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सिद्ध संत श्री स्वरूपनाथ जी को २०० गांवों ढाणीयों के लोग पुजते है कुल देवता के रूप में

सिद्ध संत श्री स्वरूपनाथ जी को २०० गांवों ढाणीयों के लोग पुजते है कुल देवता के रूप में

सिद्ध संत श्री स्वरूपनाथ जी को २०० गांवों ढाणीयों के लोग पुजते है कुल देवता के रूप में (Siddha Saint Shri Swaroopnath ji The people of 200 villages of Dhanis are worshiped as the total deity)मण्ढी वाले बाबा के नाम से विख्यात दो किलोमीटर पहाड़ी पर स्थित बाबा का मंदिर सिंघाना-अरावली पर्वत श्रृंखला की गुफाओं के उत्तरी छोर में स्थित बनवास के सघन वन के पास ही लोह अयस्क से भरपुर पहाडी की खोह में ‘सिंघाना’ शहर बसा हुआ है, इस कस्बे के नामकरण के बारे में लोग बताते है कि सिंह मारने वाले योद्धाओं के नाम से ही सिंहमार से......
शेखावाटी में सिंघाना

शेखावाटी में सिंघाना

शेखावाटी में सिंघाना (Singhana in Shekhawati in Hindi)‘सिंघाना’ भारत में राजस्थान के झुंझुनूं जिले में स्थित उप-तहसील और पंचायत समिति वाला एक शहर है। यह तांबे के उत्पादन में सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी खेतड़ी कॉपर लिमिटेड के पास स्थित है, जो एशिया की सबसे बड़ी तांबा उत्पादक कंपनी थी। दिल्ली, जयपुर, अलवर और बीकानेर के लिए नियमित अंतराल पर बसें उपलब्ध होने के कारण ‘सिंघाना’ में परिवहन की अच्छी सुविधा है। स्थान ‘सिंघाना’ जिला झुंझुनूं, राजस्थान, भारत में स्थित है। इसके भौगोलिक निर्देशांक २८ष्ट ५’र्‍, ७५ष्ट ५०’E हैं। यह झुंझुनूं से ६० किमी पूर्व, बुहाना से १३ किमी, जयपुर से १६५......
जन-जन की आस्था का केन्द्र है चारभुजानाथ मन्दिर

जन-जन की आस्था का केन्द्र है चारभुजानाथ मन्दिर

जन-जन की आस्था का केन्द्र है चारभुजानाथ मन्दिर (Charbhujanath temple is the center of faith of the people)मूण्डवा: प्राचीनतम मन्दिरों में अहम स्थान रखने वाला चारभुजानाथ मन्दिर सदियों पुराना है। करीब सौ साल से तो यहां दोपहर की सभा चल रही है, जिसमें महिलाएं कीर्तन व ज्ञान चर्चा करती हैं। धार्मिक आस्था का यह प्रमुख केन्द्र शहर के बीचो-बीच सबसे ऊंचे स्थान पर बना हुआ है। मन्दिर का निर्माण विक्रम संवत् १७२७ में हुआ। संवत् १८८१ में मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाया गया। यह मन्दिर पत्थर पर घड़ाई की पुरानी कला को आज भी संजोए हुए है। मन्दिर के भीतरी भाग में......
बंग खांप की कुलदेवी है खांडल माता

बंग खांप की कुलदेवी है खांडल माता

बंग खांप की कुलदेवी है खांडल माता (Khandal Mata is the Kuldevi of Bang Khamp )मूण्डवा: माहेश्वरी समाज में बंग खांप के मूल दो जन्म स्थान माने जाते हैं। प्रथम मूण्डवा तथा दूसरा रेण मूण्डवा की बंग खांप की कुलदेवी खांडल माता, जिसका भव्य मन्दिर राष्ट्रीय राजमार्ग ८९ पर ज्ञान तालाब के पास स्थित है। यहां शारदीय व चैत्र नवरात्री के दौरान देश भर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। मन्दिर का काम पूर्ण होने के बाद वर्तमान में आवासीय कमरों का कार्य प्रगति पर है, यहां ठहरने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी व्यवस्था की गई है।भूमि में थी प्रतिमाबताया जाता है कि......
मूण्डवा की अद्वितीय धरोहर लाखोलाव तालाब है (The unique heritage of Mundwa is Lakholav Pond in Hindi)

मूण्डवा की अद्वितीय धरोहर लाखोलाव तालाब है (The unique heritage of Mundwa is Lakholav Pond in Hindi)

मूण्डवा की अद्वितीय धरोहर लाखोलाव तालाब है (The unique heritage of Mundwa is Lakholav Pond in Hindi) मूण्डवा की अद्वितीय धरोहर लाखोलाव तालाब है (The unique heritage of Mundwa is Lakholav Pond in Hindi) :मूण्डवा नगर की भौगोलिक बसावट अपने आप में वैज्ञानिक दृष्टिकोण लिए हुए है। यह समूचा कस्बा एक टीलेनुमा स्थान पर बसा है। इस कस्बे के प्रमुख चार दिशाओं में चार प्रमुख तालाब है, जो कस्बे की पेयजल समस्या का समाधान करते हुए कस्बेवासियों को बारहों महिने फ्लोराईड मुक्त पानी उपलब्ध करवाते हैं। आज आबादी के बढ़ते दबाव को ध्यान में रखते हुए इन तालाबों के संरक्षण एवं विकास की......
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