मुख्यपृष्ठ

ऐतिहासिक आध्यात्मिक नगरी नापासर ( Historical Spiritual city Napasar in hindi)

ऐतिहासिक आध्यात्मिक नगरी नापासर ( Historical Spiritual city Napasar in hindi)

ऐतिहासिक आध्यात्मिक नगरी नापासर ‘नापासर’ भारत के राजस्थान राज्य में बीकानेर जिले का एक कस्बा है।नापासर कस्बा एक ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धार्मिक धरोहरो को संजोये हुए हर क्षेत्र में प्रगती की ओर अग्रसर होता हुआ बिकानेर ही नहीं पूरे राजस्थान के हृदयपटल पर अपनी छाप बनाये हुए है। इसे बीकानेर के महाराजा गंगासिंह जी के भतीजे, युगदृष्टा कुशल राजनीतिज्ञ नापाजी सांखला ने बीकानेर स्थापना के एक वर्ष बाद संवत् १५४६ में नापासर की नींव रखी, जिसका शिलालेख नाइयों का मोहल्ला, रामसर रोड पर शिव मंदिर के दरवाजे के ऊपर लगा हुआ है। ‘नापासर’ की स्थापना के साथ सांखला, धांधल राजपूतों के साथ राठी, डागा, नाई,... ...
भारत का स्वर्णिम संक्षिप्त इतिहास ( Golden Brief History of Bharat in hindi )

भारत का स्वर्णिम संक्षिप्त इतिहास ( Golden Brief History of Bharat in hindi )

भारत ने अपने इतिहास में किसी भी देश पर हमला नहीं किया है। जब कई संस्कृतियों में ५००० साल पहले घुमंतू वनवासी थे, तब भारतीयों ने सिंधु घाटी (सिंधु घाटी सभ्यता) में हड़प्पा संस्कृति की स्थापना की। भारत का अंग्रेजी में नाम ‘इंडिया’ इं‍डस नदी से बना है, जिसके आस पास की घाटी में आरंभिक सभ्‍यताएं निवास करती थी। आर्य पूजकों में इस इंडस नदी को सिंधु कहा।ईरान से आए आक्रमणकारियों ने सिंधु को हिंदु की तरह प्रयोग किया। ‘हिंदुस्तान’ नाम सिंधु और हिंदु का संयोजन है, जो कि हिंदुओं की भूमि के संदर्भ में प्रयुक्त होता है। शतरंज की खोज भारत में की... ...
अंग्रेज चले गए भारत में India छोड़ गए

अंग्रेज चले गए भारत में India छोड़ गए

अंग्रेज चले गए भारत में India छोड़ गए अंधेरी रात में एक काफिला एक रेगिस्तानी सराय में जाकर ठहरा, उस काफिले के पास सौ ऊंट थे, उन्होंने खूंटियां गाड़कर ऊंट बांधे, किंतु अंत में पाया कि एक ऊंट अनबंधा रह गया है, उनकी एक खूंटी और रस्सी कहीं खो गई थी, अब आधी रात वे कहां खूंटी-रस्सी लेने जाएं!काफिले के सरदार ने सराय मालिक को उठाया – बड़ी कृपा होगी यदि एक खूंटी और रस्सी हमें मिल जाती, ९९ ऊंट बंध गए, एक रह गया–अंधेरी रात है, वह कहीं भटक सकता है।बूढ़ा बोला- मेरे पास न तो रस्सी है और न... ...
१० फरवरी २०२१ को संभावित ‘भारत सम्मान दीपोमय यात्रा’ सफल होगी

१० फरवरी २०२१ को संभावित ‘भारत सम्मान दीपोमय यात्रा’ सफल होगी

१० फरवरी २०२१ को संभावित ‘भारत सम्मान दीपोमय यात्रा’ सफल होगी वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक बिजय कुमार जैन द्वारा आव्हान ‘भारत सम्मान दीपोमय यात्रा’ :जब हम किसी नाम का उल्लेख करते हैं तो उनके सामाजिक व मनोवैज्ञानिक मायने तो होता ही हैं, साथ ही उसका अपना अस्तित्व व ताकत भी होता है ‘भारत’ में भी वही ताकत है, इसी तत्थ को सोचने, समझने व बनाए रखने के लिए, १० फरवरी से २१ फरवरी २०२१ को ‘भारत सम्मान दीपोमय यात्रा’ का आयोजन किया गया है, इस यात्रा को सफल बनाने के उद्देश्य से ‘मैं भारत हूँ’ समूह द्वारा गत १३ दिसम्बर २०२०... ...