भारतीय भाषा अपनाओ अभियान की सफलता के लिए भारतीय भाषा सम्मान यात्रा का आयोजन २५ दिसम्बर २०१८ को मुंबई से दिल्ली की ओर प्रस्थान
by admin · Published · Updated
भारतीय भाषा अपनाओ अभियान
गतांक से आगे २५ दिसम्बर को शुरू हुई भारतीय भाषा सम्मान यात्रा विभिन्न पड़ावों को पार करते हुए २९ दिसंबर २०१८ को यात्रा दल सेलम पहुंचे, सेलम में सर्वप्रथम श्री दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष विमल जी पाटनी व कार्यभार संभालने वाले श्री अजय जी ने सब का स्वागत किया और एक सभा का आयोजन किया गया, सभा में जब सभी को पता चला कि हमारे देश भारत की कोई राष्ट्रभाषा नहीं है, सभी को काफी दुख हुआ, मलाल हुआ और अपने विचार व्यक्त किए कि बिजय कुमार जी आप आगे बढ़ें, हमारा तन-मन-धन के साथ आपको सहयोग रहेगा, सभी का धन्यवाद किया गया, सभी लोग वापस विश्राम स्थल पर आए और सुबह की तैयारी में व्यस्त हो गए। दिनांक ३० दिसम्बर २०१८ को चेन्नई के लिए प्रस्थान किया गया। तमिल हमारी मातृभाषा है हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा -तमिलनाडु निवासी दिनांक ३० दिसंबर २०१८ को यात्रा तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई पहुंची, चेन्नई के पोरुर तीर्थ में सभा की व्यवस्था की गई थी, सभी ने वहां पर दोपहर के भोजन का आनंद लिया। सभा में उपस्थित लोगों ने कहा कि बहुत ही अच्छा काम है, तमिलनाडु की धरती और तमिलनाडु के निवासी हिंदी बने राष्ट्रभाषा अभियान का पूरा सहयोग करेंगे क्योंकि आप पहले मातृभाषा की बात कर रहे हैं तो इसमें तमिलनाडु का कहीं पर भी कोई विरोध नहीं रहेगा और कहा कि बहुत ही नेक और उत्तम कार्य है जो काम ७२ वर्ष पहले होना चाहिए था वह आज आप के नेतृत्व में हो रहा है इसके लिए हम सभी तमिलनाडु निवासी आपको धन्यवाद देते हैं। चेन्नई होते हुए यात्रा नेल्लोर पहुंची। तत्पश्चा विजयवाडा के लिए रवाना हुई।
दिनांक ३१ दिसंबर २०१८ साल का अंतिम दिन सभी हैदराबाद पहुंचे, हैदराबाद में हिंदी मैत्री मंच के अध्यक्ष डॉ रियाज अंसारी व प्रोफ़ेसर विद्याधर जी ने यात्रा दल का स्वागत किया। सभा का आयोजन हिंदी विद्या मंदिर में किया गया था। भारी संख्या में शिक्षकों की उपस्थिति थी। अध्यक्षता डॉ अंसारी ने किया व डॉ रजनी ने आभार व्यक्त किया। सभा में उपस्थित शिक्षकों ने कहा कि जैन साहेब २०१९ में हिंदी राष्ट्रभाषा बनकर रहेगी ऐसी हमारी शुभकामनाएं हैं। सभा का समापन रात्रि ८:३० बजे राष्ट्रगान के साथ हुआ। दिनांक १ जनवरी २०१९ वर्ष का प्रथम दिन हम सभी हैदराबाद से आदिलाबाद पहुंचे। अदिलाबाद में स्वागत स्थानीय निवासी बजरंग लाल जी अग्रवाल के यहाँ हुआ। सर्वप्रथम सभी ने दोपहर का भोजन किया। सभा में चर्चा हुई कि क्यों आज तक हमारे देश की राष्ट्रभाषा नहीं बन पाई है,सभी को जानकारी दी गई और इंडिया का विस्तृत रूप बताया गया तो सभी ने जोरदार स्वर में कहा कि अब हम हमारे देश को भारत कहेंगे, हमारे देश का नाम भारत है और इसका प्रचार-प्रसार हम जोरदार तरीके से करेंगे, हमारे व्यापार में हर जगह हम भारत ही लिखेंगे, भारत ही कहेंगे, भारत ही बोलेंगे, सभा का समापन राष्ट्रगान के द्वारा हुआ। दिनांक १ जनवरी २०१९ वर्ष का प्रथम दिन संध्या को हम सभी नागपुर पहुंचे, नागपुर में श्री दिगंबर जैन भवन में सभा का आयोजन किया गया था। सभा में भारी संख्या में राष्ट्रभाषा प्रेमी उपस्थित हुए थे,सभी लोगों ने जानना चाहा कि आज तक हमारी भारत की राष्ट्रभाषा क्यों नहीं बन पाई? जब उन्हें विस्तृत जानकारी मिली तो सभी को दुख भी पहुंचा और आज तक की अनभिज्ञता के लिए शर्मिंदा भी हुए ,सभी ने