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दीपोत्सव
पर्व, उत्सव, त्यौहार आदि मनुष्य के जीवन में मनोरंजन, उल्लास व आमोद-प्रमोद के लिये बहुत अनिवार्य है, इस उद्देश्य से हमारी भारतीय संस्कृति में समय-समय पर पर्व, उत्सव व त्यौहार मनाने की परम्परा है, प्रत्येक त्यौहार के पीछे धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राष्ट्रिय व वैज्ञानिक कारण भी है। आई जगमग दिव्य दीपावली मंगलमय दीप जलाये जा हो घट-घट अन्तर उजियारा निज आनन्द रस छलकाये जा जो धर्म का, अपने कर्तव्य का पालन धैर्य से करते हैं, कभी विचलित नहीं होते, उनके यहाँ ही लक्ष्मी निवास करती है। आनन्द, उल्लास, प्रसन्नता, प्रेम बढ़ाने वाला पर्व है दिवाली। भारतीय संस्कृति के इस प्रकाशमय पर्व... ...
मुंबई
अग्रबंधु सेवा समिति मुंबई द्वारा महाराज अग्रसेन जी की ५१४३ जयंती के शुभ अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ भव्य शोभायात्रा का भी आयोजन रविवार दिनांक १४ अक्टूबर २०१८ किया जा रहा है। दोपहर ३ बजे विभिन्न आकर्षक झांकियों, १८ घोड़ों पर राजकुमारों, बैंड-बाजों आदि से सुसज्जित शोभायात्रा, मालाड सोसायटी प्रांगण, पोद्दार पार्व मालाड (पूर्व) से प्रारंभ होकर विभिन्न मार्गों से होते हुए सायं ५.३० बजे कार्यक्रम स्थल सकल नारायण शर्मा सभागृह दत्त मंदिर रोड मिलीटरी के पास मालाड पूर्व पहुँचेगी, तत्पश्चात सायं ६.३० बजे से महाराजा अग्रसेन के जीवन पर आधारित भव्य मंचन का प्रारंभ होगा जो प्रदिप गुप्ता... ...
अग्रवाल विकास ट्रस्ट,
सूरत स्थित अग्रवाल विकास ट्रस्ट द्वारा महाराज अग्रसेनजी की ५१४२ वीं जयंती पर १० अक्टूबर २०१८ को बड़े धूमधाम एवं उल्लासपूर्ण वातावरण व भव्य रूप में आयोजन किया जा रहा है। जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में संस्कृति व खेल के प्रति जागरूकता को सुनिश्चित करने की दिशा में उत्तरोतर अग्रसर होते हुए इस वर्ष भी अनेकों प्रकार के सांस्कृतिक, सामाजिक एवं मनोरंजन प्रतियोगिताएं गरबा, नाटक, पैशन शो, चित्रकला स्पर्धा, वाद-विवाद स्पर्धा आदि का आयोजन किया जा रहा है, साथ ही ट्रस्ट द्वारा इस बार पर्यावरण की सुरक्षा हेतु Recyle-Reuse का बढ़ावा देगा। इस कार्यक्रम के अंतर्गत होने वाली प्रतियोगिताओ का शुभारंभ... ...
शत्रुओं का विनाश करने वाला पर्व विजयादशमी
यदि अपराह्न में श्रवण नक्षत्र हो तो वह और भी उत्तम माना जाता है, दोनों ही दिन यदि श्रवण नक्षत्र आ जाये तो वह और अधिक श्रेष्ठ होता है। श्रवण नक्षत्र में दशमी का योग ‘विजय-योग’ कहलाता है इसलिए इस दशमी को विजयादशमी भी कहते हैं, इस दिन अपराजिता देवी की भी पूजा की जाती है। विधि-विधान – इस दिन चार काम किये जाते हैं- (१) अपराजिता देवी का पूजन (२) सीमा का लांघना (३) शमी (खेजड़ी) का पूजन (४) देशान्तर जाने का प्रस्थान। पहले अपराजिता का पूजन किया जाता है। तीसरे प्रहर ईशान दिशा में गमन करके पवित्र स्थान पर... ...
अगस्त समीक्षा
( हेलो! मेरा राजस्थान) शंकरलाल बडोला अध्यक्ष, राजनगर जैन मित्र मंडल, मुंबईराजसमन्द निवासी-मुंबई प्रवासीभ्रमणध्वनि: ९३२४३७०२५३ मुंबई मेरी कर्मभूमि है, यहां लगभग ३० वर्षों से प्रवासी हूँ, राजस्थान का ‘राजसमन्द’ मेरी जन्मभूमि है जहां मेरा जन्म १९६९ में हुआ व इंटर तक की शिक्षा यहीं सम्पन्न हुई, तत्पश्चात वाणिज्य संकाय से स्नातक की शिक्षा सेठ मथुरादास बिनानी राजकीय परिवार में धर्मपत्नी ३ पुत्रीयां व १ पुत्र है जो अभी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यहॉ हमारा ज्वेलरी का व्यवसाय है, वर्तमान में राजनगर जैन मित्र मंडल में अध्यक्ष पद पर सेवारत हूँ इसके पूर्व संस्था में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहा व... ...