सुजानगढ़ में लगा
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भामाशाहों की नगरी के नाम से विख्यात ‘सुजानगढ’ में दो दिवसीय सुजानगढ महोत्सव के दौरान गीतकार और संगीतकारों के बेटों ने भी मंच पर संगत कर महोत्सव में शिरकत कर रहे लोगों के रोमांच को दोगुना कर दिया। महोत्सव के दौरान सांस्कृतिक संध्या का आगाज सुजानगढ नागरिक परिषद समिति के अध्यक्ष के. सी. मालू ने गीतकारों और संगीतकारों का परिचय व सम्मान किया, इसके बाद पंडित भवदीप जयपुरवाले द्वारा गणपति जगवदंन भजन ने सुजानगढ के हजारों श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पंडित सुदीप जयपुरवाले ने मोहम्मद रफी का फिल्मी गीत …तुम जो मिल गए हो पेश किया, इस मौके पर सुजानगढ के लोग पहली बार एक अद्भुत लम्हे के साक्षी बने, जिसमें दीपक पंडित ने हारमोनियम पर साज छेड़ा और उनके दोनो पुत्रों निहार पंडित और समीर पंडित ने मंच पर शास्त्रीय तान छेड़कर लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया, इसके तुरंत बाद दीपक पंडित ने अपने वॉयलिन पर बांसुरी के सुर तानकर लोगों को हैरत में डाल दिया, उनके साज पर रफ्ता-रफ्ता तालियां बजती रही, इस मौके पर लोगों को पहली बार निहार पंडित का परिचय कराते हुए सुजानगढ नागरिक परिषद समिति के अध्यक्ष के सी मालू ने ‘मेरा राजस्थान’ को बताया कि निहार ने
कच्ची उम्र में ही सितारों के जहान में अपनी जगह बनाई और स्लमडाग मिलेनियमे में ए. आर. रहमान के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन में जिंगल गुनगुनाकर मील का पत्थर कायम कर सुजानगढ का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया। गीतकारों और संगीतकारों की सांस्कृतिक संध्या के दौरान राकेश पंडित ने छाप तिलक सब छीनी, मोसे नैना मिलाएके के सुर ने तो लोगों को साथ गुनगुनाने पर मजबूर कर दिया, कार्यक्रम को आगे बढाते हुए स्नेहा शंकर ने दमादम मस्त कलंदर और पंडित रामशंकर का ‘यारों सब दुआ करो’ गीत गाकर सुजानगढ महोत्सव को यादगार बना दिया, आलम यह था कि लोग समारोह देखने को उमड़ रहे थे और बाहर बेसब्र जनता ने गुनगुनाती ठंडक में विशाल एलईडी स्क्रीन पर पूरे कार्यक्र्रम का लुत्फ उठाया, खास बात यह रही कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व राजस्थान स्किल डेवलपमेंट विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ललित के पंवार समारोह के अंत तक मौजूद रहे, समारोह के साक्षी बने लोगों की मांग थी कि इस प्रकार के कार्यक्रम को परंपरा के बतौर निभाया जाना चाहिए।