मूण्डवा की अद्वितीय धरोहर लाखोलाव तालाब है (The unique heritage of Mundwa is Lakholav Pond in Hindi)
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मूण्डवा की अद्वितीय धरोहर लाखोलाव तालाब है (The unique heritage of Mundwa is Lakholav Pond in Hindi) :मूण्डवा नगर की भौगोलिक बसावट अपने आप में वैज्ञानिक दृष्टिकोण लिए हुए है। यह समूचा कस्बा एक टीलेनुमा
स्थान पर बसा है। इस कस्बे के प्रमुख चार दिशाओं में चार प्रमुख तालाब है, जो कस्बे की पेयजल समस्या का समाधान करते हुए कस्बेवासियों को बारहों महिने फ्लोराईड मुक्त पानी उपलब्ध करवाते हैं। आज आबादी के बढ़ते दबाव को ध्यान में रखते हुए इन तालाबों के संरक्षण एवं विकास की महत्ती आवश्यकता है। बढ़ती आबादी का भी समायोजन होता चला जाए और तालाब एवं उनकी अंगोर भूमि का भी संरक्षण होता रहे, इस प्रकार की दुरगामी योजना की नितांत आवश्यकता है। कस्बे से निकलने वाले नालों का पानी इन तालाबों में न पहुंचे इस ओर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।
‘‘चूडाजीनू मार तुरकां नागोर लियो,
पछे तुरकांनू मार राणै लाखे नागोर रिडमलजीनू दीयो,
जोधपुर सता चूडावतरी ठकुराई,
नागौर गाव मूडवै राणै लाखै लाखासर तब्गव नागोर करायो” जिसके अनुसार लाखोलाव तालाब मेवाड़ के राणा लाखा द्वारा निर्मित है।