यह भी कहा कि कैसे हमारे देश की राष्ट्रभाषा बने बिजय कुमार जी, हमें बताइए कि हमें क्या करना है, हम सभी, हर प्रकार से आपके साथ हैं, हम ही नहीं, एक दिन पूरा देश आपके साथ होगा, हम सभी तन मन से आपके अभियान का समर्थन करते हैं और विश्वास दिलाते हैं कि आपका ये अभियान सफल होकर रहेगा। सभा में उपस्थित राष्ट्रभाषा प्रेमियों ने आचार्यश्री विद्यासागर जी को नमोस्तु करते हुए कहा कि यह अभियान आचार्य श्री का नहीं एक दिन पूरे देश का होगा, आचार्य श्री का सपना जरूर पूरा होगा। सभा में उपस्थित सर्वश्री नरेश पाटनी, जय कुमार जैन, किशोर कुमार जैन, अधीर जैन,अरुण पाटोदी, सुमत लल्ला जैन, हस्तीमल कटारिया, अजय कासलीवाल, हुकुमचंद सेठी, रतन लाल गंगवाल, अशोक कुमार जैन,अभय जैन, विनय वीरेंद्र जैन, निकेश विमलचंद जैन, कमल कुमार बडजाते, दीपक जवेरी, राजकुमार जैन, अनीश जैन (पत्रकार) डा सुश्री रीचा जैन आदि की उपस्थिति रही सभा का समापन राष्ट्रगान से हुआ।
२ जनवरी २०१९ को नरसिंहपुर पहुंचे, मध्यप्रदेश का वो क्षेत्र जहाँ हमारा स्वागत ही नहीं हुआ, छात्रों से साक्षात्कार का मौका भी मिला, जब बच्चों को बताया कि हमारे देश की कोई राष्ट्रभाषा नहीं है जो कि होनी चाहिए, बच्चों ने जोरदार आवाज में कहा कि क्या हमारा देश आजाद नहीं है, हमारे देश की आवाज कौन सी है? नरसिंहपुर के साथियों ने हमारा सम्मान कर दोपहर के भोजन के साथ सभा ने विदा किया और कहा कि नरसिंहपुर का बच्चा-बच्चा आपके साथ है। दिनांक २ जनवरी २०१९ को सभी उत्तर प्रदेश स्थित खुरई पहुँचे, जहाँ आचार्य श्री विद्यासागर जी प्रवास के दौरान विराजमान थे, सभी ने आचार्यश्री के दर्शन किए, हमने भारतीय भाषा सम्मान यात्रा के बारे में विवरणों के साथ बताया, आचार्य श्री ने कहा कि दो बातों का ख्याल रखना, हिंदी बने राष्ट्रभाषा आंदोलन अहिंसा पूर्वक हो,जैनों का आंदोलन नहीं जन-जन का आंदोलन बने, हमने कहा कि आचार्य श्री आपके निर्देशों का पालन होगा और विश्वास दिलाते हैं कि जब तक भारत सरकार हिंदी बनें राष्ट्रभाषा पर निर्णय नहीं ले लेती, हम दिल्ली से बाहर नहीं जायेंगे। आचार्यश्री ने दोनों हाथ उठा कर आशीर्वाद दिया और कहा कि सब कुछ ठीक हो जाएगा। ३ जनवरी २०१९ को यात्रा ग्वालियर पहुंची, ग्वालियर के छात्रावास में हम सभी का स्वागत हुआ और भारी संख्या में उपस्थित छात्रों ने सम्मिलित आवाज में कहा कि राष्ट्रपति जी हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलवाइये और भारत को भारत बोलने के लिए हमें आशीर्वाद दीजिए, इस निवेदन को रिकॉर्डिग किया गया और यह प्रयास किया जायेगा कि यह निवेदन माननीय राष्ट्रपति जी भारत के हाथों सुपुर्द कर सकें। हमारी मुलाकात सत्यनारायण जी जटिया से भी हुई जो राज्यसभा के सदस्य भी हैं साथ ही राजभाषा विभाग के उपाध्यक्ष, उन्होंने कहा जैन साहब आपकी भावना बहुत अच्छी है, हिंदी को मैं भी सम्मान दिलाना चाहता हूं, मैं भी जैन हूँ आचार्य श्री विद्यासागर जी का भक्त हूँ लेकिन आपसे निवेदन करता हूं कि आपके पास जिद के साथ जुनून भी है कृपया जुनून को बरकरार रखें और जिद को छोड़ दें कारण यह है कि यह सिलसिला जारी रहेगा तो ही हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान मिल पाएगा, आदरणीय जटिया जी ने हमें मिठाई खिलाई और विदा किया।
