


Previous
Next
शुभ दीपावली
रंगोली भारत की प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा और लोक-कला है, अलगअलग प्रदेशों में रंगोली के नाम और उसकी शैली में भिन्नता हो सकती है लेकिन इसके पीछे निहित भावना और संस्कृति में पर्याप्त समानता है, इसकी यही विशेषता इसे विविधता देती है और इसके विभिन्न आयामों को भी प्रदर्शित करती है, सामान्यत: त्योहार, व्रत, पूजा, उत्सव विवाह आदि शुभ अवसरों पर सूखे और प्राकृतिक रंगों से बनाया जाता है, इसमें साधारण ज्यामितिक आकार हो सकते हैं या फिर देवी-देवताओं की आकृतियाँ, इनका प्रयोजन सजावट और सुमंगल है, इन्हें प्राय: घर की महिलाएँ बनाती हैं। विभिन्न अवसरों पर बनाई जाने वाली इन पारंपरिक... ...
लक्ष्मीपूजन व्रत
दीपावली अथवा लक्ष्मीपूजन का व्रत और महोत्सव आज लोकमानस में इस प्रकार रम गया है कि उसे उससे पृथक् करने की कल्पना नहीं की जा सकती, इस महोत्सव पर यदि कार्तिक कृष्ण अमावस चित्रा और स्वातियोग में हो तो उसे उत्तम माना गया है, विधि-विधान : प्रात:काल जल्दी उठकर तेल मालिश अथवा उबटन कर स्नानादि से निवृत्त होकर देवताओं और पितरों को प्रणाम करें और उनकी पूजा करें, इस दिन तीसरे प्रहर में पितरों के लिए ‘श्राद्ध’ करें और तरहतरह के पकवान बनावें तथा उनका भोग लगावें। श्राद्ध कराने वाले ब्राह्मणों को भी भोजन करावें। परिवार के सभी वृद्धजनों और बच्चों... ...
पांच पर्वों का पर्व
भारत एक विशाल देश है, यहां की विभिन्न जातियां, समुदाय, भाषा-भाषी, विभिन्न धर्मों की मान्यता वाला देश है, इनके रीति-रिवाजों में थोड़ी-बहुत विभिन्नतायें तो हो सकती हैं लेकिन मूल रुप से हिन्दु संस्कृति, एक-रुपता इनमें समाविष्ठ है, यहां अनेकता में एकता की मिसाल है, यहां कुछ पर्व ऐसे हैं जो सभी सम्प्रदाय व धर्म के लोग एकसाथ मिलकर मनाते हैं, उनमें दीपावली का पर्व मुख्य है। भारत जगत गुरु था, ईश्वर की इच्छा यह पावन जग संस्कृति उपजे इसमें, नव विश्व प्रेम का बरसे सावन वसुधा बने कुटुम्ब यह, हो सुन्दर आदर्श हमारा गुलदस्ता है देश हमारा, रंग-बिरंगा प्यारा-प्यारा ‘‘असतो मा... ...
दीपावली के देव कुबेर
तिब्बतवासी कुबेर को धन-वैभव का देवता व उत्तर का स्वामी मानते हैं, चीन में कुबेर की गणना आठ लोकपालों में की जाती है, उन्हें धरती, धन व मनुष्यों का रक्षक बताया गया है। बौद्धधर्म में कुबेर को जंजाल बताया गया है। कुबेर दीपावली के देवता होने के साथ-साथ यक्षों, मनुष्यों तथा दैत्यों के भी देवता स्वीकारे गये हैं प्राचीन काल से भारत में दीपावली यक्ष रात्रि के रुप में मनाई जाती है, इस दिन घरों को दीपकों से सजाकर धन के देवता व रक्षक कुबेर की पूजा बहुतायत में की जाती थी, उस समय उन्हें दीपावली के आदि देवता के रुप... ...
अमेरिका में भारत गौरव सम्मान से अलंकृत
दिनांक ३०-६-२०१३ को रायपुर (छत्तीसगढ़) में हुए महासभा के २७वें सत्र के चुनाव में श्री जोधराजजी लड्ढा सभापति पद पर निर्वाचित हुए। इनके कार्यकाल में महासभा द्वारा कई समाजसेवा मूलक योजनाएं बनाई गई एवं उन्हें मूर्तरूप प्रदान किया गया, जिनमें माहेश्वरी मातोश्री सेवा प्रकोष्ठ योजना एवं माहेश्वरी सर्वांगीण विकास योजना प्रमुख है। दिनांक २६-२७ अक्टूबर २०१३ को सूरत गुजरात में महासभा की प्रथम कार्यसमिति बैठक में माहेश्वरी मातोश्री सेवा प्रकोष्ठ एवं माहेश्वरी सर्वांगीण विकास योजना का गठन हुआ। माहेश्वरी मातोश्री सेवा प्रकोष्ठ के तहत वर्तमान में ७७८ निराश्रित एवं जरूरतमंद बहनों को मासिक १००० रूपए सहायता दी गई एवं माहेश्वरी सर्वांगीण... ...