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मारवाड़-मूण्डवा

मारवाड़-मूण्डवा

मारवाड़ मूण्डवा जो आपका भी है और हमारा भी मारवाड़-मूण्डवा (Marwar Mundwa in hindi)मारवाड़ मूण्डवा जो आपका भी है और हमारा भी !! मूण्डवा की पावन धरती है कितनी महान।  मूण्डवा इसकी पहचान है मूण्डवा ही हमारी पहचान ।। मारवाड़ मूण्डवा अपने आप में जोधपुर स्टेट का एक प्रमुख ग्राम (कस्बा) रहा है, अगर इसे संस्कृति व धर्म-कर्म का एक प्रमुख स्थल कह दिया जाए तो अतिशियोक्ति पूर्ण होगा।मारवाड़ मूण्डवा की स्थापना लगभग एक हजार वर्ष पूर्व धधाणी तालाब के सामने स्थित टीबे पर हुई थी, उसी समय यहां माताजी के मंदिर का निर्माण हुआ, बाद में कस्बा पहाड़ी तले बसा...

मैं भारत हूँ संघ ने मुंबई की मशहूर राजस्थानी कॉलोनी जे.बी. नगर की ७५वीं सालगिरह मनाई

मैं भारत हूँ संघ ने मुंबई की मशहूर राजस्थानी कॉलोनी जे.बी. नगर की ७५वीं सालगिरह मनाई

मैं भारत हूँ संघ ने मुंबई की मशहूर राजस्थानी कॉलोनी जे.बी. नगर की ७५वीं सालगिरह मनाई(Mai Bharat hun Sangh has established the famous Rajasthani colony of Mumbai JB nagar 75th anniversary of the city celebrated)भारत की आर्थिक राजधानी कही जाती है मुंबई, मुंबई का ह्य्दय कहा जाने वाला अंधेरी पूर्व में स्थित है जे.बी. नगर, जो मिनी राजस्थान के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहां के निवासियों की अधिकतम संख्या राजस्थानियों की है।स्थापना व विकास में राजस्थानीयों की अहम् भूमिका रही है। इसी जे.बी. नगर की ७५ वीं वर्षगांठ पर २५ मई २०२१ को ‘मैं भारत हूँ’ संघ के...

माहेश्वरियों का अति पवित्र दिन महेश नवमी

माहेश्वरियों का अति पवित्र दिन महेश नवमी

माहेश्वरियों का अति पवित्र दिन महेश नवमी (Mahesh Navami the most holy day of Maheshwaris in Hindi)माहेश्वरियों का अति पवित्र दिन महेश नवमी (Mahesh Navami the most holy day of Maheshwaris in Hindi) : भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है जहां विभिन्न धर्म, जाति और समुदाय के भिन्न-भिन्न रिति-रिवाज व अनुष्ठान मौजूद हैं। इन्हीं समुदायों में से एक समुदाय है महेश्वरी समाज, जिस तरह प्रत्येक समुदाय के अपने अनुष्ठान और त्यौहार होते हैं वैसे ही महेश्वरी समुदाय का भी अपना अनुष्ठान है, जिसे ‘महेश नवमी’ कहते हैं। यह समुदाय देश के उत्तरी हिस्से में अधिक प्रचलित है और हर साल महेश्वरी समाज...

माहेश्वरी समाज की कुल माताएं

माहेश्वरी समाज की कुल माताएं

माहेश्वरी समाज की कुल माताएं (Total Goddess of Maheshwari Samaj in Hindi) माहेश्वरी समाज की कुल माताएं (Total Goddess of Maheshwari Samaj in Hindi) : १.सेवल्या माता- माता जी का स्थान राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की मांडल तहसील के ग्राम बागौर में है। संवल्या माताजी का मंदिर अति प्राचीन है जो ब्राम्हणी माता के नाम से भी प्रसिद्ध है इस क्षेत्र के लोगों में माताजी के प्रति अटुट श्रद्धा है एवं लोगों की मन्नतें यहां से पूर्ण होती है।२.बंधर माता- उदयपुर के चित्तौड़गढ के रास्ते पर एयरपोर्ट रोड पर मोमार गाँव से आगे १० किमी. दूर बायें हाथ की तरफ अकोला...