दिनांक ६ जनवरी २०१९ को जयपुर पहुंचे, यहां पर हमारे प्रिय मित्र व भाषा प्रेमी अरुण अग्रवाल जी के निवास स्थल पर हमने नाश्ता किया, अरुण जी को हमने बताया कि हमारा अभियान राजस्थान में पहले राजस्थानी फिर अपनी राष्ट्रभाषा बने,साथ ही भारत को भारत बोला जाए, अरुण जी ने कहा कि बिजय कुमार जी मैं तो भाषा प्रेमी हूँ, आपका यह नारा पहले मातृभाषा फिर राष्ट्रभाषा का मैं पूण समर्थन करता हूं और आपके कहे अनुसार हम जयपुर में नहीं पूरे राजस्थान में ३० जनवरी २०१९ को महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर हम मूक रैली का आयोजन करेंगे और सभी को बताएंगे कि ‘राष्ट्रभाषा बिना भारत गूंगा है’ विश्वास दिलाता हूं कि जैन साहब एक दिन पूरा भारत राष्ट्रभाषा के लिए आंदोलन करेगा, आपकी भावना का समर्थन करेगा।हिंदी बने राष्ट्रभाषा अभियान की सफलता के लिए हमने मुनि पुंगव श्री सुधासागर जी के दर्शन किए सभी आवां पहुंचे वहां मुनि पुंगव श्रीसुधासागर जी के दर्शन हुए, सुधा सागर जी ने दोनों हाथों से आशीर्वाद दिया कहा कि आप बहुत अच्छा काम कर रहे हो, उसके बाद हमने मुनिश्री निष्कंप सागर जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया, क्षुल्लक श्री १०५ धैर्य सागर जी महाराज ने कहा कि आपको २६ जनवरी के पूर्व संध्या के पहले जब आदरणीय राष्ट्रपति जी का उद्बोधन होता है उसके पहले भारत भर के हर कलेक्टर-एसडीएम के पास राष्ट्रभाषा बने अभियान का पत्र देना चाहिए, आदरणीय राष्ट्रपति जी के नाम, ताकि उनके उद्बोधन के पहले यह विषय भी शामिल हो जाए, साथ ही उन्होंने कहा कि आप लोगों को इस अभियान से जितने भी धर्म भारत में है उन सभी के गुरु भगवंत को व बड़े सामाजिक पद पर बैठे अध्यक्षों से संपर्क कर उन सभी को जोड़ने का प्रयास करना चाहिए ताकि ‘हिंदी बने राष्ट्रभाषा’ अभियान सफल हो जाये, तत्पश्चात् हमने क्षुल्लक श्री १०५ गंभीर सागर जी महाराज के दर्शन किए,आशीर्वाद लिया, संध्या का भोजन कर आंवा से प्रस्थान कर गए।श्री १००८ मुनिसुव्रत नाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र स्वस्तिधाम जहाजपुर में दिनांक ६ जनवरी २०१९ को हम सभी परम पूज्य विदुषी लेखिका आर्यिका शिरोमणि श्री १०५ स्वस्ति भूषण माताजी के दर्शन किए, हमने आर्यिका श्री को बताया कि आज तक हमारी कोई राष्ट्रभाषा नहीं बन पाई है और हमारे भारत का नाम भारत होना चाहिए, इस निवेदन को सुनते ही आर्यिका श्री ने कहा कि बहुत ही बढ़िया काम कर रहे हो, मेरी आपको शुभकामनाएं हैं सफलता न मिलने पर नए-नए रास्ते चुनना, सफलता जरूर मिलेगी, यह मेरा आशीर्वाद है मैं अब अपने प्रवचन में भी हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलाने का निवेदन करती रहूंगी, अपने सभी श्रावकगणों से, आर्यिका श्री का आशीर्वाद लेकर हम केसरिया तीर्थ की तरफ आगे बढ़े। दिनांक ७ जनवरी २०१९ को हम सभी श्री जैन श्वेतांबर मंदिर पावागढ़ तीर्थ पहुंचे वहां हमारे दर्शन मुनि श्री पूर्णचंद्र विजय जी महाराज साहब, जो वल्लभ समुदाय से आते हैं, उनके दर्शन किए उन्होंने कहा की बहुत ही अच्छे विचार है, देश की अपनी एक राष्ट्रभाषा तो होनी ही चाहिए हमारे देश का नाम तो भारत है, मैं पूर्ण रूप से समर्थन करता हूं और कुछ ही दिनों में बल्लभ समुदाय से मैं इस भावना का परिचय करवा दूंगा, उन्होंने यह भी कहा कि आप बड़ौदा निवासी नीरज भाई जैन अधिवक्ता से संपर्क करें वह भी इसी विचार से हैं और आपका साथ भी देंगे, समर्थन भी देंगे हम सभी ने उनके दर्शन आशीर्वाद लिया, मांगलिक लिया और मुंबई की तरफ आगे बढ़े। रास्ते में लोगों की तबियत खराब होने लगी, ड्राईवर मंगेश की तबियत कुछ ज्यादा ही खराब हो गयी हम सभी ने विचार किया कि बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बड़ौदा, सूरत की यात्रा कमी अगले बार करेंगे, हम सभी को जल्द ही मुंबई पहुंच जाना चाहिए, करीब ११.३० रात्री, ७ जनवरी २०१९ को हम सभी मुंबई पहुंचे।
मेरा राजस्थान