राजस्थानी संस्कृति री खास ओळख करावती पागड़ा
मिनख जीवण री सरसता सारु अनुशासन ज्ञान, परमात्मा री कल्पना अर केई मरजादावां नै निरोगी अर सैयोगी भावना रौ आधार बणायौ। होळै-होळै मिनख आपरै जीवण रा हरेक क्षेत्र में तरक्की करी अर नगर-विकास रै साथै उणरै खाण-पाण, पहनावा आद ई सुधरता गया। रितुवां माथै आधारित धारमिक तिंवारां री पौराणिक मान्यतावां मुजब अपणायोड़ी सांस्कृतिक परंपरावां मिनख रै सामाजिक जीवण रै साथै विकसित हुवण लागी। पैली सदी (ई.पू.) रा भित्तिचित्रां में पगाड़ियां रौ अंकन मिळै। अजंता अर अेलोरा री गुफावां में खुदियोड़ी मूर्तियां में पगाड़ियां रा सरुआती इतिहास खोज्यौ जाय सवैâ। शुंगकालीन प्रस्तर मूर्तियां अर कुशाण सूं गुप्त काल तांई रा चित्रां अर...