

महाराष्ट्र की भूमि पर देखा गया राजस्थान
दिनांक २३ मार्च २०१९ को ‘आपणों राजस्थान’ कार्यक्रम के दूसरे दिन की शुरूवात बड़े हर्षोल्लास व उमंग भरी रही, कार्यक्रम की शुरूवात नैनमल सुराणा फांउडेशन के ट्रस्टी श्री कैलाश सुराणा, सतीश सुराणा, सुमन अग्रवाल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया, सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रारंभ पाश्र्वगायक व संगीतकार रवि जैन ने गीत के माध्यम से किया, जिसमें उनका सहयोग दिया गायिका अर्चना जैन ने दिया, राजस्थानी महिला मण्डल की बच्चियों ने कथक नृत्य प्रस्तुत कर सभी को अपनी ओर आकर्षित कर किया। नृत्यांगना बरखा पंडित के ‘इंजन की सीटी’ पर नृत्य प्रस्तुती से सभी दर्शक झुम उठे। राजस्थान लोखण्डवाला मंडल के तीन......
विशेष सूचना जांगिड़ समाज के लिए
दिनांक ३ मार्च, २०१९ को अ.भा.जां.ब्रा. महासभा, दिल्ली-राजस्थान की त्रैमासिक मीटिंग प्रात: १० बजे कल्याण मंडप, विजय दुर्गा संस्थान, गांव-केरी, पोण्डा, गोवा-४०३४०१ में महासभा प्रधान श्री रविशंकर शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की जा रही है। सम्पर्क: सुनील कुमार जांगिड ९३२६१०२८०१ (पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोवा), सांवरमल जांगिड-९४२३८८५७३७, जोराराम जोपिंग-९८२२१०४२७४ (प्रदेश अध्यक्ष गोवा) ओमप्रकाश जांगिड-९८२२१६७८९९, भंवरलाल सुतार-९८२२१६८७५८, जोगाराम जांगिड-७८७५०००७३२ – चन्द्रपाल भारद्वाज, महामंत्री महासभा श्री विश्वकर्मा जांगिड ब्राह्मण सामूहिक विवाह आयोजन समिति कोटपूतली द्वारा द्वितीय नि:शुल्क सामूहिक विवाह १४ अप्रैल को श्री विश्वकर्मा जांगिड ब्राह्मण सामूहिक विवाह आयोजन समिति कोटपूतली, जयपुर द्वारा द्वितीय नि:शुल्क विवाह का आयोजन १४ अप्रैल, २०१९ को लालचन्द......
‘चोरी-चोरी नजरें मिलीं’ रंगारंग समारोह का आयोजन
देश के विकास में अग्रवाल समाज का अहम योगदान मुंबई: संगीत की सुरमई शाम में अग्रवाल समाज ने संगठित होकर विकास की मंजिल को तय करने का संकल्प लिया है। अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन, मुंबई की ओर से वरली स्थित नेहरू सेंटर ऑडिटोरियम में गीत-संगीत व नृत्य के रंगारंग समारोह ‘चोरी-चोरी नजरें मिली’ में जब पाश्र्वगायिका संजीवनी भेलांडे व गायक शिवप्रसाद माल्या ने पुरानी फिल्मों के गीत प्रस्तुत किए तो उपस्थित अग्रवाल समाज झूम उठा। अग्रवाल सम्मेलन मुंबई के अध्यक्ष शिवकांत खेतान ने कहा कि अग्रवाल समाज का देश को न सिर्फ आर्थिक ढांचागत तरक्की देने में योगदान है, बल्कि यह......
शीतला अष्टमी
शीतला अष्टमी हिन्दुओं का त्योहार है जिसमें शीतला माता के व्रत और पूजन किये जाते हैं। ये होली सम्पन्न होने के अगले सप्ताह के बाद करते हैं। प्राय: शीतला देवी की पूजा चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि से प्रारंभ होती है, लेकिन कुछ स्थानों पर इनकी पूजा होली के बाद पड़ने वाले पहले सोमवार अथवा गुरुवार के दिन ही की जाती है। भगवती शीतला की पूजा का विधान भी विशिष्ट होता है। शीतलाष्टमी के एक दिन पूर्व उन्हें भोग लगाने के लिए बासी खाने का भोग यानि बसौड़ा तैयार कर लिया जाता है। अष्टमी के दिन बासी पदार्थ......
होली आई रे…
फागुन आते ही चहुं ओर होली के रंग दिखाई देने लगते हैं, जगह-जगह होली मिलन समारोहों का आयोजन होने लगता है, होली हर्षाेल्लास, उमंग और रंगों का पर्व है, यह पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, इससे एक दिन पूर्व होलिका जलाई जाती है, जिसे होलिका दहन कहा जाता है। दूसरे दिन रंग खेला जाता है, जिसे धुलेंडी, धुरखेल तथ धूलिवंदन कहा जाता है। लोग एक-दूसरे को रंग, अबीरगुलाल लगाते हैं। रंग में भरे लोगों की टोलियां नाचती-गाती गांव-शहर में घूमती रहती हैं। ढोल बजाते और होली के गीत गाते लोग मार्ग में आते-जाते लोगों को रंग लगाते......