सातुड़ी तीज

हमेशा वेश्या के घर जाता था | वो कोढ़ी था, जिससे उसकी पत्नी उसे अपने कंधे पर बैठाकर ले जाती और वो कहता अब तू जा, तो वो चली जाती, ऐसे करते-करते भादवे की तीज आई, वो गेहूँ पीसने बैठी थी इतने में उसका पति आया और बोला ………………