Category: Sampadkiya

क्षमावणी पर्व -गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी

क्षमावणी पर्व -गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी

क्षमावणी पर्व -गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी (Ganini Shri Gyanmati Mataji)दशलक्षण पर्व का प्रारम्भ भी क्षमाधर्म से होता है और समापन भी क्षमाधर्म पर्व से किया जाता है। दस दिन धर्मों की पूजा करके, जाप्य करके जो परिणाम निर्मल किये जाते है और दश धर्मों का उपदेश श्रवण कर जो आत्म शोधन होता है उसी के फलस्वरूप सभी श्रावक-श्राविकायें किसी भी निमित्त परस्पर में होने वाली मनो-मलिनता को दूर कर आपस में क्षमा मांगते हैं, क्योंकि यह क्रोध कषाय प्रत्यक्ष में ही अग्नि के समान भयंकर है।क्रोध आते ही मनुष्य का चेहरा लाल हो जाता है, होंठ काँपने लगते हैं, मुखमुद्रा विकृत...

संपादकीय जून 2019

संपादकीय जून 2019

सम्पादक बिजय कुमार जैन ‘हिन्दी सेवी’  माहेश्वरीयों का इतिहास प्रणम्य हैमाहेश्वरी समाज का सबसे बड़ा पर्व ‘महेश नवमी’ का विशेषांक ‘मेरा राजस्थान’ के प्रबुद्ध पाठकों के हाथों प्रस्तुत कर अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है, कारण यह है कि माहेश्वरी समाज के इतिहास का अध्ययन करने का मुझे भी मौका मिला, जिससे यह जानकारी मिली कि किस प्रकार भगवान महेश के भक्त माहेश्वरी क्षत्रिय से वाणिज्य प्रेमी बने, जो वाणिज्य के साथसाथ राष्ट्र की सेवा के लिए भी अग्रणीय हैं। भारत की आजादी का श्रेय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ बिड़ला व बजाज परिवार को भी जाता है, मात्र आजादी ही नहीं...

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