बंग खांप की कुलदेवी है खांडल माता

बंग खांप की कुलदेवी है खांडल माता (Khandal Mata is the Kuldevi of Bang Khamp )
मूण्डवा: माहेश्वरी समाज में बंग खांप के मूल दो जन्म स्थान माने जाते हैं। प्रथम मूण्डवा तथा दूसरा रेण मूण्डवा की बंग खांप की कुलदेवी खांडल माता, जिसका भव्य मन्दिर राष्ट्रीय राजमार्ग ८९ पर ज्ञान तालाब के पास स्थित है। यहां शारदीय व चैत्र नवरात्री के दौरान देश भर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। मन्दिर का काम पूर्ण होने के बाद वर्तमान में आवासीय कमरों का कार्य प्रगति पर है, यहां ठहरने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी व्यवस्था की गई है।
भूमि में थी प्रतिमा
बताया जाता है कि ज्ञान तालाब के किनारे बगरू (ऊंचे टीले) पर एक केरकी झाड़ी के नीचे प्रतिमा थी। विक्रम संवत् २०५९ को यहां नवरात्रा कर रहे एक संत ने प्रतिमा होने की बात बताई तो केर की झाड़ी हटाकर खुदाई करने पर एक संगमरमर की देवली निकली, जिस पर हाथ में तलवार लिए सिंहासनारूढ़ देवी की प्रतिमा थी, जिस पर खांडल माता संवत् १५५३ लिखा हुआ था, कुछ अरसे तक वहीं पर प्रतिमा को स्थापित कर पूजन-अर्चन होता रहा, कुछ निर्माण भी हुआ पर देवी को कुछ ओर ही मंजूर था।
नए स्थान पर विराजी देवी
धीरे-धीरे दूर-दराज के बंग समाज को भी कुलदेवी की जानकारी मिली तो समाज बंधु जुटने लगे। देवी के मन्दिर निर्माण के लिए ज्ञान तालाब से पूर्व की ओर जमीन खरीदकर मन्दिर का निर्माण शुरू करवाया गया। अक्टूबर २०११ में भव्य धर्मिक अनुष्ठानों के साथ देवी की प्रतिमा को नवीन मन्दिर में प्रतिष्ठित किया गया, तब से चल रहा निर्माण कार्य आज भी जारी है। मन्दिर के बरामदे व यज्ञशाला की बनावट अत्यन्त आकर्षक है। – हनुमानराम ईनाणिया
बंग खांप की कुलदेवी है खांडल माता (Khandal Mata is the Kuldevi of Bang Khamp )
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