श्री माहेश्वरी समाज-एक दॄष्टिकोण एवं योगदान

श्री माहेश्वरी समाज

चेन्नई: मद्रास शहर में श्री माहेश्वरी समाज का उद्गम लगभग सवा सौ वर्ष पूर्व हुआ, सन् १९५७ तक माहेश्वरी समाज की गतिविधियाँ माहेश्वरी पंचायत द्वारा संचालित थी। समाज के सदस्यों की संख्या जैसे-जैसे बढ़ी, सामाजिक प्रणाली का विकास हुआ। १४-०१-१९५३ को श्री माहेश्वरी सभा, मद्रास की स्थापना की गई, तब से अब तक माहेश्वरी समाज को संगठित करने में, क्रियाशील बनाने में, गतिशील बनाने में, प्रगति के पथ पर श्री माहेश्वरी सभा ने एक लम्बा सफर तय किया है।श्री माहेश्वरी सभा, माहेश्वरी समाज के संगठन और सर्वांगीण विकास के प्रति कटिबद्ध होने के साथ-साथ मद्रास महानगर के जन-जीवन से जुड़े सेवा कार्यों में समस्त राजस्थानी समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती है। आज श्री माहेश्वरी सभा राजस्थानी समाज की एक मजबूत इकाई है। मद्रास के राजस्थानी समाज द्वारा स्थापित, पोषित एवं संचालित निम्न कुछ जन सेवी संस्थाओं के इतिहास में माहेश्वरी समाज का महत्वपूर्ण योगदान भी अंकित है। श्री माहेश्वरी समाज का निर्माण प्रगति के पथ पर मील का पत्थर बना है, इससे कार्यकलापों और गतिविधियों को बल मिला है, श्री माहेश्वरी भवन का शिलान्यास भी अपनेपन की भावना, दृढ़ निश्चय, उत्साह और लगन का प्रतीक बना है।

शिक्षा जगत में:- लगभग १५० वर्षों से अपनी मेहनत, ईमानदारी एवं परोपकार की सद्भावना से अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए है, यहाँ उपस्थित धन का विनिवेश स्थानीय राजस्थानी समाज को सहभागी कर उत्तर भारतीय समाज के छात्रों के लिए हिन्दी माध्यम से शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सर्वप्रथम १९१९ में श्री सनातन धर्म विद्यालय की स्थापना की, जिसका श्रेय कर्मठ श्री बृजरतनजी डागा को जाता है। तदुपरांत १९३० में श्री कुन्दनमलजी दम्माणी ने अपने निजी न्यास के अंतर्गत श्री के.सुगनीबाई सनातन धर्म कन्या पाठशाला की स्थापना की। शनै: शनै: दोनों संस्थाओं ने समाज के छात्रों की सेवा में अपनी सेवाएँ विस्तृत कर हायर सेकेंडरी स्कूल का रूप ले लिया। मोतिलाल फोमरा सनातन धर्म हायर सेकेंडरी स्कूल एवं कन्हैयालाल अग्रवाल बाल निकेतन की स्थापना १९६४ में श्री सनातन धर्म विद्यालय असोसिएशन के अन्तर्गत की गई। गुजराती वैष्णव समाज एवं अग्रवाल समाज के सहभागियों के साथह श्री शुद्धाद्वैत वैष्णव हायर सेकेंडरी स्कूल- सन् १९४० द्वारकादास गोवर्धनदास वैष्णव कालेज – सन् १९६४ कोला पेरूमल चेट्टी वैष्णव हायर सेकेंडरी स्कूल – सन् १९७३ कोला सरस्वती वैष्णव हायर सेकेंडरी स्कूल – सन् १९७६ एम.ओ.पी. वैष्णव महिला महाविद्यालय – सन् १९९२ महारानी बाई जमुनादास वैष्णव हायर सेकेंडरी स्कूल – सन् १९९९ के उत्थान में माहेश्वरी समाज के बंधुओं ने तन, मन व धन से सहयोग प्रदान किया है। समाज के परोपकारी व्यक्तियों ने निजी प्रयासों के माध्यम से उल्लेखनीय संस्थाओं का कीर्तिमान स्थापित किया है।

