कैलाश धाम ( बिशनगढ़ गांव,जालोर)
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बिशनगढ़ गांव में मुख्य नाकोडा रोड पर स्थित विशालकाय शिव प्रतिमा एवं ३५ बीघा में फैला हुआ मंदिर परिसर कैलाशधाम ‘जालोर’ की विशेष पहचान बन गया हैं जो कि है राजस्थान का कैलाश धाम। ‘जालोर’ से सिर्फ ५ किलोमीटर दूर, बारिश में शिव प्रतिमा का स्वरूप और भी निखर जाता है। यहां का नजारा देखते ही बनता है। माहौल ऐसा कि ‘सत्य ही शिव हैं, शिव ही सुंदर हैं।’
विदित हो कि ७२ फीट ऊंची शिव की प्रतिमा एक किलोमीटर दूर से ही नजर आने लगती है।
बिशनगढ़ गांव में बने शिव धाम में भक्तों का तांता लगा रहता था।
सावन मास और शिवरात्रि में यहां विशेष पूजा अर्चना होती है। महादेव की मूर्ति के नीचे एक गुफा बनी हुई है, जिसके अंदर १२ ज्योर्तिलिंग स्थापित किए गए हैं ताकि यहां आने वाले भक्तों को एक ही स्थान पर सभी ज्योर्तिलिंग के दर्शन मिल सके।
भंवरानी के उद्यमी ने बिशनगढ़ गांव में करवाया मंदिर का निर्माण
‘जालोर’ जिले के बिशनगढ़ के विशालकाय महादेव का निर्माण कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के शिवोहम टेंपल की महादेव मूर्ति की तर्ज पर हुआ। कैलाश धाम का निर्माण जिले के भंवरानी निवासी भंवरलाल खींवसरा द्वारा उनकी मां की इच्छा व स्मृति में श्रीमती अणसीदेवी प्रतापचंद खिंवखरा ट्रस्ट द्वारा निर्माण किया गया।
मंदिर का निर्माण कर्नाटक के शिवमोगा के आर्किटेक्ट श्रीधर द्वारा किया गया, जिसने बेंगलुरु के महादेव प्रतिमा शिवोम का निर्माण किया, मूर्ति भी उसी की तर्ज पर बनाई गई है लेकिन बेंगलुरु की मूर्ति की ऊंचाई ६५.५ फीट एवं जालोर के कैलाश धाम की ऊंचाई ७२ फीट है। वहीं बेंगलुरु की मूर्ति क्रीम कलर में निर्मित की हुई है, जबकी कैलाश धाम की मूर्ति नीले रंग एवं विभिन्न रंगों के साथ सुसज्जित है।