अपना उत्सव द्वारा श्री माहेश्वरी क्लब

चेन्नई: श्री माहेश्वरी क्लब, श्री माहेश्वरी सभा के अंतर्गत एक इकाई है। पिछले ४० वर्षों से समाज के युगल सदस्यों के लिए स्नेह मिलन, आपसी मेल-मिलाप, स्वास्थ्य और उनके मनोरंजन संबंधित कार्यक्रम करता आया है। सदस्यों के लिए उपरोक्त कार्यक्रमों के अलावा समाज के लिए भी ‘‘अपना उत्सव’’ जैसा सांस्कृतिक कार्यक्रम करता आया है, जिसमें अपने समाज की छुपी हुई प्रतिभाओं को उजागर करना व मंच देने का अवसर प्रदान करना मुख्य है। पूरे सत्र में आई सदस्यों की फीस की ५% राशि को समाज सेवा के कार्यों के लिए खर्च करता आया है, इसके अंतर्गत क्लब ने समय-समय पर स्वास्थ्य कैंप, दया सदन में वस्त्र वितरण, नेत्र जाँच कैंप और अन्य कई योजनाओं को अंजाम दिया है।श्री माहेश्वरी क्लब स्वस्थ मनोरंजन के जरिए सामाजिक सद्भावना, स्नेहील वातावरण, भाईचारे को प्रोत्साहित करता है और करता भी रहेगा।

– गिरिराज मूँदड़ा, अध्यक्ष
प्रदीप कुमार माहेश्वरी- सचिव

भारतीय भाषा अपनाओ अभियान की सफलता के लिए भारतीय भाषा सम्मान यात्रा का आयोजन महायज्ञ के साथ २५ दिसम्बर २०१८ को मुंबई से दिल्ली की ओर प्रस्थान

आतंकवाद से अधिक खौफ अंग्रेजी का किसी देश को खत्म करने के लिए उसकी भाषा को ही खत्म करना काफी होता है, भाषा खत्म होने के बाद संस्कृति को कैसे बचाओगे? आज भारत में आतंकवाद से ज्यादा खौफ अंग्रेजी का है, यह राय एम.एल. गुप्ता (राष्ट्रीय भाषा समिति, राष्ट्रभाषा विभाग) ने व्यक्त की। मुंबई से निकली भारतीय भाषा समानयात्रा मंगलवार को पुणे पहुंची, महावीर प्रतिष्ठान में पुणेवासियों ने यात्रा का स्वागत किया। महावीर प्रतिष्ठान में आयोजित पत्रकार-वार्ता में उन्होंने ये बातें कहीं, यात्रा के आयोजक वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक बिजय कुमार जैन ने सवाल किया कि हमारे देश में राष्ट्रीय प्राणी, राष्ट्रीय पक्षी और राष्ट्रीय मुद्रा भी है, तो फिर राष्ट्रीय भाषा क्यों घोषित नहीं की जाती? उन्होंने सरकार से हिंदी को जल्द से जल्द अधिकारिक रूप से राष्ट्रभाषा घोषित करने की मांग की। महावीर प्रतिष्ठान में आयोजित पत्रकार वार्ता के संयोजक विजय भंडारी ने कहा कि यह मुद्दा बहुत अहम है और इसकी मांग पूरे देशवासियों के जरिए होनी चाहिए। ‘जीतो’ संस्था के माध्यम से हम इस मुद्दे को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक जरूर पहुंचाएंगे। पत्रकार-वार्ता में डॉ. कल्याण गंगवाल, विजयकांत कोठारी कांतीलाल ओसवाल पूना मर्चेट चेंबर के पोपटलाल ओस्तवाल, रमेश ओस्तवाल, अजीत सेठिया, अरूण सिंघवी आदी उपस्थित थे। बता दें कि पहले मातृभाषा फिर राष्ट्रभाषा का संदेश लेकर मुंबई से निकली यह यात्रा पुणे से आगे दक्षिण भारत, मध्य प्रदेश और आगरा होते हुए दिल्ली पहुंचेगी।

पुणे के पश्चात सातारा के श्री कुबेर विनायक मंदिर में भारतीय भाषा सम्मान यात्रा का दल शाम ६.३० बजे पहुंचा, वहां उपस्थित सभी भक्तों के सम्मुख भारतीय भाषाओं व हिंदी के महत्व के प्रतिपादित किया वहाँ उपस्थित लोगों ने अच्छा प्रतिसाद दिया। अरूण श्यामराव पाटील हाईस्कूल, निपानी उसी रात कराड स्थित श्री केसरिया तीर्थ धाम पहुंचकर रात्री विश्राम किया। दिनांक २६ दिसंबर को प्रात: नाश्ता करने के पश्चात निपानी के लिए यात्रा दल ने प्रस्थान किया। कुछ घंटो के सफर के पश्चात कर्नाटक स्थित निपानी पहुंचे। राष्ट्रभाषा प्रेमियों का स्वागत करीब ८० वर्षो पुराने गुरूकुल के संचालक श्री महावीर पाटिल ने किया। स्कूल के प्राध्यापक श्री राजेंद्र खोतजी ने एक सभा का आयोजन किया, जिसमें करीबन ५०० छात्रों ने भाग लिया व्यवस्था अनुशासित करने के लिए गुरूकुल के शिक्षकों ने अपना कर्तव्य निभाया। मंच का संचालन श्री राजेन्द्र खोत जी ने किया और कहा कि आज का पावन दिन हमारी निपानी के लिए बहुत ही शुभ दिन है, निपानी में भारतीय भाषा सम्मान यात्रा का आगमन हुआ है यह भारतीय भाषा अपनाओ अभियान की सफलता के लिए वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक बिजय कुमार जैन ने मुंबई से किया है जो पुणे, सातारा, कराड होते हुए निपानी पहुंची है जिसमें भाषायी राष्ट्रभाषा प्रेमी विभिन्न भारत के प्रांतों से पधारे हैं, बता दें की सम्मान यात्रा का उद्देश्य एकमात्र भारतीय भाषाओं को सम्मान दिलाना है यह यात्रा विभिन्न राज्य से होती हुई दिल्ली जाएगी और माननीय राष्ट्रपति जी का समय मिलने से निवेदन देगी कि सभी भारतीय भाषाओं का सम्मान बढ़ाया जाए, भारत की एक राष्ट्रभाषा घोषित की जाए और भारत को भारत बोला जाए। तपश्चात बेलगाव के भारतेश सेन्ट्रल स्कूल  में रात्री विश्राम किया। 

