Category: जनवरी-२०१९

श्री माहेश्वरी समाज-एक दॄष्टिकोण एवं योगदान

श्री माहेश्वरी समाज-एक दॄष्टिकोण एवं योगदान

श्री माहेश्वरी समाज चेन्नई: मद्रास शहर में श्री माहेश्वरी समाज का उद्गम लगभग सवा सौ वर्ष पूर्व हुआ, सन् १९५७ तक माहेश्वरी समाज की गतिविधियाँ माहेश्वरी पंचायत द्वारा संचालित थी। समाज के सदस्यों की संख्या जैसे-जैसे बढ़ी, सामाजिक प्रणाली का विकास हुआ। १४-०१-१९५३ को श्री माहेश्वरी सभा, मद्रास की स्थापना की गई, तब से अब तक माहेश्वरी समाज को संगठित करने में, क्रियाशील बनाने में, गतिशील बनाने में, प्रगति के पथ पर श्री माहेश्वरी सभा ने एक लम्बा सफर तय किया है।श्री माहेश्वरी सभा, माहेश्वरी समाज के संगठन और सर्वांगीण विकास के प्रति कटिबद्ध होने के साथ-साथ मद्रास महानगर के जन-जीवन...

डायरिया : बचाव आवश्यक है

डायरिया : बचाव आवश्यक है

डायरिया यूं तो इस रोग की चपेट में अधिकांशत: बच्चे ही आते हैं परन्तु बड़े भी इस रोग से कभी-कभी ग्रसित हो सकते हैं। जितना घातक यह बच्चों के लिए होता है, उतना बड़ों के लिये नहीं होता क्योंकि इस रोग के होने पर बच्चों के शरीर से भी उतना ही पानी निकल जाता है, जितना एक वयस्क आदमी के शरीर से निकलता है।डायरिया की बीमारी में आमतौर पर ७० कि.ग्राम वजन वाले एक वयस्क आदमी के शरीर से एक लीटर तक पानी निकल जाता है जबकि सात कि. ग्राम वजन वाले बच्चे के शरीर से भी एक लीटर ही पानी...

अनूठे प्रेम का उदाहरण श्री माहेश्वरी स्पोर्ट्र्स क्लब

अनूठे प्रेम का उदाहरण श्री माहेश्वरी स्पोर्ट्र्स क्लब

चेन्नई चेन्नई: ५० वर्ष के इस लम्बे सफर में श्री माहेश्वरी स्पोर्ट्स क्लब ने अनेक मोड़ देखे हैं, जहाँ एक दिन में होने वाली इक्की-दुक्की प्रतियोगिताओं हेतु १-२ महीने भी कम पड़ने लगे, वहीं गिनती के कार्यकर्ताओं की जगह समाज के अनगिनत कार्यकर्ताओं की सेवाएँ मिलने लगी। सच मानो तो, हमारी संस्था की तर्ज पर अन्यत्र भी ऐसी संस्थाएँ कार्यरत हुई, विशेषकर वहाँ पर जहाँ हमारे कार्यकत्र्ता बसने लगे। चेन्नई नगर में भी दूसरी सामाजिक संस्थाएँ हमारा अनुसरण करने लगी, अनुशासन व समय की पाबंदी की सर्वत्र सराहना होने लगी।हमारी संस्था ने मंचीय कार्यक्रमों में भी अपनी महारत हासिल की। धन...

मेहनत व लगन की मिसाल माहेश्वरी भवन

मेहनत व लगन की मिसाल माहेश्वरी भवन

चैन्नई चैन्नई: बीता हुआ कल ऐतिहासिक कार्यों और उनकी उपलब्धियों का आधार होता है। कल, आज और कल में समाहित समय चक्र अपनी तीनों स्थितियों में सृजनशील समाज को सृजनशीलता की ओर उत्प्रेरित करता है। कहने से पूर्व यह आवश्यक सा लगता है कि इस समय (अतीत) की उन पर्तों को अनावृत करें, जिस समय माहेश्वरी समाज के पास सभाओं तथा उत्सवों आदि के लिए कोई एक निर्धारित अपना स्थान नहीं था, उस समय के माहेश्वरी बंधुओं को सीमित संख्या को देखते हुए यही प्रचलन था कि आपस में ही किसी माहेश्वरी बन्धु का कोई न कोई स्थान उपयोग में लाया जाता था,...

धर्म और सेवा में समाज अग्र

धर्म और सेवा में समाज अग्र

मुंबई: भारत के समृद्धतम समुदायों में से एक अग्रवाल समाज की दानवीरता के चर्चे आपने अक्सर सुने होंगे, दान-धर्म के काम में हमेशा आगे रहने वाले इस समुदाय ने मुंबई आर्थिक योगदान को भी आगे बढ़ाने में अपना भरपूर योगदान दिया है। उद्योग-व्यापार से लेकर प्रशासनिक सेवाओं में भी परचम लहराने वाला यह समुदाय जहां भी रहता है, वहीं आस-पास में सेवा कार्यों के लिए जरूरतमंदों को भी खोज लेता है। धर्म में आस्था रखने वाले अग्रवाल समाज का मन सेवा कार्यों व अपने व्यापार से जुड़े कार्यों में रमता है। राजनीति से दूर रहने वाले इस समाज ने भारत के...