लुणकरणसर का ऐतिहासिक विशेषांक अति प्रशंसनीय
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लुणकरणसर का ऐतिहासिक विशेषांक अति प्रशंसनीय

जी सोरो करा देवे
गूंदपाक सियाळे में,
दही-छाछ उँन्हाळे में,
चीलड़ो बरसात में,
‘डॉय फ्रूट’ बारात में
जी सोरो करा देवे…
गलरको खीर को,
को़फ्त पनीर को,
रंग केसर फीणी को,
चूरमो देसी चीणी को
जी सोरो करा देवे…
रोटी बाजरी की,
चटणी काचरी की,
बाटो भोभर को,
बड़ो मोठ-मोगर को
जी सोरो करा देवे…
सबड़को राबड़ी को,
स्वाद गुलाबड़ी को,
साग केर सांगरी को,
मिठास गुड़ की डळी को
जी सोरो करा देवे…
खुपरी मतीरा की,
खुशबु सीरा की,
अचार भोकरु को,
भुजिया बीकानेर को
जी सोरो करा देवे…
कचौरी दाळ की,
जळेबी घाळ की,
खीचड़ो बाजरी मोठ को,
मजो सावण की गोठ को
जी सोरो करा देवे
दूध घर की गाय को,
सुरडको गर्म चाय को,
राजभोग छैना को,
शर्बत केरी पोदीना को…
जी सोरो करा देवे…
गप्पा गुवाड़ की, शान मारवाड़ की, मीठो पत्तो पान को,
खाणो राजस्थान को
जी सोरो करा देवे
जय-जय राजस्थान
जय-जय राजस्थानी