २०२१ से २१ फरवरी २०२१ तक ‘भारत सम्मान दीपोमय यात्रा’ का आयोजन को निरस्त करना पड़ा,
कारण यह रहा की दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन व कोरोना महामारी के संकट के कारण हम सभी ने निर्णय
लिया कि ‘भारत सम्मान दीपोमय यात्रा’ का आयोजन हम सभी मिलकर भारी संख्या में दिल्ली में आयोजित
करेंगे, दिनांक व समय की घोषणा भी जल्दी किया जायेगा। भारत के विभिन्न राज्यों से हम १० भारतीय १०
फरवरी २०२१ को दिल्ली पहुंचे। कई सभाएं लीं, कई सांसदों से आपसी चर्चा विमर्श किया, सभी ने हमारी पीठ भी
थपथपाई, कहा कि आप बहुत बड़ा कार्य कर रहे हैं, आप आगे बढ़ें, पूरा ‘भारत’ आपका साथ देगा। सभी ने हमारे
विचारों को उद्वेलित करते हुए कहा कि सचमुच किसी इंसान के नाम २ नहीं होते, विश्व के किसी राष्ट्र के नाम २
नहीं है तो हमारे भारत के नाम २ क्यों?
भारत और इंडिया
बहुत ही जल्द माँ भारती के आशीर्वाद से हम विश्व में अपने भारत को ‘भारत’ के नाम से ही गौरवान्वित
करवाएंगे, ऐसा मैं विश्वास दिलाता हूँ।
जय जय राजस्थान!
मुंबई: संगीत की सुरमई शाम में अग्रवाल समाज ने संगठित होकर विकास की मंजिल को तय करने का संकल्प लिया है। अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन, मुंबई की ओर से वरली स्थित नेहरू सेंटर ऑडिटोरियम में गीत-संगीत व नृत्य के रंगारंग समारोह ‘चोरी-चोरी नजरें मिली’ में जब पाश्र्वगायिका संजीवनी भेलांडे व गायक शिवप्रसाद माल्या ने पुरानी फिल्मों के गीत प्रस्तुत किए तो उपस्थित अग्रवाल समाज झूम उठा।
सहकारिता क्षेत्र में दक्षिण भारत की बहुराज्यीय अनुसूचित बैंक ‘महेश बैंक’ को भारतीय बैंक संघ द्वारा मुंबई में वर्ष की टेक्नोलॉजी बैंक के रूप में पुरस्कृत किया गया। सहकारी क्षेत्र की बैंकों में मानव संसाधन के साथ तकनीकी संसाधनों का सर्वश्रेष्ठ उपयोग तथा पारदर्शी कार्यप्रणाली की अनुपालना के लिए भारतीय बैंक संघ द्वारा बैंकिंग क्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए दिए जाने पुरस्कारों से सम्मानित होने की हर बैंक की चाहत रहती है,