सितम्बर समीक्षा
( हेलो! मेरा राजस्थान ) जगत नारायण जोशी पूर्व राज्यमंत्री सलाहकार इंदौर, मध्यप्रदेश, भारत भ्रमणध्वनि: ९४२५०५४९७० महाष्र् दधीच न सिर्प दानवीर रहे बल्कि श्रेष्ठ न्यासी के रूप में समाज के सम्मुख उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया, देवताओं द्वारा सुरक्षित रखने हेतु दिए गए दिव्य अस्त्र-शस्त्रों की रक्षा के लिए अपने तपोबल से उन्हें अपने शरीर में धारण किया, जब देवताओं को इस शस्त्रों की आवश्यकता हुई तो अपने शरीर का त्याग कर वङ्का रूपी शस्त्र प्रदान किया। महर्षि दधीच को प्रथम न्यासी के रूप में जाना जाता है, उन्होंने मानव कल्याण हेतु व वत्रासुर के कष्टों से समाज की रक्षार्थ अपने शरीर...