Category: जून २०२१

मैं भारत हूँ संघ ने मुंबई की मशहूर राजस्थानी कॉलोनी जे.बी. नगर की ७५वीं सालगिरह मनाई

मैं भारत हूँ संघ ने मुंबई की मशहूर राजस्थानी कॉलोनी जे.बी. नगर की ७५वीं सालगिरह मनाई

मैं भारत हूँ संघ ने मुंबई की मशहूर राजस्थानी कॉलोनी जे.बी. नगर की ७५वीं सालगिरह मनाई(Mai Bharat hun Sangh has established the famous Rajasthani colony of Mumbai JB nagar 75th anniversary of the city celebrated)भारत की आर्थिक राजधानी कही जाती है मुंबई, मुंबई का ह्य्दय कहा जाने वाला अंधेरी पूर्व में स्थित है जे.बी. नगर, जो मिनी राजस्थान के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहां के निवासियों की अधिकतम संख्या राजस्थानियों की है।स्थापना व विकास में राजस्थानीयों की अहम् भूमिका रही है। इसी जे.बी. नगर की ७५ वीं वर्षगांठ पर २५ मई २०२१ को ‘मैं भारत हूँ’ संघ के...

माहेश्वरियों का अति पवित्र दिन महेश नवमी

माहेश्वरियों का अति पवित्र दिन महेश नवमी

माहेश्वरियों का अति पवित्र दिन महेश नवमी (Mahesh Navami the most holy day of Maheshwaris in Hindi)माहेश्वरियों का अति पवित्र दिन महेश नवमी (Mahesh Navami the most holy day of Maheshwaris in Hindi) : भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है जहां विभिन्न धर्म, जाति और समुदाय के भिन्न-भिन्न रिति-रिवाज व अनुष्ठान मौजूद हैं। इन्हीं समुदायों में से एक समुदाय है महेश्वरी समाज, जिस तरह प्रत्येक समुदाय के अपने अनुष्ठान और त्यौहार होते हैं वैसे ही महेश्वरी समुदाय का भी अपना अनुष्ठान है, जिसे ‘महेश नवमी’ कहते हैं। यह समुदाय देश के उत्तरी हिस्से में अधिक प्रचलित है और हर साल महेश्वरी समाज...

माहेश्वरी समाज की कुल माताएं

माहेश्वरी समाज की कुल माताएं

माहेश्वरी समाज की कुल माताएं (Total Goddess of Maheshwari Samaj in Hindi) माहेश्वरी समाज की कुल माताएं (Total Goddess of Maheshwari Samaj in Hindi) : १.सेवल्या माता- माता जी का स्थान राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की मांडल तहसील के ग्राम बागौर में है। संवल्या माताजी का मंदिर अति प्राचीन है जो ब्राम्हणी माता के नाम से भी प्रसिद्ध है इस क्षेत्र के लोगों में माताजी के प्रति अटुट श्रद्धा है एवं लोगों की मन्नतें यहां से पूर्ण होती है।२.बंधर माता- उदयपुर के चित्तौड़गढ के रास्ते पर एयरपोर्ट रोड पर मोमार गाँव से आगे १० किमी. दूर बायें हाथ की तरफ अकोला...

माहेश्वरी समाज वंशोत्पत्ति

माहेश्वरी समाज वंशोत्पत्ति

    माहेश्वरी समाज वंशोत्पत्ति ( Maheshwari Samaj Genealogy in Hindi) माहेश्वरी समाज वंशोत्पत्ति ( Maheshwari Samaj Genealogy in Hindi) : माहेश्वरी समाज! समय के साथ कदम से कदम मिलाने में विश्वास रखता है, इस समाज के सदस्य परिवर्तनशीलता के पक्षधर हैं, इस दृष्टि से सब नित-नवीन हैं। महाकवि कालिदास ने नवीनता की व्याख्या करते हुए लिखा है- पदे-पदे यन्नवतामुमैति, तदैवरूपम् रमणीयताया: कदम-कदम पर जो नवीनता को स्वीकार कर लेते हैं, वे रमणीय रहते हैं। रमणीयता समय की शोभा है और समयरमणीय को रमणीयतम बना देता है। माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति के संबंध में अनेक किंवदंतियां हैं। जयपुर जिले के अंतर्गत खंडेला के प्रतापी...

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