निजी न्यास के तत्वावधान में माहेश्वरी बंधुओं की उल्लेखनीय धर्मशालाओं में प्रमुखत: सीता भवन – श्री जोरावरमल चंपालाल डागा बंशीलाल अबीरचंद धर्मशाला ३. रमा भवन चेन्नई के कांचीपुरम में भी मे. जोरावरमल चंपालाल एवं श्री कुन्दनमल दम्माणी चेरीटीज ने तीर्थ यात्रियों के लिए धर्मशाला स्थापित की। तिरूपति एवं रामेश्वरम् में श्री वल्लभाचार्य महाप्रभुजी की बैठक के अंतर्गत गुजराती वैष्णव समाज एवं माहेश्वरी समाज ने यात्रियों के लिए न तीर्थ स्थलों में धर्मशालाओं का निर्माण किया साथ ही माहेश्वरी समाज के बंधुओं ने रामेश्वरम् में माहेश्वरी भक्त निवास की स्थापना भी की।

मंदिर एवं पूजा स्थल:- माहेश्वरी समाज एक धर्मानुरागी समाज है। १५० वर्ष पूर्व से ही चेन्नई में पारंपरिक पूजा एवं आराधना हेतु स्थानीय मंदिरों में अपनी सेवाएँ तन, मन, धन से अर्पित की, शुरूआत से ही भगवान श्री बालाजी का बेरागी मठ मंदिर एवं चूलै स्थित श्री हनुमानजी का श्री आंजनेय मंदिर का आशीर्वाद समाज को मिला। शनै: शनै: सीता भवन में श्रीनाथजी का मंदिर वल्लभ संप्रदाय का प्रतीक बना, इस श्रृंखला में अन्नानगर में स्थानीय माहेश्वरी समाज ने श्री गोवर्धन नाथजी की हवेली की स्थापना की। पुळल में पुरातन शिव मंदिर के जीर्णोद्धार में समाज के धर्मानुरागियों ने विशेष रूचि ली। ट्रिप्लीकेन के श्री आंजनेय मंदिर के पुन: निर्माण व जीर्णोद्धार में स्थानीय माहेश्वरी बंधुओं का संपूर्ण योगदान रहा।

लोक कल्याण के क्षेत्र में:-अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा के चेन्नई स्थित संगठन के अंतर्गत रामगोपाल माहेश्वरी सहयोग शिक्षा केन्द्र आदित्य विक्रम बिड़ला व्यापार सहयोग केन्द्र एवं श्री कृष्णदास जाजू स्मारक ट्रस्ट, कोलकत्ता में मद्रास के माहेश्वरी बंधुओं ने उल्लेखनीय अनुदान किया है। माहेश्वरी समाज, चेन्नई की अपनी माहेश्वरी फुड बैंक एवं चेरीटेबल ट्रस्ट के माध्यम से अनाथ आश्रम एवं अन्य जरूरतमंद संस्थाओं में अनाज का सहयोग दिया जाता है। महाजन सोसायटी के अंतर्गत मद्रास पिंजरापोल में स्थानीय राजस्थानी एवं गुजराती समाज के साथ माहेश्वरी बंधुओं ने तन, मन एवं धन से योगदान कर गौमाता की सेवायें अर्पित की है। चेन्नई के राजस्थानी समाज ने एक सक्रिय व परोपकारी सभा के रूप में अपनी अमिट छाप बनाई हुई है, इस मंच में माहेश्वरी समाज के युवाओं ने भी कंधे से कंधा मिलाकर निम्नलिखित संस्थाओं की स्थापना में सहभागी रहे हैंह एस.सी.एस. कोठारी अकादमी फॉर वूमेन – सन् १९८० बी.के. कोठारी मेट्रीकुलेशन स्कूल, किलपॉक विवेकानन्द एजुकेशनल सोसायटी से संचालित विद्यालयों में प्रमुख माहेश्वरी दानदाताओं के नाम से रूपकंवर फोमरा विवेकानन्द विद्यालय, क्रोमपेट, कृष्णा मूलचंद माहेश्वरी विवेकानन्द विद्यालय, तिरूनिन्ड्रउर के.सी. तोषणीवाल विवेकानन्द विद्यालय, माधावरम उल्लेखनीय है।इन्जीनियरिंग कॉलेज में मोतीलाल कन्हैयालाल फोमरा इंस्टीट्यूट ऑफ साइन्स एण्ड टेक्नोलॉजी पूर्णत: एक सफल पारिवारिक प्रयास है।

