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सम्पादकीय
बिजय कुमार जैन
वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक
हिंदी सेवी-पर्यावरण प्रेमी
भारत को भारत कहा जाए का आव्हान करने वाला एक भारतीय
सम्पादकीय
‘भारत को केवल ‘भारत’ ही बोला जाए’ इंडिया नहीं’
अभियान की सफलता के लिए आयोजित
‘आपणों राजस्थान’ की सफलता आज भी गुंजायमान हो रही है
भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई की ‘फिल्म सिटी’ में आयोजित (३० मार्च) राजस्थान स्थापना दिवस के पर्व पर ३० व ३१ मार्च २०२४ को ‘आपणों राजस्थान’ भव्यातीभव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी सराहना मुंबई के साथ देश-विदेश में फैले भारतीय राजस्थानी परिवारों के द्वारा आज भी की जा रही है।
कहते हैं कि कुछ कार्यक्रम ऐसे आयोजित हो जाते हैं, जिसका संस्मरण लोगों के बीच महीनों, नहीं सालों तक बना रहता है। ‘आपणों राजस्थान’ कार्यक्रम को हुए एक महीने बीत रहे हैं, आज भी ‘आपणों राजस्थान’ जो की सन २०१४ में पहली बार मुंबई में आयोजित भव्यातिभव्य कार्यक्रम के रूप में हुआ था,उसकी यादगार राजस्थानी परिवारों में आज भी बनी हुई है, इस वर्ष आयोजित ७वां वार्षिक कार्यक्रम हुआ, जिसमें भारत के कोने-कोने से ही नहीं विदेश से भी लोग पधारे थे।
‘मैं भारत हूं फाउंडेशन’ जो की भारत सरकार से पंजीकृत अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है, जिसका एकमात्र उद्देश्य यह है कि अब तो अपने देश का नाम केवल एक ही रहे केवल ‘भारत’, जिसमें आंशिक सफलता भी मिल रही है, भारत का हर ७वां भारतीय अपने देश के नाम का उद्घोष ‘भारत’ नाम से ही करने लगा है। मुझे विश्वास भी है कि हमारे भारत मां की लाडले ‘सांसद’ भारत की सर्वोत्तम संस्था लोकसभा व राज्यसभा में संवाद कर ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद क्रमांक १ एक से घ्र्Dघ्A’ को विलुप्त करवाएंगे और विश्व के मानचित्र में घ्र्Dघ्A की जगह हमारे देश का नाम ँप्ARAऊ लिखवाएंगे और यह २०२४ के नवंबर-दिसंबर तक हो जाएगा, क्योंकि भारत के वर्तमान पंतप्रधान नरेंद्र मोदी जी ‘भारत माता की जय’ ही बोलते हैं, इसलिए हम भारतीय अपने देश को केवल ‘भारत’ ही बोलेंगे, ‘जय भारत’ ही बोलेंगे।
‘आपणों राजस्थान’ कार्यक्रम के विशाल मंच पर भी ‘भारत’ नाम की ही गूंज रही, हर किसी ने कहा कि अब से हम हमारे देश को केवल ‘भारत’ ही बोलेंगे और हर दूसरे को भी प्रोत्साहित करेंगे, ताकि विश्व के मानचित्र में जहां अपने देश का नाम केवल घ्र्Dघ्A लिखा हुआ है वहां पर ँप्ARAऊ लिखा जाए और यह हम १४० करोड़ भारतीयों के निवेदन भी हैं, उस पर भारत सरकार जरूर ध्यान देगी।
जय जय राजस्थान!