गौ माता की सेवा में महनसर के निवासी-प्रवासी अग्रसर

गौ माता की सेवा में महनसर के निवासी-प्रवासी अग्रसर (In Gau Mata Seva the resident-migrant of Mahnsar is marching in Hindi)

गौ माता की सेवा में महनसर के निवासी-प्रवासी अग्रसर (In Gau Mata Seva the resident-migrant of Mahnsar is marching in Hindi) : देवभूमि शेखावाटी में, गौ सेवा की परम्परा सदियों से रही है। यहाँ के हर छोटे-बड़े शहरों में गौशाला संचालन का कार्य,
प्रवासी सेठों व स्थानीय समाज सेवियों द्वारा तन-मन-धन से पूरी निष्ठा के साथ किया जाता है। ‘महनसर’ में भी
गौशाला के अभाव में, वृद्ध व लावारिस गौ वंश की दुर्दशा देखकर समाज सेवी ठा. महिपाल सिंह ने गांव के
प्रबुद्धजनों व प्रवासी बन्धुओं को, इस कार्य के लिये प्रेरित किया। सभी ने इसमें काफी रुचि दिखाई। वर्ष २०११ में
मात्र २१ गायों के साथ मुक्तिधाम के पास गौ सेवा का यह यज्ञ प्रारम्भ कर दिया गया था। शुरू में चंद प्रवासी परिवारों
ने ही इसमें आर्थिक सहयोग का बीड़ा उठाया, बाद में धीरे-धीरे भामाशाह जुड़ते गये और कारवां बनता गया। वर्तमान
में यहाँ ८५ के करीब गौवंश की सेवा, गत दस वर्षो से हो रही है। अब गाय-बैलों के लिये विशाल आवास,चारा संग्रह हेतु
गौदाम, कार्यालय भवन भी उपलब्ध हो गया है। गायों के चरने के लिये पास में ही विशाल गौचर भूमि है। संस्था का
सुचारू प्रबंधन स्थानीय मंत्री पवन मस्करा की देख-रेख में पंजीकृत ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। वृक्षों से आच्छादित
गौशाला परिसर, गांव का रमणीय स्थान बन गया है। सुबह-शाम गांव के सेवा भावी युवा-बुजुर्ग यहाँ भ्रमण, व्यायाम
व गौ सेवा के लिये पहुँचते हैं। गौ वंश की समुचित देखभाल के लिये संस्था द्वारा सेवादारों की भी नियुक्ति की गई है,
यहां यह परम्परा बन गई है कि लोग यहाँ गायों को गुड़ और दलिया खिलाकर अपना जन्मदिन व परिजनों की
पुण्यतिथि मनाने लगे हैं।

महनसर (शेखावाटी) Mahansar (Shekhawati) in Hindi
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