Sampadkiya June 2019
by admin · Published · Updated
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सम्पादकीय
बिजय कुमार जैन
वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक
हिंदी सेवी-पर्यावरण प्रेमी
भारत को भारत कहा जाए का आव्हान करने वाला एक भारतीय
सम्पादकीय
विदेश की धरती पर भारतीय मित्र परिवारों से मिला अद्भुत प्यार व सम्मान से मन हुआ प्रसन्नचित
‘भारत को केवल ‘भारत’ ही बोला जाए’ घ्र्Dघ्A नहीं अभियान की सफलता के लिए जब मैं ‘अमेरिका’ में स्थापित ‘न्यू यॉर्क’ व प्यारी सी नगरी ‘न्यू जर्सी’ गया, तो वहां का वातावरण देख अति प्रसन्नता हुई, वहां पर भारत के विभिन्न समुदायों की संस्थाओं से जब संपर्क किया तो हर किसी ने एक ही बात कही कि हम तो अपने देश को ‘भारत’ ही बोलना व लिखना चाहते हैं, लेकिन यहां पर हमारे देश को घ्र्Dघ्A के नाम से ही जाना जाता है, हमें पता ही नहीं था कि ‘भारत’ की धरती पर यह अभियान छिड़ा हुआ है कि अब अपने देश का नाम केवल ‘भारत’ ही रहे, जब मैंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, भारत सरकार से पंजीकृत ‘मैं भारत हूं फाऊंडेशन’ ने विभिन्न २२ भारतीय भाषाओं में राष्ट्रीय गीत का निर्माण किया है, तो हर किसी ने उस गीत को सुना, सराहना की और खुशियां जाहिर की, यह तो बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था, लेकिन कहते हैं ना ‘जब जागो तब सवेरा’ बहुत ही खुशी हुई विदेश में रहने वाले भारतीय परिवारों को कि अपने देश का नाम बहुत ही जल्द विश्व के मानचित्र (उथ्ध्ँE) में घ्र्Dघ्A की जगह ‘भारत’ लिखा जाएगा।
‘भारत नाम सम्मान’ राष्ट्रीय गीत को सुनकर विदेश में प्रवासित भारतीयों ने एक ही बात कही ‘जय भारत’!
कहते हैं तकलीफें चाहें जितनी भी आएं
कमर कस मेहनत पर उतर जाएं
‘भारत’ नाम के झंडे को हम विश्व में लहराएं
विदेश की धरती का अनुभव तो आपके समक्ष मैं व्यक्त करता ही रहूंगा, लेकिन जिस प्रकार विदेश में रहने वाले भारतीय परिवारों का मुझे प्यार मिला, उसके लिए मैं सभी भारत मां के लाडलों को धन्यवाद देना चाहूंगा कि वे सभी साथ दें, सहयोग दें, तो एक दिन जरूर विश्व में ‘भारत’ नाम का झंडा लहराएगा और ‘जय भारत’ का उद्घोष बुलंदी पर होगा।
‘भारत’ का एक राज्य ‘राजस्थान’ का एक ऐतिहासिक व धार्मिक शहर ‘लाडनूं’ का प्रस्तुत ऐतिहासिक विशेषांक कैसा लगा, जरूर बताएं, साथ ही ‘महेश नवमी’ के पर्व पर हुए ‘भारत’ के हर जगह कार्यक्रम हुए, उसकी प्रस्तुति पढ़कर जरूर बताएं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की पत्रिका ‘मेरा राजस्थान’ का प्रस्तुत विशेषांक आप सभी को कैसा लगा, आपका मार्गदर्शन आगामी विशेषांकों को और भी पठनीय बनाएगा।
जय जय राजस्थान!