माहेश्वरी समाज वंशोत्पत्ति

माहेश्वरी समाज वंशोत्पत्ति

    माहेश्वरी समाज वंशोत्पत्ति ( Maheshwari Samaj Genealogy in Hindi) माहेश्वरी समाज वंशोत्पत्ति ( Maheshwari Samaj Genealogy in Hindi) : माहेश्वरी समाज! समय के साथ कदम से कदम मिलाने में विश्वास रखता है, इस समाज के सदस्य परिवर्तनशीलता के पक्षधर हैं, इस दृष्टि से सब नित-नवीन हैं। महाकवि कालिदास ने नवीनता की व्याख्या करते हुए लिखा है- पदे-पदे यन्नवतामुमैति, तदैवरूपम् रमणीयताया: कदम-कदम पर जो नवीनता को स्वीकार कर लेते हैं, वे रमणीय रहते हैं। रमणीयता समय की शोभा है और समयरमणीय को रमणीयतम बना देता है। माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति के संबंध में अनेक किंवदंतियां हैं। जयपुर जिले के अंतर्गत खंडेला के प्रतापी...

जोश और जज्बे का नाम है बुद्धि प्रकाश दायमा

जोश और जज्बे का नाम है बुद्धि प्रकाश दायमा

बुद्धि प्रकाश दायमा महनसर निवासी-वापी प्रवासी जोश और जज्बे का नाम है बुद्धि प्रकाश दायमा (The Name Of Passion is Buddhi Prakash Dayma in Hindi) वापी: झुंझुनू जिले के ‘महनसर’ गांव में १ अक्टूबर १९६१ को दधीचि ब्राह्मण परिवार श्री केशर देव जी दायमा के यहाँ पांचवीं सन्तान के रूप में बुद्धि प्रकाश दायमा ‘बी. के. दायमा’ का जन्म हुआ। यथा नाम तथा गुण को साकार करते हुये, सदा अपनी कक्षा में अव्वल रह कर, श्री बुद्धि प्रकाश ने दसवीं तक की पढ़ाई गांव के ही सेठ दौलत राम नोपानी माध्यमिक विद्यालय से पूरी की।बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ...

सोने की दुकान देखनी है तो चले आओ ‘महनसर

सोने की दुकान देखनी है तो चले आओ ‘महनसर

    सोने की दुकान देखनी है तो चले आओ ‘महनसर’ (If you want to see a gold shop then come ‘Mahansar’ in Hindi) सोने की दुकान देखनी है तो चले आओ ‘महनसर’ (If you want to see a gold shop then come ‘Mahansar’ in Hindi) : शेखावाटी में यूं तो रेत के धोरों के बीच बनी दिल जैसे जाली, झरोखे वाली हवेलियां बरबस ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं, लेकिन झुंझुनूं जिले के ‘महनसर’ गांव में बनी सोने की दुकान अपने आप में खास है।‘महनसर’ में आने वाला हर व्यक्ति पोद्दार परिवार की ओर से निर्मित सोने की...

गौ माता की सेवा में महनसर के निवासी-प्रवासी अग्रसर

गौ माता की सेवा में महनसर के निवासी-प्रवासी अग्रसर

    गौ माता की सेवा में महनसर के निवासी-प्रवासी अग्रसर (In Gau Mata Seva the resident-migrant of Mahnsar is marching in Hindi) गौ माता की सेवा में महनसर के निवासी-प्रवासी अग्रसर (In Gau Mata Seva the resident-migrant of Mahnsar is marching in Hindi) : देवभूमि शेखावाटी में, गौ सेवा की परम्परा सदियों से रही है। यहाँ के हर छोटे-बड़े शहरों में गौशाला संचालन का कार्य, प्रवासी सेठों व स्थानीय समाज सेवियों द्वारा तन-मन-धन से पूरी निष्ठा के साथ किया जाता है। ‘महनसर’ में भी गौशाला के अभाव में, वृद्ध व लावारिस गौ वंश की दुर्दशा देखकर समाज सेवी ठा. महिपाल...

महानसर शेखावाटी

महानसर शेखावाटी

    महनसर (शेखावाटी) Mahansar (Shekhawati) in Hindi महनसर (शेखावाटी) Mahansar (Shekhawati) in Hindi : राजस्थान का शेखावाटी इलाका अपने भव्य गढ़, हवेलियों और सांस्कृतिक विरासत के लिये जाना जाता है। इसी के झुंझुनू जिले में चुरू और सीकर जिलों की सीमाओं से सटे गांव ‘महनसर’ की अलग ही शान है। इसकी पना नवलगढ़ राजा ठाकुर नवलसिंह जी के सुपुत्र नाहर सिंह द्वारा सन १७६८ में की गई। ‘महनसर’ अपने विशाल किले, कलात्मक हवेलियां व समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिये जाना जाता है।सोने की दुकान अपने जटिल चित्रों जिसे सोने की झोल से बनाया गया इस कारण प्रसिद्ध है। इस हवेली...

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