Category: जनवरी-२०२१

अंग्रेज चले गए भारत में India छोड़ गए

अंग्रेज चले गए भारत में India छोड़ गए

अंग्रेज चले गए भारत में India छोड़ गए अंधेरी रात में एक काफिला एक रेगिस्तानी सराय में जाकर ठहरा, उस काफिले के पास सौ ऊंट थे, उन्होंने खूंटियां गाड़कर ऊंट बांधे, किंतु अंत में पाया कि एक ऊंट अनबंधा रह गया है, उनकी एक खूंटी और रस्सी कहीं खो गई थी, अब आधी रात वे कहां खूंटी-रस्सी लेने जाएं!काफिले के सरदार ने सराय मालिक को उठाया – बड़ी कृपा होगी यदि एक खूंटी और रस्सी हमें मिल जाती, ९९ ऊंट बंध गए, एक रह गया–अंधेरी रात है, वह कहीं भटक सकता है।बूढ़ा बोला- मेरे पास न तो रस्सी है और न...

१० फरवरी २०२१ को संभावित ‘भारत सम्मान दीपोमय यात्रा’ सफल होगी

१० फरवरी २०२१ को संभावित ‘भारत सम्मान दीपोमय यात्रा’ सफल होगी

१० फरवरी २०२१ को संभावित ‘भारत सम्मान दीपोमय यात्रा’ सफल होगी वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक बिजय कुमार जैन द्वारा आव्हान ‘भारत सम्मान दीपोमय यात्रा’ :जब हम किसी नाम का उल्लेख करते हैं तो उनके सामाजिक व मनोवैज्ञानिक मायने तो होता ही हैं, साथ ही उसका अपना अस्तित्व व ताकत भी होता है ‘भारत’ में भी वही ताकत है, इसी तत्थ को सोचने, समझने व बनाए रखने के लिए, १० फरवरी से २१ फरवरी २०२१ को ‘भारत सम्मान दीपोमय यात्रा’ का आयोजन किया गया है, इस यात्रा को सफल बनाने के उद्देश्य से ‘मैं भारत हूँ’ समूह द्वारा गत १३ दिसम्बर २०२०...

२६ जनवरी-गणतंत्र दिवस-भारतीय स्वतंत्रता व स्वाभिमान का प्रतीक

२६ जनवरी-गणतंत्र दिवस-भारतीय स्वतंत्रता व स्वाभिमान का प्रतीक

२६ जनवरी-गणतंत्र दिवस भारतीय स्वतंत्रता व स्वाभिमान का प्रतीक इतिहास : भारत के संविधान को लागू किए जाने से पहले भी २६ जनवरी का बहुत महत्व था, २६ जनवरी को विशेष दिन के रुप में चिन्हित किया गया था, ३१ दिसंबर सन् १९२९ के मध्य रात्रि में राष्ट्र को स्वतंत्र बनाने की पहल करते हुए लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पंडित जवाहरलाल नेहरु की अध्यक्षता में हुआ,जिसमें प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई थी कि यदि अंग्रेज सरकार २६ जनवरी १९३० तक भारत को उपनिवेश पद (Dominian States) नहीं प्रदान करेगी तो भारत अपने को पूर्ण स्वतंत्र घोषित...

लुणकरणसर का ऐतिहासिक विशेषांक अति प्रशंसनीय

लुणकरणसर का ऐतिहासिक विशेषांक अति प्रशंसनीय

लुणकरणसर का ऐतिहासिक विशेषांक अति प्रशंसनीय लूणकरणसर: ‘मेरा राजस्थान’ मुम्बई से प्रकाशित ‘लूणकरणसर’ के इतिहास दर्शन को झलकाती पुस्तक का विमोचन उपखण्ड अधिकारी भागीरथ साख द्वारा किया गया, इस अवसर पर श्री साख ने कहा कि ‘मेरा राजस्थान’ पुस्तक में ‘लूणकरणसर’ का इतिहास और विरासत का संग्रहण कर एकत्रित किया गया है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा और उन्हें ‘लूणकरणसर’ के इतिहास की जानकरी प्राप्त होगी, इस अवसर पर ‘मेरा राजस्थान’ के सहयोगी ‘लूणकरणसर’ निवासी श्रेयांश बैद उपस्थित थे। मेरा राजस्थान पत्रिका की लूणकरणसर की प्रति जिला कलेक्टर नमित मेहता को भेंट करते हुए श्रेयांश बैद जी...

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