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सम्पादकीय
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बिजय कुमार जैन
वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक
हिंदी सेवी-पर्यावरण प्रेमी
भारत को भारत कहा जाए का आव्हान करने वाला एक भारतीय
सम्पादकीय
बाबा गंगाराम जी के चरणों में विनती
भारतीय संविधान से INDIA को विलुप्त करवाने में मार्गदर्शन देवें
बाबा गंगाराम व मां गायत्री का धाम ‘भारत’ का एक राज्य राजस्थान के झुंझुनूं जिले में स्थापित ‘पंचदेव मंदिर’ में ही नहीं, विश्व में फैले बाबा जी के भक्तों के दिलों में बसे हैं, जिस किसी
ने भी बाबाजी व मां गायत्री के चरणों में अपना शीश नवाया, उसका कल्याण ही नहीं हुआ जीवन व परिवार भी संवर गया, लोगों की गंभीर बीमारियां ही दूर नहीं हुई, व्यवसाय में भी
भारी तरक्की हुई है।
‘भारत को केवल BHARAT ही बोला जाए’ INDIA नहीं, अभियान आज विश्वस्तर का बन चुका है, चारों दिशाओं में फैले भारतीय चाहते हैं कि हमारे देश का नाम एक ही रहे केवल
‘भारत’। हम सभी जानते भी हैं कि INDIA हम सभी भारतीयों पर ब्रिटिशर्स ने हमारे गुलामी के काल में थोपा था, ब्रिटिशर्स ‘भारत’ तो छोड़ गए, गुलामी से स्वतंत्रता पाने के लिए हजारों
की संख्या में स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान दे दिया, कितने भारतीय बच्चे अनाथ हो गए, कई भारतीय महिलाओं ने अपना सिंदूर तक पोंछ दिया, कहती रहीं कि हम ‘भारत मां’
के लाडले हैं, ‘भारत’ हमारा सब कुछ है, ‘भारत’ के बिना हम भारतीय नगण्य हैं।
आज ‘भारत मां’ भी विश्व को बताना चाहती है अपने ७६वें स्वतंत्रता दिवस यानी १५ अगस्त २०२३ को, कि ‘मैं भारत हूं’ INDIA नहीं, मुझे INDIA से मुक्ति दिलाओ, भारतीय संविधान से INDIA को विलुप्त करवाओ, आखिरकार २ नामों की जरूरत ही क्या है? ‘भारत’ नाम ध्यान में आते ही हम सभी का सीना ‘३६ से ५६’ का हो जाता है, जब की किसी इंसान के
भी नाम २ नहीं होते।
‘भारत’ के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी व ‘भारत’ के अन्य प्रभावशाली व्यक्तित्वों को पत्र के द्वारा निवेदन भी किया गया है (पत्र प्रस्तुत अंक में प्रकाशित भी किया गया है) ‘मेरा
राजस्थान’ पत्रिका के प्रबुद्ध पाठकों से विनंती है कि आप सभी मेरा साथ दें, मार्गदर्शन दें और
मेरी तरफ से बाबा गंगाराम, मां गायत्री के चरणों में निवेदन करें कि जल्द से जल्द भारतीय संविधान के अनुच्छेद १ से INDIA को विलुप्त करवाने में ‘भारत’ सरकार कार्य करें, ताकि विश्व के मानचित्र GLOBE में INDIA की जगह ‘भारत’ लिखा जा सके।
‘मेरा राजस्थान’ के सभी प्रबुद्ध पाठकों को ७६वें स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं, साथ ही सभी राजस्थानी भारतीय त्योहारों को मिलकर खुशियों से मनाएं ताकि हम सभी विभिन्न भारतीय धर्मावलंबी मिलकर कहें कि हम भारतीय हैं और मां भारती विश्व को कह सके कि ‘मैं भारत हूं’।
जय जय राजस्थान!