मानव सेवा का केंद्र अग्रसेन धाम

दिनांक २५ जनवरी सन् २००९, देश और समाज की वर्तमान परिस्थिति में, संस्कृति और संस्कारों के विघटन को रोकने हेतु, स्त्री शिक्षा की अनिर्वायता को देखते हुए कर्मयोगी पुष्करलाल केडिया के मन में एक उच्च स्तरीय महिला विश्वविद्यालय की स्थापना का संकल्प उदय हुआ। संकल्प को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए सर्वप्रथम भूमि की आवश्यकता होती है, कोलकाता महानगर के आसपास उपयुक्त भूमि-खंड प्राप्त होना भी एक समस्या है, इस समस्या को हल करने के लिए ईश्चरीय प्रेरणा स्वरूप आगे आये प्रसिद्ध उद्योगपति श्री प्रह्लाद राय गोयनका, उन्होंने हावड़ा के बागनान में अपनी १०० बीघा जमीन दान देने की इच्छा जाहिर की, उनके सहयोग ने न सिर्प श्री पुष्करलाल केडिया के उत्साह को बल प्रदान किया, बल्कि उनके संकल्प को भी एक बृह्द आयाम दे दिया। महिला विश्वविद्यालय की परियोजना को विराट स्वरूप देते हुए, उन्होंने महाराजा अग्रसेन के दर्शन और आदर्शों के अनुरूप बागनान स्थित पावन धरती पर महाराजा अग्रसेन धाम की परिकल्पना को मूर्त रूप देने हेतु संस्था के कर्णधार पुष्करलाल केडिया द्वारा संस्था के न्यासियों सहित विधि पूर्वक आसन-शुद्धि और कलश-स्थापना करने के पश्चात भूमि पूजन किया गया। भूमि पूजन के माध्यम से धरती माता और ईश्वर की कृपा एवं आशीर्वाद की कामना की जाती है। ६ सितम्बर १९१५ को महाराजा अग्रसेन धाम के विभिन्न प्रकल्पों का शिलान्यास, महामहिम राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के करकमलों द्वारा, मंत्री अरूप राय, विधायक अर्णव सेन एवं धाम के प्राणपुरूष पुष्कारलाल केडिया आदि की उपस्थिति तथा अग्रणी उद्योगपतियों एवं विशिष्ठ समाजसेवियों 

लगभग ३०० बीघा भूमि पर एक विराट अग्रसेन धाम के निर्माण की परिकल्पना कर डाली, जिसमें आधुनिक चिकित्सा केन्द्र, वानप्रस्थ आश्रम, बी.एड. कॉलेज, प्रेक्षागृह, प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र, विकलांग सेवा केन्द्र, शोध केन्द्र, पुस्तकालय, योग केन्द्र एवं महालक्ष्मी मंदिर आदि-आदि प्रकल्पों के माध्यम से समाज के बड़े वर्ग की सेवा संभव हो सके। श्री पुष्करलाल केडिया के मार्ग-दर्शन में उनके और उनके साथियों द्वारा किये गये अथक प्रयास का नतीजा था कि अल्प समय में ही महाराज अग्रसेन धाम की विराट परिकल्पना मूर्त रूप लेने लगी। दिनांक ८ अगस्त २०१० को कलकत्ता स्थित हरियाणा भवन के सभागार में ऐसे ही दान की मिसाल देखने को मिली, उद्योगपति प्रह्लाद राय जी ने बागनान स्थित अपनी १०० बीघा जमीन के कागजात महाराज अग्रसेन दर्शन समिति के कर्णधार श्री पुष्करलाल केडिया को प्रदान किये और महाराज अग्रसेन धाम के संकल्प और स्वप्न को साकार करने की दिशा में अपनी अहम भूमिका निभाई। दिनांक १० मार्च २०१२ के शुभ दिवस, शुभ मुहूर्त में हावड़ा के घोड़ाघाटा

?>