दिनांक २७ दिसम्बर को कुमटा के लिए प्रस्थान किया, नवग्रह मंदिर कुमटा के पास विशाल मंदिर में आचार्य श्री गुणचंदी जी महाराज साहब का आशीर्वाद प्राप्त किया। यहां के कन्नड़ भाषी छात्रों को कन्नड़ में कहा कि पहले हमारी मातृभाषा फिर हमें राष्ट्रभाषा का सम्मान मिलना चाहिए, बच्चों ने पूछा कि क्या राष्ट्रभाषा कोई भी नहीं है ऐसा कैसे हो सकता है हमने कहा कि आप कन्नड़ के साथ हिंदी पढ़ो, बच्चों ने जोरदार तालियों के साथ स्वागत किया और कहा कि अब हम हिंदी पढ़ेंगे, हिंदी सीखेंगे, हिंदी बोलेंगे। इसी दिन राष्ट्रप्रेमियों का दल रात्री मैंगलूर पंहुचा, मैंगलूर पहुंचते वक्त कुछ देर हो गई लेकिन मैंगलूर के राष्ट्रभाषा प्रेमी ने दल का इंतजार राज ९.१५ बजे तक किया, एक बड़ी सभा का आयोजन किया गया था जहां पर वयोवृद्ध हिंदी सेवी भी उपस्थित थे हिंदी के प्रति बातें लोगों ने सुनी, तालियों के साथ स्वागत किया और कहा कि भारत की एक राष्ट्रभाषा होनी ही चाहिए और बिजय कुमार जी जो आप का नारा है पहले मातृभाषा फिर राष्ट्रभाषा एक दिन पूरा राष्ट्र इस भावना का सम्मान करेगा और भारत सरकार हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान देगी, भारत को भारत कहेगी। आचार्य श्री विद्यासागर जी की भावना का सभी ने स्वागत किया और कहा कि आज भारत का एक संत बोल रहा है एक दिन भारत के सभी संत समाज बोलेंगे। रात्री विश्राम कच्छी भवन में करवाया गया था। मैंगलूर में स्थानिय सहयोग राजस्थानी संघ के अध्यक्ष अशोक धारीवाल ने किया। दिनांक २८ दिसम्बर २०१८ को सुबह इडली वड़ा सांभर और चाय का आनंद लेकर सभी केरल की ओर प्रस्थान कर गए व कोझीकोड पहुंचे। यहाँ की व्यवस्था राजू बाफना जी ने कल्याण जी आनंद जी पेढी में की थी, सभी ने भोजन कर स्थानीय लोगों से मिले, उन्हें हिंदी बनें राष्ट्रभाषा अभियान के बारे में बताया, लोगों ने पूछा कि क्या हमारे भारत की कोई राष्ट्रभाषा नहीं है? ऐसा कैसे हो सकता है,तत्काल स्थानीय रहवासी जयंत भाई ने गूगल में सर्च किया गुगल में उन्हें पता चला कि हिंदी मात्र ऑफिशियल लैंग्वेज है बहुत ही दर्द हुआ, लोगों ने कहा कि बिजय कुमार जी हम आपके साथ है जैसा आप कहेंगे, हम करेंगे, हम भारी संख्या में ४ जनवरी को दिल्ली पहुंचेंगे। सभा की समाप्ति के बाद साथ चल रही नाटक मंडली की टीम के प्रमुख महेश राठी जी व टीम ने यात्रा के साथ चलने में असुविधा जताई कि हम आगे नहीं चल सकते, मुंबई वापसी की व्यवस्था करवाएं, उनकी मुंबई वापस की व्यवस्था कर दी गई। कारवां कोयंबतूर की ओर चल पड़ा। २९ दिसम्बर २०१८ कोयंबतूर में यहा राजस्थानी संघ जो सभी ३६कौम का एक संघ बना हुआ है जिसके अध्यक्ष सीए. डॉ. कैलाश कुमार व मंत्री दीपक नाहटा ने सभी का स्वागत किया और कहा कि भारी संख्या में हम भी ४ जनवरी को दिल्ली में उपस्थित रहेंगे।

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