ठा. बीदाजी एवं ठा. ऊदाजी पड़िहार (Thakur Bidaji and Thakur Udaji )
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ठा. बीदाजी एवं ठा. ऊदाजी पड़िहार
इतिहास प्रसिद्ध मण्डोर के अंतिम पड़िहार शासक राणा रूपड़ाजी के लघु भ्राता राणा बलूजी पड़िहार के वंश वृक्ष
में क्रमश श्यामसी, छाजूरामी, सारंगजी व चांदसी हुए। इसी चांदसी ने बारू-छायण से पलायन करके विक्रम संवत्
१५९४ की वैशाख शुक्ल अक्षय तृतीया को अपने नाम से ‘चांदमसो’ गाँव बसाया।
चांदसी के पुत्र संग्रामसी के समय विक्रम संवत् १६०९ में खारबारा के नरावत राजपूतों ने चांदसमो गाँव पर
अक्रमण कर दिया, जिसमें संग्रामसी एवं उनके छ पुत्रों क्रमश रामदासजी, श्यामदासजी, सुखजी, अजबसी,
रूगदासजी और थानसी ने नरावतों से युद्ध करते हुए वीरगति पाई। इस युद्ध में संग्रामसी के जीवित बचे दो
ज्येष्ठ पुत्रों बीदाजी एवं ऊदाजी को चांदसमो गाँव छोड़ कर बीकानेर की तरफ पलायन करना पड़ा।
विक्रम संवत् १६२० में बीदाजी एवं ऊदाजी दोनों भाई बीकानेर के राव कल्याणमल के यहाँ चाकरी करने लग गए
और कालान्तर में बीकानेर के महाराजा रायसिंह ने विक्रम संवत् १६३० में बीदाजी पड़िहार की उत्तम राज्य सेवाओं
से अति प्रसन्न होकर कतरियासर गाँव का पट्टा बख्शिश (इनायत) किया और विक्रम संवत् १६३१ में बीदाजी
पड़िहार ने कतरियासर गाँव में कुआं निर्माण करवाया और यह कुआं कतरियासर गाँव के बीच में आज भी
अस्तित्व में है। इसी कुएं की चाठ के पास विक्रम संवत् १६९१ का एक शिलालेख आज भी विद्यमान है जो कि
बीदाजी पड़िहार के ही वंशज जूझार परमसी पुत्र सगतसी और ‘सती हेमा’ और ‘महासती अणदेजी’ का है।
विक्रम संवत् १७०८ में ठा. जगमालसिंह पड़िहार एवं उनके भाई बन्धु गाँव कतरियासर से पलायन करके बीकानेर
के पास गाँव ‘उदासर’ में आबाद हो गए।
ऊदाजी को भी बीकानेर के महाराजा रायसिंह ने उनकी सेवाओं से प्रसन्न होकर विक्रम संवत् १६३१ में गाँव
‘उदासर’ तहसील बीकानेर का पट्टा बख्शिश (इनायत) किया। महाराजा रायसिंह द्वारा प्रदत्त आर्थिक सहायता
से ऊदाजी ने भी उदासर गाँव में कुआं निर्माण करवाया। (वर्तमान में आज जो कुआं उदासर गाँव के गांधी चौक में
विद्यमान है) विक्रम संवत् १६३६ में बीकानेर के महाराजा रायसिंह ने ऊदाजी पड़िहार को गाँव सुरधना का पट्टा
बख्शिश (इनायत) किया था। विक्रम संवत् १७०८ के लगभग ऊदाजी वंशज पड़िहारों ने उदासर गाँव से पलायन
कर सुरधना गाँव में अपना निवास बना लिया। वर्तमान में ऊदाजी पड़िहार के वंशज गाँव सुरधना, गाँव
सूरतसिंहपुरा, गाँव दुलचासर एवं गाँव कोटासर एवं गाँव खारड़ा में आबाद हैं।