चिकित्सालय के क्षेत्र में:- सन् १९३० में स्थापित श्री वेंकटेश औषधालय-मुख्यत: स्थानीय माहेश्वरी एवं राजस्थानी समाज के सक्रिय राजस्थानी पारस्परिक सहयोग की उपलब्धि है। संस्कृति की प्राचीन धरोहर चरक संहित के आधार पर भारतीय आयुर्वेद प्रणाली पर संचालित औषधालय है, इसके अंतर्गत सब मरीजों का डॉक्टरी निरिक्षण एवं दवाई बिना किसी जाति, धर्म, भाषा के भेद भाव नि:शुल्क दी जाती है। चिकित्सा के क्षेत्र में शंकर नेत्रालय, अडयार कैंसर इंस्टीट्यूट, अपोलो अस्पताल, दी चाइल्ड ट्रस्ट अस्पताल में भी माहेश्वरी समाज के लोक हितैषी बंधुओं ने अपना आर्थिक योगदान दिया है। माहेश्वरी समाज के डॉक्टर भी इन संस्थाओं से पेशेवर रूप से जुड़े हुए हैं। श्री राधेश्याम फलोर ने निजी न्यास के अंतर्गत रामेश्वरम् में फलोर आँखों के अस्पताल की स्थापना की है। इटारसी में गंगाधर बंशीलाल राठी न्यास के अंतर्गत राठी अस्पताल की स्थापना की, जैसलमेर में माहेश्वरी अस्पताल की स्थापना में चेन्नई प्रवासी माहेश्वरियों का काफी योगदान है। चेन्नई महानगर निवासी माहेश्वरी बंधुओं का चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान है, समूचे भारत से यहाँ चिकित्सा के लिए आते हैं, उनकी सुविधाओं के लिए श्री वेंकटेश औषधालय गेस्ट हाउस एवं श्री पी.डी. माहेश्वरी ने अपने निजी न्यास के अंतर्गत साहुकारपेट में रमा भवन की स्थापना की है व चिकित्सा के लिए चेन्नई आए हुए परिवारों को भवन में उचित दरों पर कमरे उपलब्ध कराये जाते हैं।

मानव सेवा के क्षेत्र में:- श्री श्रीकृष्णजी झंवर के नेतृत्व में निस्सहाय एवं भिखारियों के पुनर्वास के उद्देश्य से दया सदन की स्थापना की गई, इसके अंतर्गत दया सदन चिल्ड्रेन्स टाऊन में अनाथ बच्चों की देखभाल की पूर्ण व्यवस्था है।
भवन व धर्मशालायें:- साहुकारपेट स्थित श्री मुरलीधरजी चांडक के चांडक माहेश्वरी भवन में ही सर्वप्रथम माहेश्वरी समाज मद्रास की पंचायत का गठन हुआ, महानगरी की इन संस्थाओं में भी माहेश्वरी समाज का एक गौरवपूर्ण योगदान रहा है। राजस्थानी एसोसिएशन तमिलनाडु राजस्थानी कॉस्मो क्लब राजस्थानी यूथ एसोसिएशन आर वाई ए बुक बैंक, फुड बैंक, मेडी बैंक व क्लोथ बैंक राजस्थानी यूथ एसोसिएशन मेट्रो साउथ इंडिया राजस्थानी चेंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री राजस्थानी कास्मो एसोसिएशन रोटरी, लायन्स व जेशीस क्लब श्री माहेश्वरी महिला मंडल, महिलाओं में जागृति लाने, प्रतिभा का विकास पैâलाने, समाज सुधार, जन सेवा आदि रचनात्मक कार्यों के लिए उत्प्रेरित करने में जुटा हुआ है, श्री माहेश्वरी महिला मंडल द्वारा हर कार्य में
सहयोग, उनके द्वारा आयोजित विभिन्न सुरूचिपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम व सेवा कार्यों में नया कीर्तिमान कायम किया है। श्री माहेश्वरी स्पोर्ट्स क्लब द्वारा वर्ष भर विभिन्न खेल-खुद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। श्री माहेश्वरी युवा मंडल, छात्रवृत्ति, रक्त-दान शिविर आयोजित होते हैं।श्री माहेश्वरी क्लब, आपसी, मेल-जोल व भाई चारा बढ़ाने में तत्पर रहता है। कई चलचित्रों का प्रदर्शन, नाटक, सांस्कृतिक आयोजन, भ्रमण, गोठ आदि का आयोजन किया जाता है। तमिलनाडु माहेश्वरी फाउंडेशन, माधावरम स्थित जमीन पर भव्य नये माहेश्वरी भवन को प्रारूप देने की तैयारी में है। श्री माहेश्वरी सत्संग समिति धर्म एवं संस्कृति की ज्योति को प्रज्ज्वलित रखे हुए हैं। माहेश्वरी समाज की निम्न संस्थाएँ भी कार्यरत हैंश्री गवरजा माता महोत्सव समिति एवं समन्वय 

– बंशीधर एच.सारडा
मंत्री
श्री माहेश्वरी सभा चैन्नई,

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